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दिल्ली के कई हिस्सों में शुक्रवार को 12 घंटे तक पानी की आपूर्ति ठप रहेगी

नई दिल्ली। राष्ट्रीय राजधानी में रखरखाव के कार्य के दौरान शुक्रवार को कुछ हिस्सों में 12 घंटे तक जलापूर्ति ठप रहेगी। दिल्ली जल बोर्ड ने मंगलवार को यह जानकारी दी। यहां मंगलवार को जारी एक बयान के अनुसार, जलापूर्ति बाधित होने से इंद्रपुरी, मायापुरी, टोडा पुर गांव, दशघरा, सी-ब्लॉक जेजेआर, नारायणा गांव, नारायणा विहार, कृषि कुंज, मानसरोवर गार्डन, रमेश नगर, एमईएस और कीर्ति नगर भूमिगत जलाशय (यूजीआर) के कमान क्षेत्र, एचएमपी कॉलोनी प्रभावित क्षेत्र रहेंगे। बयान में कहा गया है, ” नारायणा मेन में राजौरी गार्डन मेट्रो स्टेशन के पिलर संख्या- 415 के पास 800 मिलीमीटर व्यास वाली नई बिछाई गई लूप लाइन को जोड़ने से संबंधित कार्य के कारण 25 सितंबर को सुबह 10 बजे से रात 10 बजे तक 12 घंटे के लिए इन क्षेत्रों में पानी की आपूर्ति नहीं होगी या फिर कम दबाव के साथ ही उपलब्ध हो सकेगी।” दिल्ली जल बोर्ड (डीजेबी) ने लोगों को अपनी आवश्यकता के अनुसार पहले से पर्याप्त मात्रा में पानी का भंडारण करने और आपूर्ति बंद रहने के दौरान पानी का विवेकपूर्ण उपयोग करने की सलाह दी है। बयान के अनुसार, डीजेबी हेल्पलाइन या केंद्रीय नियंत्रण कक्ष से मांग पर पानी के टैंकर उपलब्ध होंगे।

जागरूकता से ब्रेस्ट कैंसर को पराजित करना संभव : केंद्रीय मंत्री अन्नपूर्णा देवी

नई दिल्ली। ब्रेस्ट कैंसर की जाँच के लिए नई दिल्ली विश्वविद्यालय के दयाल सिंह कॉलेज में निःशुल्क जाँच कैम्प लगाया गया। कैम्प में आई सैकड़ों महिलाओं की थर्मल तकनीक से कैंसर जाँच कराई गई। इसका आयोजन भाजपा महिला मोर्चा की महामंत्री प्रियल भारद्वाज और संगिनी सहेली संस्था द्वारा किया गया था। इस अवसर पर अपने संदेश में केंद्रीय महिला एवं बाल कल्याण मंत्री अन्नूपूर्णा देवी ने कहा कि ब्रेस्ट कैंसर का अगर समय पर पता चल जाये तो पूरी तरह इलाज संभव है। इसलिए ज़्यादा से ज़्यादा महिलाओं को इस संबंध में जागरूक करने की ज़रूरत है। उन्होंने प्रियल भारद्वाज और संगिनी सहेली संस्था की सराहना करते हुए कहा कि इस तरह के निःशुल्क कैम्प लगाकर जाँच की सुविधा उपलब्ध कराना बहुत ही अच्छा क़दम है। उन्होंने कहा आज लाखों की संख्या में महिलाएँ इस बीमारी की चपेट में आती हैं। लेकिन जागरूकता और सही समय पर जाँच कराकर बहुत सी महिलाएँ इस बीमारी पर जीत हासिल करती हैं।

दिल्ली बीजेपी महिला मोर्चा की महामंत्री प्रियल भारद्वाज ने कहा कि हमने महिलाओं की इस बड़ी समस्या को रेखांकित करते हुए जागरूकता और जाँच की मुहिम चलाने का निर्णय किया। उन्होंने कहा कि इस तरह के कैम्प भविष्य में भी आयोजित होते रहेंगे। उन्होंने कहा कि बीमारी का कोई भी लक्षण नज़र आये तो तुरंत जाँच कराना ज़रूरी है। दरअसल इस बीमारी का पहला इलाज जागरूक रहना और समय पर जाँच कराना ही है। आयोजन में स्वायतता समूह से जुड़ी महिलायें बड़ी संख्या में शामिल हुई और मुफ़्त जाँच का लाभ उठाया। इस मौक़े पर दयाल सिंह कॉलेज प्रधानाचार्य विनोद पालीवाल, उपप्रधानाचार्य नवनीत मानव बीरेंद्र कुमार शर्मा एंड्रयूज गंज मंडल अध्यक्ष रोहित बसोया प्रवक्ता युवा मोर्चा समेत तमाम कार्यकर्ता मौजूद रहे।

लोगों को मिलावटी खाद्य उत्पाद का उपभोग करने को मजबूर नहीं किया जा सकता : दिल्ली हाईकोर्ट

दिल्ली उच्च न्यायालय ने मंगलवार को उपयोग अवधि बीत गए खाद्य उत्पादों की बिक्री पर चिंता जताई जिन्हें नये पैकेज एवं ब्रांड और नयी प्रयोग अवधि की तारीख के साथ बाजार में उतारा जाता है। उन्होंने कहा कि लोगों को ‘मिलावटी’ खाद्य उत्पाद का उपभोग करने को मजबूर नहीं किया जा सकता है। उच्च न्यायालय ने कहा कि किसी को भी उपयोग अवधि समाप्त हो चुकी वस्तुएं बेचने की इजाजत नहीं दी जा सकती और यह व्यवसाय नहीं हो सकता। मुख्य न्यायाधीश मनमोहन और न्यायमूर्ति तुषार राव गेडेला की पीठ ने कहा, ”दिल्ली में लोगों को मिलावटी भोजन नहीं मिलना चाहिए। हमें सुझाव दीजिए कि इससे कैसे निपटा जा सकता है।” पीठ एक जनहित याचिका पर सुनवाई कर रही थी, जो उपयोग अवधि समाप्त हो चुके उत्पादों को नई उपयोग अवधि तिथियों के साथ पुनः पैक किए जाने के कई मामले सामने आने के बाद स्वतः संज्ञान लेकर शुरू की गयी है। अधिवक्ता श्वेताश्री मजूमदार बतौर न्याय मित्र न्यायालय की सहायता कर रही हैं।

उन्होंने अपनी रिपोर्ट जमा की और सुझाव दिया कि सभी पैक किए गए खाद्य पदार्थों के लिए निर्माताओं द्वारा एक क्यूआर कोड तैयार किया जा सकता है, जिससे उत्पादों की मूल समाप्ति तिथियों को ट्रैक करने में मदद मिलेगी। उन्होंने कहा कि इस मुद्दे से निपटने के लिए कानून पहले से ही मौजूद है, लेकिन उल्लंघन के लिए निर्धारित दंड भयभीत करने वाला नहीं हैं और अधिक निवारक सुनिश्चित करने के लिए उन पर पुनर्विचार किया जाना चाहिए। न्यायमित्र ने कहा, ”खाद्य व्यवसाय संचालकों को सभी खाद्य उत्पादों को एक अद्वितीय वर्ण संख्या आधारित कोड या एक क्यूआर कोड के साथ चिह्नित करने का निर्देश दिया जाना चाहिए, जिसे एक केंद्रीकृत डेटाबेस के द्वारा एफएसएसएआई प्रतिनिधि द्वारा जांच की जा सके। इससे किसी उत्पाद की बैच संख्या और उपयोग तिथि तुरंत और मौके पर ही पता चल जाएगी ताकि यह पता लगाने के लिए परीक्षण और नमूना लेने की आवश्यकता न पड़े कि लेबल पर समाप्ति तिथि और अन्य जानकारी के साथ छेड़छाड़ की गई है या नहीं।”

उन्होंने कहा कि यह कुछ निश्चित दवा उत्पादों की ‘ट्रैकिंग और ट्रेसिंग’ के लिए केंद्रीय स्वास्थ्य मंत्रालय द्वारा लगाए गए अनिवार्य क्यूआर कोड की आवश्यकता के समान होगा और उल्लंघनकर्ताओं के खिलाफ त्वरित कार्रवाई करने में सहायता करेगा। अदालत ने अधिकारियों से सुझाव देने को कहा कि वे नमूना संग्रहण और परीक्षण को बढ़ाने की किस प्रकार योजना बना रहे हैं। पीठ ने दिल्ली पुलिस को मामले में ताजा स्थिति रिपोर्ट दाखिल करने का निर्देश दिया। कुछ कथित जालसाज जो उपयोग अवधि समाप्त हो चुकी चॉकलेट को दोबारा पैक करके बेचते पाए गए थे, को अगली सुनवाई पर व्यक्तिगत रूप से अदालत में उपस्थित होने को कहा। पीठ ने कथित जालसाजों का पक्ष रख रहे वकील से कहा, ”आप उपयोग अवधि समाप्त हो चुके खाद्य पदार्थ नहीं बेच सकते। यह व्यवसाय नहीं हो सकता। अपने मुवक्किलों से कहें कि वे अगली बार व्यक्तिगत रूप से अदालत में उपस्थित रहें।” अदालत ने इससे पहले केंद्र सरकार, दिल्ली सरकार, भारतीय खाद्य सुरक्षा एवं मानक प्राधिकरण (एफएसएसएआई) और दिल्ली पुलिस को नोटिस जारी कर मामले पर जवाब मांगा था। न्यायमूर्ति प्रतिभा एम सिंह द्वारा मामले को न्यायिक पक्ष में विचार हेतु खंडपीठ को भेजे जाने के बाद स्वत: संज्ञान लेकर जनहित याचिका शुरू की गई।

असम में पुलिस मुठभेड़ का मामला ”बहुत गंभीर”, रिपोर्ट दाखिल करें : सुप्रीम कोर्ट

नई दिल्ली। उच्चतम न्यायालय ने असम पुलिस द्वारा मई 2021 से अगस्त 2022 तक की गयी 171 मुठभेड़ों से जुड़े मुद्दे को ‘बहुत गंभीर’ करार देते हुए इन मामलों की जांच सहित विस्तृत जानकारी तलब की। न्यायमूर्ति सूर्यकांत और न्यायमूर्ति उज्ज्ल भुइयां की पीठ जनवरी 2023 में गौहाटी उच्च न्यायालय द्वारा दिए गए फैसले को चुनौती देने के लिए दाखिल याचिका पर सुनवाई कर रही थी। उच्च न्यायालय ने असम पुलिस द्वारा की गयी मुठभेड़ों पर चिंता जताते हुए दाखिल जनहित याचिका को खारिज कर दिया था। उच्च न्यायालय ने अपने आदेश में असम सरकार द्वारा उसके समक्ष दायर हलफनामे का हवाला दिया था जिसमें कहा गया था कि मई 2021 से अगस्त 2022 तक मुठभेड़ की 171 घटनाएं हुईं जिनमें हिरासत में मौजूद चार कैदियों सहित 56 लोगों की मौत हुई और 145 घायल हुए। शीर्ष अदालत ने मंगलवार को सुनवाई के दौरान कहा, ”यह बेहद गंभीर मुद्दा है। 171 घटनाएं चिंताजनक हैं।

असम सरकार की ओर से उपस्थित वकील ने जब दलील दी कि उच्च न्यायालय जनहित याचिका पर विचार करने के लिए इच्छुक नहीं था और इसे अपरिपक्व बताया, तो पीठ ने टिप्पणी की, ”इस तरह की याचिकाओं को अपरिपक्व बताकर खारिज नहीं किया जा सकता।” याचिकाकर्ता आरिफ मोहम्मद यासीन जवादर का पक्ष रखने के लिए पेश हुए अधिवक्ता प्रशांत भूषण ने दलील दी कि असम में बड़ी संख्या में मुठभेड़ हुई हैं और राज्य पुलिस मुठभेड़ मामलों की जांच में अपनाई जाने वाली प्रक्रिया के संदर्भ में 2014 में शीर्ष अदालत द्वारा जारी दिशानिर्देशों का पालन नहीं कर रही है।

उन्होंने दलील दी कि राष्ट्रीय मानवाधिकार आयोग (एनएचआरसी) और असम मानवाधिकार आयोग इन मामलों में अपने कर्तव्यों का पालन नहीं कर रहा है। पीठ ने आयोगों की ओर से उपस्थित अधिवक्ता से कहा, ”नागरिक स्वतंत्रता के मामलों में शीर्ष न्यायालय आपसे अग्रणी भूमिका निभाने की अपेक्षा करता है।” पीठ ने कहा, ”जब उन्हें (मानवाधिकार आयोग को) कोई पत्र या शिकायत प्राप्त हो जाए तो शिकायतकर्ता के आपके पास आने का इंतजार मत कीजिए। आप सच्चाई का पता लगाने के लिए अपनी मशीनरी का इस्तेमाल कीजिए।” अदालत अब इस मामले में 26 नवंबर को अगली सुनवाई करेगी।

वायनाड के लिए प्रियंका से बेहतर प्रतिनिधि की कल्पना नहीं कर सकता: राहुल

नई दिल्ली। लोकसभा में नेता प्रतिपक्ष राहुल गांधी ने कांग्रेस महासचिव प्रियंका गांधी वाद्रा के वायनाड संसदीय क्षेत्र से नामांकन दाखिल करने से एक दिन पहले मंगलवार को कहा कि वह इस क्षेत्र के लिए अपनी बहन से बेहतर प्रतिनिधि की कल्पना नहीं कर सकते। प्रियंका गांधी वाद्रा बुधवार (23 अक्टूबर) को वायनाड संसदीय क्षेत्र से नामांकन दाखिल करेंगी और इस मौके पर पार्टी संसदीय दल की प्रमुख सोनिया गांधी, कांग्रेस अध्यक्ष मल्लिकार्जुन खरगे, राहुल गांधी और कई अन्य नेता मौजूद रहेंगे। राहुल गांधी ने सोशल मीडिया मंच ‘एक्स’ पर पोस्ट किया, ”वायनाड के लोग मेरे दिल में एक विशेष स्थान रखते हैं और मैं उनके लिए अपनी बहन प्रियंका गांधी से बेहतर प्रतिनिधि की कल्पना नहीं कर सकता। मुझे विश्वास है कि वह वायनाड की जरूरतों की एक धुर समर्थक और संसद में एक शक्तिशाली आवाज साबित होंगी।

उन्होंने कहा, ”कल, 23 ​​अक्टूबर को हमारे साथ जुड़ें, जब वह वायनाड लोकसभा क्षेत्र के लिए अपना नामांकन दाखिल करेंगी। आइए मिलकर यह सुनिश्चित करें कि प्रेम से वायनाड का प्रतिनिधित्व होता रहे।” वायनाड से निर्वाचित होने पर प्रियंका पहली बार किसी सदन की सदस्य बनेंगी। वह 2019 के लोकसभा चुनाव से पहले सक्रिय राजनीति में उतरी थीं। उसके बाद से वह पार्टी महासचिव की जिम्मेदारी निभा रही हैं। लोकसभा चुनाव के कुछ दिनों बाद, जून में कांग्रेस ने घोषणा की थी कि राहुल गांधी उत्तर प्रदेश में रायबरेली संसदीय क्षेत्र रखेंगे और केरल की वायनाड सीट खाली कर देंगे, जहां से उनकी बहन प्रियंका गांधी चुनावी पारी की शुरुआत करेंगी।

निर्वाचित होने पर प्रियंका गांधी पहली बार सांसद बनेंगी तथा यह भी पहली बार होगा कि गांधी परिवार के तीन सदस्य – सोनिया गांधी, राहुल गांधी और प्रियंका एक साथ संसद में होंगे। वायनाड संसदीय सीट और 47 विधानसभा सीटों पर उपचुनाव 13 नवंबर को झारखंड विधानसभा के पहले चरण के मतदान के साथ होगा। मतगणना 23 नवंबर को होगी।

राजनीति में आलोचना करने का अधिकार लेकिन अपमानजनक आरोप लगाने वालों को खामियाजा भुगतना पड़ेगा: भाजपा

नई दिल्ली। प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी की शैक्षणिक योग्यता पर टिप्पणी को लेकर आम आदमी पार्टी (आप) के नेता अरविंद केजरीवाल के खिलाफ मानहानि के मामले में मुकदमे का सामना करने का रास्ता साफ होने के बाद भारतीय जनता पार्टी (भाजपा) ने मंगलवार को कहा कि राजनीति में हर किसी को आलोचना करने का अधिकार है लेकिन अपमानजनक आरोप लगाने वालों को इसका खामियाजा भुगतना पड़ेगा। भाजपा नेता और लोकसभा सदस्य रविशंकर प्रसाद ने दावा किया कि प्रधानमंत्री मोदी के प्रति केजरीवाल का आचरण पूरी तरह से ‘गैर जिम्मेदाराना’ रहा है। उन्होंने कहा कि यह बताने की आवश्यकता नहीं है कि दिल्ली के पूर्व मुख्यमंत्री ने प्रधानमंत्री मोदी के खिलाफ कैसी-कैसी ‘अपमानजक टिप्पणियां’ की हैं। प्रसाद ने कहा कि केजरीवाल ने सोमवार को उच्चतम न्यायालय में सुनवाई के दौरान माफी की पेशकश की लेकिन इसे अस्वीकार कर दिया गया।

उन्होंने कहा कि केजरीवाल ने अपनी अपमानजनक टिप्पणियों के लिए अरुण जेटली, नितिन गडकरी और कपिल सिब्बल सहित विभिन्न नेताओं से 10 बार माफी मांगी है। नेता प्रतिपक्ष राहुल गांधी पर कटाक्ष करते हुए प्रसाद ने उन्हें केजरीवाल का साथी बताया और कहा कि कांग्रेस नेता भी मानहानि के मामलों का सामना कर रहे हैं और पूर्व में कई मौकों पर माफी मांग चुके हैं। पूर्वी लद्दाख में वास्तविक नियंत्रण रेखा (एलएसी) पर भारत और चीन के बीच एक समझौते पर पहुंचने के बाद विपक्षी दल द्वारा सरकार की आलोचना किए जाने पर एक सवाल के जवाब में प्रसाद ने कहा, ”जहां तक राहुल गांधी और असदुद्दीन ओवैसी की बात है, वह विदेश नीति की बारीकियों को कितना समझते हैं, यह व्यापक बहस का विषय है।” उन्होंने कहा कि विदेश मंत्रालय पहले ही जो कुछ कह चुका है, उसके अलावा भाजपा के पास टिप्पणी करने के लिए कुछ नहीं है।

समाजवादी पार्टी के नेता राम गोपाल यादव द्वारा उच्चतम न्यायालय के बारे में कथित अमर्यादित भाषा का इस्तेमाल किए जाने के बारे में पूछे जाने पर प्रसाद ने कहा कि राज्यसभा सदस्य पहले ही स्पष्टीकरण दे चुके हैं लेकिन न्यायपालिका और न्यायाधीशों का सम्मान किया जाना चाहिए। आंध्र प्रदेश और तमिलनाडु के मुख्यमंत्रियों एन चंद्रबाबू नायडू और एम के स्टालिन के इस सुझाव पर कि उनके राज्यों में लोगों को अधिक बच्चे पैदा करने चाहिए, पूर्व केंद्रीय मंत्री ने कहा कि सभी को यह ध्यान रखना चाहिए कि जनसंख्या नियंत्रण देश की प्रतिबद्धता है। केजरीवाल पर निशाना साधते हुए उन्होंने कहा कि अन्ना हजारे के भ्रष्टाचार विरोधी आंदोलन के दौरान जो भी उनके साथ था, उसने उन्हें छोड़ दिया। उन्होंने कहा कि जो व्यक्ति ईमानदारी और भ्रष्टाचार का प्रमाणपत्र देता था, वह अभी जेल से लौटा है। उच्चतम न्यायालय ने प्रधानमंत्री मोदी की शैक्षणिक योग्यता के बारे में कथित टिप्पणी को लेकर केजरीवाल की वह याचिका सोमवार को खारिज कर दी थी, जिसमें उन्होंने मामले में जारी समन को रद्द करने से इनकार करने के गुजरात उच्च न्यायालय के आदेश को चुनौती दी थी। इससे केजरीवाल को मोदी की शैक्षणिक योग्यता पर कथित टिप्पणी को लेकर दायर मानहानि मामले में आपराधिक कार्यवाही का सामना करना पड़ेगा। गुजरात की एक मेट्रोपॉलिटन अदालत ने मोदी की डिग्री के बारे में केजरीवाल और ‘आप’ सांसद संजय सिंह के कथित ‘व्यंग्यात्मक’ और ‘अपमानजनक’ बयानों को लेकर दायर मानहानि मामले में दोनों नेताओं को तलब किया था।

दक्षिण के राज्यों को परिवार नियोजन की सफलता के लिए दंडित नहीं किया जाना चाहिए: कांग्रेस

नई दिल्ली। कांग्रेस ने सोमवार को कहा कि दक्षिण भारत के राज्यों को परिवार नियोजन की सफलता के लिए दंडित नहीं किया जाना चाहिए और इसका असर संसद में उनके प्रतिनिधित्व पर नहीं होना चाहिए। पार्टी महासचिव जयराम रमेश ने यह भी कहा कि दक्षिण भारतीय राज्यों का उचित प्रतिनिधित्व सुनिश्चित करने के लिए उपयुक्त फॉर्मूले पर काम किया जा सकता है। रमेश ने सोशल मीडिया मंच ‘एक्स’ पर पोस्ट किया, “दक्षिण भारतीय राज्य परिवार नियोजन में अग्रणी रहे हैं। प्रजनन क्षमता के प्रतिस्थापन स्तर तक पहुंचने वाला पहला स्थान 1988 में केरल था, उसके बाद 1993 में तमिलनाडु, 2001 में आंध्र प्रदेश और 2005 में कर्नाटक ने यह उपलब्धि हासिल की।

उन्होंने कहा, “पिछले कुछ समय से यह चिंता व्यक्त की जा रही है कि इन सफलताओं से संसद में इन राज्यों का राजनीतिक प्रतिनिधित्व कम हो सकता है। इसीलिए 2001 में वाजपेयी सरकार ने संविधान (अनुच्छेद 82) में संशोधन कर लोकसभा में पुनर्समायोजन को वर्ष 2026 के बाद होने वाली पहली जनगणना के प्रकाशन पर निर्भर बना दिया।” रमेश के अनुसार, आम तौर पर, 2026 के बाद पहली जनगणना का मतलब 2031 की जनगणना होती। लेकिन संपूर्ण दशकीय जनगणना कार्यक्रम बाधित हो गया है और यहां तक कि 2021 के लिए निर्धारित जनगणना भी नहीं की गई है। उन्होंने कहा, “हम सुनते रहे हैं कि लंबे समय से विलंबित जनगणना जल्द ही शुरू होगी। क्या इसका उपयोग लोकसभा में सीटों के आवंटन के लिए किया जाएगा?” रमेश ने कहा, “सफलता को दंडित कदापि नहीं किया जाना चाहिए। ऐसा न हो, यह सुनिश्चित करने के लिए उपयुक्त फॉर्मूले पर काम किया जा सकता है।

भाजपा में शामिल होने वालों में से 61 प्रतिशत की उम्र 35 वर्ष से कम: नड्डा

नई दिल्ली। भारतीय जनता पार्टी (भाजपा) के राष्ट्रीय प्रवक्ता संबित पात्रा ने सोमवार को पार्टी अध्यक्ष जे पी नड्डा के हवाले से कहा कि सदस्यता अभियान के दौरान केंद्र की सत्तारूढ़ पार्टी में शामिल होने वालों में से 61 प्रतिशत की उम्र 35 वर्ष से कम है। पात्रा ने संवाददाता सम्मेलन में कहा कि नड्डा ने आगामी संगठनात्मक चुनावों पर चर्चा के लिए यहां पार्टी मुख्यालय में हुई भाजपा नेताओं की बैठक में यह खुलासा किया। पात्रा ने संवाददाताओं से कहा, ”बैठक में भाजपा अध्यक्ष ने कहा कि चल रहे सदस्यता अभियान के दौरान अब तक पार्टी में शामिल होने वाले 61 प्रतिशत लोग 35 वर्ष से कम आयु के हैं।” संगठन चुनावों के मद्देनजर सोमवार को भाजपा मुख्यालय में एक बैठक हुई। नड्डा सहित पार्टी के तमाम पदाधिकारी इस बैठक में शामिल हुए।

प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी द्वारा ‘गैर-राजनीतिक’ पृष्ठभूमि वाले युवाओं से राजनीति में शामिल होने के आह्वान के बारे में पूछे एक सवाल के जवाब में पात्रा ने कहा कि पार्टी बाद में अब तक जुड़ चुके भाजपा सदस्यों की कुल संख्या साझा करेगी। प्रधानमंत्री मोदी ने रविवार को अपने संसदीय क्षेत्र वाराणसी में एक कार्यक्रम के दौरान ‘परिवारवादी राजनीति’ को देश के सामने खड़ा ‘बहुत बड़ा खतरा’ करार देते हुए कांग्रेस और समाजवादी पार्टी (सपा) पर परिवारवाद और तुष्टीकरण की राजनीति करने का आरोप लगाया था और कहा कि ऐसे दलों के लिये वाराणसी का विकास न तो पहले प्राथमिकता में था और ना ही भविष्य में कभी होगा।

मोदी ने यह भी कहा कि परिवारवादी लोग कभी युवाओं को मौका देने में विश्वास नहीं करते, इसलिए वह देश के एक लाख ऐसे नौजवानों को राजनीति में लाएंगे, जिनके परिवार का राजनीति से कोई लेना-देना नहीं है। प्रधानमंत्री ने 15 अगस्त को स्वतंत्रता दिवस के अपने भाषण में राजनीति में एक लाख युवाओं को जनप्रतिनिधि के तौर पर लाने का आह्वान किया था और कहा था कि इस कदम से जातिवाद और वंशवाद की राजनीति को खत्म करने में भी मदद मिलेगी। पात्रा ने कहा, ”प्रधानमंत्री के आह्वान के बाद बड़ी संख्या में युवा भाजपा में शामिल हो रहे हैं।

दिल्ली में सैलून की आड़ में चल रहा था वेश्यावृत्ति का धंधा, पुलिस ने तीन लोगों को किया गिरफ्तार

नई दिल्ली। दक्षिण-पश्चिम दिल्ली में एक सैलून की आड़ में संचालित किए जा रहे कथित वेश्यावृत्ति गिरोह का भंडाफोड़ कर, चार महिलाओं को बचाया गया और तीन लोगों को गिरफ्तार किया गया जिसमें एक महिला भी शामिल है। पुलिस ने सोमवार को यह जानकारी दी। पुलिस ने बताया कि गुप्त सूचना के आधार पर 19 अक्टूबर को महिपालपुर इलाके के वसंत कुंज उत्तर में छापेमारी की गई। पुलिस ने बताया कि इसमें अमरजीत द्विवेदी (21), एक दलाल राहुल कुमार (22) और सैलून में प्रबंधक के रूप में काम करने वाली महिला शिल्पी (40) को गिरफ्तार किया गया। उन्होंने बताया कि छापेमारी के दौरान तीन महिलाओं को बचाया गया तथा आगे की जांच जारी है।

आतंकवाद, घुसपैठ, धार्मिक तनाव भड़काने के प्रयासों के खिलाफ लड़ाई जारी रहेगी : अमित शाह

नई दिल्ली। केंद्रीय गृहमंत्री अमित शाह ने सोमवार को कहा कि भले ही जम्मू कश्मीर, पूर्वोत्तर क्षेत्र और नक्सल प्रभावित इलाकों में अपेक्षाकृत शांति स्थापित कर ली गई है लेकिन आतंकवाद, घुसपैठ और धार्मिक तनाव पैदा करने की साजिश के खिलाफ लड़ाई जारी रहेगी। पुलिस स्मृति दिवस के मौके पर यहां एक कार्यक्रम को संबोधित करते हुए शाह ने कहा कि शहीद पुलिसकर्मियों का बलिदान व्यर्थ नहीं जाएगा और देश निश्चित रूप से 2047 तक पूरी तरह विकसित राष्ट्र बनेगा। उन्होंने कहा, ”पिछले 10 वर्ष में हमारे सुरक्षा बलों की निष्ठा और कार्यकुशलता के चलते जम्मू कश्मीर, पूर्वोत्तर क्षेत्र तथा वामपंथी नक्सलवाद से प्रभावित क्षेत्रों में अपेक्षाकृत शांति स्थापित कर ली गयी है। हालांकि, हमारी लड़ाई खत्म नहीं हुई है।” उन्होंने कहा, ”हम ड्रोन, मादक पदार्थों के व्यापार, साइबर अपराध, कृत्रिम बुद्धिमत्ता (एआई) के माध्यम से अशांति फैलाने के प्रयास, धार्मिक भावनाओं को भड़काने की साजिश, घुसपैठ, अवैध हथियारों की तस्करी और आतंकवाद जैसे उभरते खतरों के खिलाफ लड़ाई जारी रखेंगे, जो वर्तमान में हमारे सामने आने वाली चुनौतियां हैं।

गृह मंत्री ने कहा कि आजादी के बाद से देश की सुरक्षा के लिए 36,438 पुलिसकर्मियों ने अपने प्राणों की आहुति दी है, जिनमें से 216 बलिदान पिछले वर्ष दिए गए। उन्होंने कहा कि देश की विकास यात्रा में उनके बलिदान के लिए देश हमेशा उनका ऋणी रहेगा। शाह ने कहा, ”मैं शहीदों के परिवार के सदस्यों को आश्वस्त करना चाहता हूं कि उनका बलिदान व्यर्थ नहीं जाएगा। देश सुरक्षित रहेगा, किसी भी चुनौती के बावजूद अपने लक्ष्य को हासिल करेगा और भारत 2047 तक निश्चित रूप से एक विकसित राष्ट्र बनेगा।” एक जुलाई से लागू हुए तीन नये आपराधिक कानूनों के संदर्भ में उन्होंने कहा कि नये कानूनों के क्रियान्वयन के लिए बुनियादी ढांचा स्थापित करने पर काम पांच साल पहले शुरू हुआ था और बाकी का काम अगले तीन साल में पूरा हो जाएगा। उन्होंने कहा, ”मैं देश को बताना चाहता हूं कि भारत की आपराधिक न्याय प्रणाली दुनिया में सबसे आधुनिक होगी और प्राथमिकी दर्ज होने के तीन साल के भीतर उच्चतम न्यायालय में सुनवाई तक पूरा न्याय दिया जा सकता है।

पुलिसकर्मियों के हित में उठाए कदमों के बारे में जानकारी देते हुए शाह ने कहा कि पुलिसकर्मी और उनके परिवार के सदस्य ‘आयुष्मान सीएपीएफ’ योजना लागू होने के बाद किसी भी आयुष्मान अस्पताल में इलाज करा सकते हैं। केंद्रीय सशस्त्र पुलिस बल (सीएपीएफ) कर्मियों को आवास उपलब्ध कराने पर उन्होंने कहा कि 13,000 मकानों के निर्माण के लिए स्वीकृति दे दी गयी है जिनमें से 11,276 मकान अगले साल मार्च तक तैयार हो जाएंगे। शाह ने कहा कि पुलिस बल के जवान कश्मीर से कन्याकुमारी और कच्छ से किबिथु तक भारत की सीमाओं की रक्षा करते हैं। उन्होंने कहा कि पुलिस बल के जवान हमेशा देश और सीमाओं की रक्षा करते हैं, चाहे दिन हो या रात, त्योहार हो या आपदा, भीषण गर्मी, बारिश या शीतलहर। गृहमंत्री ने कहा कि पुलिस स्मारक देश के युवाओं को प्रेरित करता रहेगा और नागरिकों को याद दिलाता रहेगा कि आज जो सुरक्षा और प्रगति है, वह इन हजारों सैनिकों के सर्वोच्च बलिदान के कारण है।

उन्होंने कहा, ”हमारा एक गौरवशाली इतिहास भी है, जहां बहादुर सैनिक हिमालय की बर्फीली और दुर्गम चोटियों से लेकर कच्छ और बाड़मेर के कठोर रेगिस्तान और विशाल महासागरों तक निडरता से देश की रक्षा करते हैं, इसकी सुरक्षा सुनिश्चित करते हैं।” शाह ने कहा कि खतरे और चुनौतियां कितनी भी बड़ी क्यों न हों, वे सैनिकों के अटूट संकल्प के सामने टिक नहीं सकतीं। पुलिस स्मृति दिवस कार्यक्रम का आयोजन यहां राष्ट्रीय पुलिस स्मारक में किया गया। शाह ने अपने संबोधन से पहले ड्यूटी के दौरान प्राण न्यौछावर करने वाले सभी पुलिसकर्मियों को पुष्पांजलि अर्पित की। लद्दाख में हॉट स्प्रिंग्स में 21 अक्टूबर 1959 को भारी हथियारों से लैस चीनी सेना के घात लगाकर किए गए हमले के दौरान 10 पुलिसकर्मी शहीद हो गए थे। उसके बाद से ड्यूटी के दौरान जान गंवाने वाले इन शहीदों तथा सभी अन्य पुलिसकर्मियों की याद में हर साल 21 अक्टूबर को पुलिस स्मृति दिवस के रूप में मनाया जाता है।