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हिंदू नेता की हत्या का मामला बांग्लादेश के साथ उठाए और न्याय के लिए दबाव बनाए सरकार: कांग्रेस

कांग्रेस ने बांग्लादेश में हिंदू समुदाय के एक नेता भावेश चंद्र रॉय की हत्या की निंदा करते हुए शनिवार को कहा कि सरकार को तत्काल इस मामले को पड़ोसी देश का साथ उठाना चाहिए और दोषियों को न्याय के कठघरे में लाने के लिए दबाव डालना चाहिए। पार्टी अध्यक्ष मल्लिकार्जुन खरगे ने आरोप लगाया कि इस घटना से स्पष्ट है कि बांग्लादेश के मुख्य सलाहकार मोहम्मद यूनुस के साथ प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी की हालिया मुलाकात विफल रही है । कांग्रेस महासचिव जयराम रमेश ने इस बात पर जोर दिया कि जब इस तरह की लक्षित हिंसा को पनपने दिया जाता है तो चुप्पी और निष्क्रियता कोई विकल्प नहीं है।

रमेश का यह भी कहना है कि कांग्रेस बांग्लादेश में हिंदू समुदाय और धर्मनिरपेक्षता, न्याय और मानवाधिकारों में विश्वास रखने वाले सभी लोगों के साथ एकजुटता से खड़ी है। खरगे ने ‘एक्स’ पर पोस्ट किया, “बांग्लादेश में लगातार धार्मिक अल्पसंख्यकों, ख़ासकर हमारे हिंदू भाई-बहनों पर अत्याचार हो रहा है। हिन्दू समुदाय के एक बड़े नेता भावेश चंद्र रॉय की क्रूरतापूर्ण हत्या इस बात का सबूत है कि नरेन्द्र मोदी जी की बांग्लादेश के मुख्य सलाहकार के साथ मुस्कुराते हुए की गई बैठक विफ़ल रही। ” उन्होंने कहा की संसद में दिए गए सरकार के उत्तर के अनुसार, इससे पहले दो महीनों में ही हिन्दुओं पर 76 हमले हुए, जिसमें 23 हिन्दू मारे गए तथा अन्य धार्मिक अल्पसंख्यकों पर भी हमले जारी हैं।

खरगे का कहना है कि हाल ही में बांग्लादेश के मुख्य सलाहकार ने भारत के पूर्वोत्तर राज्यों के बारे में एक बेहद निंदनीय और निराशजनक टिपण्णी की थी। उन्होंने कहा कि बांग्लादेश में धार्मिक अल्पसंख्यकों पर अत्याचार, मानवाधिकार हनन और 1971 के मुक्ति संग्राम की स्मृतियों को जो ख़त्म करने का प्रयास किया जा रहा है वो भारत व बांग्लादेश के रिश्तों को कमजोर करने की कोशिश है। कांग्रेस अध्यक्ष ने कहा, “1971 से लेकर आज तक, भारत ने हमेशा बांग्लादेश के सभी लोगों की शांति और समृद्धि चाही है, इसी में उपमहाद्वीप की भलाई है।” रमेश ने एक बयान में कहा, “भारतीय राष्ट्रीय कांग्रेस बांग्लादेश के दिनाजपुर में हिंदू समुदाय के एक प्रमुख नेता भावेश चंद्र रॉय की क्रूर हत्या की कड़ी निंदा करती है।

अपहरण और हमले के कारण उनकी दुखद मृत्यु इस क्षेत्र में धार्मिक अल्पसंख्यकों में बढ़ती असुरक्षा की भावना की एक भयावह याद दिलाती है।” उन्होंने कहा कि यह कोई अकेली घटना नहीं है और पिछले कुछ महीनों में बांग्लादेश में अल्पसंख्यक समुदायों पर हमलों की कई और बेहद परेशान करने वाली घटनाएं हुई हैं, जिनमें हिंदू मंदिरों को अपवित्र करने से लेकर अल्पसंख्यकों के घरों और व्यवसायों पर लक्षित हमले शामिल हैं। रमेश के अनुसार, धमकी और क्रूरता के इस सिलसिले को नजरअंदाज नहीं किया जा सकता। उन्होंने कहा, “कांग्रेस पार्टी भारत सरकार से आग्रह करती है कि वह इस मामले को सर्वोच्च तत्परता से उठाए और बांग्लादेश सरकार पर दबाव डाले कि वह त्वरित, पारदर्शी जांच सुनिश्चित करे और दोषियों को न्याय के कठघरे में लाए।” रमेश ने कहा, “हम अपनी मांग दोहराते हैं कि बांग्लादेश में धार्मिक अल्पसंख्यकों की सुरक्षा, सम्मान और अधिकारों की पूरी तरह से रक्षा की जाए। जब इस तरह की लक्षित हिंसा को पनपने दिया जाता है तो चुप्पी और निष्क्रियता कोई विकल्प नहीं है।” उन्होंने इस बात पर जोर दिया कि कांग्रेस बांग्लादेश में हिंदू समुदाय और धर्मनिरपेक्षता, न्याय और मानवाधिकारों में विश्वास रखने वाले सभी लोगों के साथ एकजुटता से खड़ी है।

खुद को नेता के रूप में नहीं देखता, सत्य का साधक हूं: राहुल

कांग्रेस के पूर्व अध्यक्ष राहुल गांधी ने कहा है कि सच्चाई के लिए खड़े होना गांधी-नेहरू की परंपरा रही है तथा वह खुद को नेता के रूप में नहीं देखते बल्कि सत्य का साधक (सीकर ऑफ ट्रुथ) मानते हैं। उन्होंने पूर्व सांसद और कांग्रेस नेता संदीप दीक्षित के साथ एक पॉडकास्ट में नेहरू की राजनीति, आदर्श, विचार और योगदान के बारे बात की। लोकसभा में नेता प्रतिपक्ष ने इस संवाद के दौरान अमेरिकी शुल्क से जुड़े विषय का भी उल्लेख किया और दावा किया कि प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी झुक गए, जबकि नेहरू और इंदिरा ऐसी परिस्थिति में कभी नहीं झुकते। उन्होंने अपने परिवार के राजनीतिक दर्शन का जिक्र करते हुए कहा कि राजनीति वास्तव में सत्य के लिए होती है।

राहुल गांधी का कहना था, “नेहरू जी ने हमें राजनीति नहीं सिखाई, उन्होंने हमें डर का सामना करना और सच्चाई के लिए खड़ा होना सिखाया। उन्होंने भारतीय नागरिकों को उत्पीड़न का विरोध करने और अंततः स्वतंत्रता का उदघोष करने का साहस दिया। उनकी सबसे बड़ी विरासत सत्य की उनकी निरंतर खोज में निहित है । एक ऐसा सिद्धांत है जिसने उन सभी चीज़ों को आकार दिया जिनके लिए वे खड़े थे।” उनके अनुसार, जवाहरलाल नेहरू और इंदिरा गांधी ने कभी खुद को नेता के रूप में नहीं देखा और उनके परिवार का हमेश यही मानना रहा कि राजनीति सच्चाई के लिए होनी चाहिए। उन्होंने कहा, “मैं भी खुद को नेता के रूप में नहीं देखता, बल्कि सत्य का साधक हूं।

कांग्रेस नेता ने कहा कि भारत को उन स्थितियों का सामना करने की हिम्मत करनी पड़ेगी जो आज उसके सामने है। उन्होंने दावा किया, “आज भयंकर बेरोजगारी है, पूरा आर्थिक तंत्र विफल हो चुका है, देश में सद्भाव का अभाव है, यह सच्चाई है, इसे आपको स्वीकार करना पड़ेगा।” राहुल गांधी का कहना था कि इस स्थिति से भारत के भविष्य को नुकसान हो रहा है। उन्होंने कहा कि गांधी, नेहरू, आंबेडकर, पटेल और बोस ने वास्तव में यही सिखाया कि डर से दोस्ती कैसे करें। राहुल गांधी ने कहा, “महात्मा गांधी एक साम्राज्य के सामने खड़े हुए और उनके पास सच्चाई के अलावा कुछ नहीं था। ” उन्होंने कहा, “चाहे मैं बिल गेट्स से बात करूं या रामचेत मोची से, मैं उनसे समान जिज्ञासा के साथ मिलता हूं।” राहुल गांधी ने जोर देकर कहा, “आज के भारत में, जहां सत्य असुविधाजनक है – मैंने सत्य को अपनी पसंद बना लिया है। मैं इसके लिए खड़ा रहूंगा, चाहे इसकी कोई भी कीमत हो।

लोको पायलट के साथ हो रहा है अन्याय, उनकी आवाज उठाते रहेंगे : राहुल

लोकसभा में नेता प्रतिपक्ष राहुल गांधी ने बृहस्पतिवार को एक खबर का हवाला देते हुए दावा किया कि भारतीय रेल में कार्यरत लोको पायलट को शौच के लिए तक ब्रेक नहीं दिया जा रहा है जो न सिर्फ उनके साथ अन्याय है, बल्कि यात्रियों को सुरक्षा से भी खिलवाड़ है। उन्होंने यह भी कहा कि यह न्याय की लड़ाई है और वह लोको पायलट के लिए आवाज उठाते रहेंगे। कांग्रेस के पूर्व अध्यक्ष ने पिछले साल जुलाई में दिल्ली में लोको पायलटों के एक समूह से मुलाकात कर उनकी समस्याओं का जाना था।

राहुल गांधी ने एक हिंदी दैनिक की खबर का हवाला देते हुए एक्स पर पोस्ट किया, “पिछले साल जब मैं रेलवे के लोको पायलटों से मिला, तो उनकी स्थिति जानकर गहरी चिंता हुई थी। 14-14 घंटे की शिफ्ट, लगातार रात की ड्यूटी, न पर्याप्त आराम, न खाने का ब्रेक और न शौचालय की सुविधा है।” कांग्रेस के नेता ने कहा कि हादसों के बाद रेलवे ‘मानवीय चूक’ कहकर पल्ला झाड़ लेता है, लेकिन यह नहीं बताता कि कर्मचारियों से कैसे अमानवीय तरीके से काम लिया जाता है।

राहुल गांधी के अनुसार, लोको पायलटों की बुनियादी मांगें थीं कि काम के घंटे तय हों और बेहतर माहौल मिले, लेकिन सरकार ने सिर्फ दिखावे के लिए समिति बना दी, और समस्या के समाधान की उसकी कोई मंशा नहीं थी। उन्होंने दावा किया, “अब खाना और टॉयलेट ब्रेक जैसी मांगें भी यह कहकर ठुकरा दी गई हैं कि “यह व्यावहारिक नहीं है।” ये न सिर्फ लोको पायलटों के साथ अन्याय है, बल्कि उन करोड़ों यात्रियों की सुरक्षा से भी खिलवाड़ है जो ट्रेनों से सफर करते हैं।” कांग्रेस नेता ने कहा, “यह न्याय की लड़ाई है और हम इसमें लोको पायलटों के साथ हैं — जब तक सरकार बहरी बनी रहेगी, हम उनकी आवाज़ उठाते रहेंगे।

‘आप’ सबसे भ्रष्ट पार्टी’, दुर्गेश पाठक के खिलाफ सीबीआई की कार्रवाई पर बोली भाजपा

नयी दिल्ली। भारतीय जनता पार्टी (भाजपा) की दिल्ली इकाई ने बृहस्पतिवार को कहा कि आम आदमी पार्टी (आप) एक ‘भ्रष्ट’ पार्टी है। भाजपा ने दावा किया कि शराब घोटाले के माध्यम से ‘उगाही’ गई धनराशि का इस्तेमाल गोवा विधानसभा चुनावों में उस समय किया गया था, जब दुर्गेश पाठक राज्य के प्रभारी थे। दुर्गेश पाठक के परिसरों पर केंद्रीय अन्वेषण ब्यूरो (सीबीआई) की छापेमारी की कार्रवाई पर भाजपा की ओर से प्रतिक्रिया आई है। दुर्गेश पाठक अब गुजरात के सह-प्रभारी हैं और राज्य में 2027 में चुनाव होने हैं।

भाजपा की दिल्ली इकाई के अध्यक्ष वीरेंद्र सचदेवा ने आरोप लगाया, “आप’ एक भ्रष्ट पार्टी है। पाठक गोवा के प्रभारी थे, जहां दिल्ली में शराब घोटाले के माध्यम से उगाही गई धनराशि का इस्तेमाल विधानसभा चुनावों में किया गया था।” ‘आप’ ने पाठक के आवास पर सीबीआई की छापेमारी की निंदा करते हुए इसे ‘राजनीति से प्रेरित’ कदम बताया, जिसका उद्देश्य 2027 में गुजरात में होने वाले विधानसभा चुनावों के लिए पार्टी की तैयारियों को पटरी से उतारना है। सचदेवा ने पलटवार करते हुए कहा कि गुजरात में चुनाव को अभी दो वर्ष हैं।उन्होंने पूछा कि अगर सीबीआई अपना काम कर रही है तो ‘आप’ नेताओं को परेशानी क्यों हो रही है।

मनरेगा मजदूरी 400 रुपये और कार्यदिवस 150 किया जाए: खरगे

नयी दिल्ली। कांग्रेस अध्यक्ष मल्लिकार्जुन खरगे ने ग्रामीण विकास संबंधी संसद की स्थायी समिति की अनुंशसाओं का उल्लेख करते हुए बृहस्पतिवार को केंद्र सरकार से आग्रह किया कि महात्मा गांधी राष्ट्रीय ग्रामीण रोजगार गारंटी योजना (मनरेगा) के तहत दैनिक मजदूरी को 400 रुपये किया जाए। देश के ग्रामीण नागरिकों को 100 दिन के रोजगार की गारंटी केंद्र सरकार द्वारा प्रदान की जाती है। वर्तमान में कुछ राज्यों में मजदूरी दर 370 रू प्रति दिन है, जबकि कुछ में यह 234 प्रति दिन भी है। कांग्रेस सांसद सप्तगिरि उलाका की अध्यक्षता वाली समिति ने अपनी रिपोर्ट में सिफारिश की थी कि मनरेगा के तहत मजदूरी को पूरे देश में प्रतिदिन 400 रुपये किया जाए और कार्य दिवस को साल में 150 दिन किया जाए। खरगे ने ‘एक्स’ पर पोस्ट किया, ”ऐसा लगता है कि जनविरोधी मोदी सरकार ने मनरेगा की मजदूरी बढ़ाने से इनकार कर दिया है।

यह मनरेगा श्रमिकों के अधिकारों पर कुल्हाड़ी चलाना है।” उन्होंने कहा कि हाल ही में संयुक्त संसदीय समिति ने मनरेगा श्रमिकों की रोज़ाना मजदूरी को 400 रुपये प्रतिदिन करने की सिफारिश की थी। खरगे ने इस बात का उल्लेख किया कि वर्ष 2023 में बनी अमरजीत सिन्हा समिति ने भी मजदूरी बढ़ाने और मनरेगा का बजट बढ़ाने का सुझाव दिया था। उन्होंने आरोप लगाया कि ”ग़रीब विरोधी” मोदी सरकार एक के बाद एक मनरेगा मज़दूरों पर जुल्म ढाने पर उतारू है।

राज्यसभा में नेता प्रतिपक्ष ने दावा किया, ”क़रीब सात करोड़ पंजीकृत कामगारों को मनरेगा से ‘आधार’ आधारित भुगतान की शर्त लगा बाहर करना हो, या फिर 10 सालों में मनरेगा बजट का पूरे बजट के हिस्से में सब से कम आवंटन करना हो, मोदी सरकार ने मनरेगा पर लगातार चोट मारने का काम किया है।” उन्होंने कहा कि मनरेगा देश के सबसे ग़रीब परिवारों के लिए कांग्रेस पार्टी द्वारा लाया गया रोज़गार की गारंटी का अधिकार है। खरगे ने कहा, ”हम अपनी दो मांगों पर अडिग हैं। मनरेगा श्रमिकों के लिए रोज़ाना 400 रुपये की न्यूनतम मजदूरी तय की जाए और साल में कम से कम 150 दिन का काम मिले।

सीबीआई ने ‘आप’ के पूर्व विधायक दुर्गेश पाठक के आवास पर छापे मारे

केंद्रीय अन्वेषण ब्यूरो (सीबीआई) ने बृहस्पतिवार को विदेशी अंशदान नियमों के कथित उल्लंघन के सिलसिले में आम आदमी पार्टी (आप) के पूर्व विधायक दुर्गेश पाठक के परिसर पर छापे मारे। अधिकारियों ने यह जानकारी दी। सीबीआई ने पाठक के खिलाफ विदेशी अंशदान विनियमन अधिनियम के कथित उल्लंघन का मामला दर्ज किया है।

‘आप’ सांसद संजय सिंह ने छापेमारी की कार्रवाई पर प्रतिक्रिया देते हुए सत्तारूढ़ भारतीय जनता पार्टी (भाजपा) सरकार पर ‘आप’ को खत्म करने के लिए ‘हर हथकंडा’ आजमाने का आरोप लगाया। राज्यसभा सदस्य ने ‘एक्स’ पर कहा, ” भाजपा का गंदा खेल फिर शुरू। गुजरात के सहप्रभारी दुर्गेश पाठक के घर सीबीआई पहुंची है। मोदी सरकार ने आम आदमी पार्टी को खत्म करने का हर हथकंडा अपना कर देख लिया लेकिन फिर भी उन्हें चैन नहीं मिला। गुजरात में भाजपा की हालत खराब है, जैसे ही पाठक को गुजरात का सहप्रभारी बनाया गया, उनको धमकाने के लिए सीबीआई भेज दी गई।

हेराल्ड मामले पर रणनीति तय करेगी कांग्रेस, शनिवार को महासचिवों और प्रभारियों की बैठक बुलाई

नई दिल्ली। कांग्रेस ने ‘नेशनल हेराल्ड’ मामले में अपने शीर्ष नेताओं सोनिया गांधी और राहुल गांधी के खिलाफ प्रवर्तन निदेशालय द्वारा आरोपपत्र दाखिल किए जाने के बाद आगे की रणनीति तय करने के लिए शनिवार को अपने सभी महासचिवों, प्रभारियों और अग्रिम संगठनों के प्रमुखों की बैठक बुलाई है। यह बैठक यहां कांग्रेस मुख्यालय ‘इंदिरा भवन’ में होगी। पार्टी के संगठन महासचिव केसी वेणुगोपाल द्वारा जारी एक परिपत्र में कहा गया है कि सभी महासचिवों, प्रभारियों और अग्रिम संगठनों के प्रमुखों की बैठक 19 अप्रैल को शाम चार बजे यहां ‘इंदिरा गांधी’ भवन में होगी। कांग्रेस अध्यक्ष मल्लिकार्जुन खरगे की अध्यक्षता में होने वाली बैठक में पार्टी को कथित तौर पर निशाना बनाने को लेकर सरकार के खिलाफ विरोध और प्रदर्शन की योजना तैयार करने पर विचार-विमर्श किया जाएगा।

उर्दू गंगा-जमुनी तहजीब का बेहतरीन नमूना, हमें अपनी विविधता पर प्रसन्न होना चाहिए: सुप्रीम कोर्ट

उच्चतम न्यायालय ने उर्दू को ‘गंगा जमुनी तहजीब’ का बेहतरीन नमूना बताते हुए कहा कि उर्दू इसी धरती पर पैदा हुई है और इसे मुसलमानों की भाषा मानना वास्तविकता तथा ‘विविधता में एकता’ के मार्ग से ‘दुखद विचलन’ है। महाराष्ट्र में एक नगरपालिका के साइनबोर्ड में उर्दू के इस्तेमाल को चुनौती देने संबंधी याचिका को खारिज करते हुए न्यायमूर्ति सुधांशु धूलिया और न्यायमूर्ति के. विनोद चंद्रन की पीठ ने मंगलवार को यह भी कहा कि ”भाषा कोई धर्म नहीं है।” पीठ ने कहा, ”भाषा संस्कृति है। भाषा किसी समुदाय और उसके लोगों की सभ्यतागत यात्रा को मापने का पैमाना है। उर्दू का मामला भी ऐसा ही है। यह गंगा-जमुनी तहजीब या हिंदुस्तानी तहजीब का बेहतरीन नमूना है… हमें अपनी विविधता, जिसमें हमारी अनेक भाषाएं भी शामिल हैं, का सम्मान करना चाहिए और उनका आनंद लेना चाहिए।

शीर्ष अदालत महाराष्ट्र के अकोला जिले के पातुर की पूर्व पार्षद वर्षाताई द्वारा दायर अपील पर सुनवाई कर रही थी, जिन्होंने नगर परिषद के नाम वाले बोर्ड पर मराठी के साथ-साथ उर्दू के प्रयोग को चुनौती दी थी। वर्षाताई ने अपनी याचिका में कहा कि नगर परिषद का काम केवल मराठी में ही किया जा सकता है, किसी भी तरह से उर्दू का इस्तेमाल जायज नहीं है, भले ही परिषद के साइनबोर्ड पर ही लिखना भर क्यों न हो। उच्चतम न्यायालय ने कहा कि नगर परिषद ने बोर्ड पर उर्दू का इस्तेमाल इसलिए किया क्योंकि बहुत से स्थानीय निवासी उर्दू भाषा समझते हैं। न्यायालय ने कहा, ”नगर परिषद केवल इतना चाहती थी कि प्रभावी तरीके से संवाद हो सके।

न्यायाधीशों ने कहा, ”उर्दू के खिलाफ पूर्वाग्रह इस गलत धारणा से उपजा है कि उर्दू भारत से नहीं है। यह राय गलत है क्योंकि मराठी और हिंदी की तरह उर्दू भी एक ‘इंडो-आर्यन’ भाषा है। यह एक ऐसी भाषा है जिसका जन्म इसी भूमि पर हुआ है।” अदालत ने कहा कि उर्दू भारत में विभिन्न सांस्कृतिक परिवेशों से जुड़े लोगों की जरूरत के कारण विकसित और फली-फूली, जो विचारों का आदान-प्रदान करना चाहते थे और आपस में संवाद करना चाहते थे। अदालत ने कहा कि किसी भाषा के खिलाफ गलत धारणाओं और पूर्वाग्रहों को वास्तविकता के सामने साहसपूर्वक और सच्चाई से परखा जाना चाहिए।

गांधी परिवार का हिस्सा होने के कारण मुझे निशाना बनाया गया, समय आने पर राजनीति में कदम रखूंगा: सोनिया गांधी

कांग्रेस संसदीय दल की प्रमुख सोनिया गांधी के दामाद रॉबर्ट वाद्रा ने बुधवार को दावा किया कि उन्हें गांधी परिवार का हिस्सा होने के कारण जांच एजेंसियों द्वारा निशाना बनाया जा रहा है और यदि वह भारतीय जनता पार्टी में रहते तो मापदंड अलग होता। उन्होंने कहा कि वह समय आने पर राजनीति में कदम रखेंगे तथा वह 1999 से जनता के बीच काम कर रहे हैं। वर्ष 2008 के हरियाणा भूमि सौदे से जुड़े धनशोधन के मामले में प्रवर्तन निदेशालय (ईडी) द्वारा बुधवार को लगातार दूसरे दिन वाद्रा से पूछताछ की गई। कांग्रेस महासचिव प्रियंका गांधी के पति वाद्रा ने कहा कि उनसे वही पुराने सवाल पूछे जा रहे हैं।

उन्होंने कहा कि हरियाणा सरकार द्वारा उन्हें मामले में क्लीन चिट दिए जाने के बाद भी यह सब किया जा रहा है। उन्होंने कहा, ‘मैं गांधी परिवार का हिस्सा हूं, जो हमेशा लोगों के लिए लड़ता रहा है। जाहिर है, भाजपा को गांधी परिवार और मुझे निशाना बनाना होगा। उन्होंने मेरे परिवार- मेरी सास सोनिया गांधी और राहुल गांधी पर भी आरोपपत्र दायर किया है। वाद्रा ने कहा, ”जितना अधिक आप (सरकार) हमें परेशान करेंगे, हम उतने ही मजबूत होंगे… हम अपने रास्ते में आने वाली हर बाधा से लड़ेंगे।” उन्होंने कहा कि वह और उनका परिवार एक इकाई हैं तथा ऐसे मामलों से उनकी पत्नी के साथ उनका रिश्ता और भी मजबूत होता है। वाद्रा ने कहा कि वह वर्ष 1999 से प्रचार और लोगों के लिए काम कर रहे हैं। उन्होंने कहा, ‘अगर मुझे राजनीति में आना है, तो मैं बदलाव लाना चाहता हूं। एक समय आएगा जब मैं निश्चित रूप से राजनीति में उतरूंगा।

पाप पर पर्दा डालने के लिए कांग्रेस को निशाना बना रही सरकार: खरगे

कांग्रेस अध्यक्ष मल्लिकार्जुन खरगे ने ‘नेशनल हेराल्ड’ मामले का परोक्ष रूप से हवाला देते हुए बुधवार को आरोप लगाया कि प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी के नेतृत्व वाली ‘निरंकुश सरकार’ अपने ‘पाप’ पर पर्दा डालने के लिए उनकी पार्टी को निशाना बनाने पर तुली हुई है। उन्होंने यह भी कहा कि कांग्रेस डरने वाली नहीं है और वह सरकार की नाकामियों को उजागर करती रहेगी। खरगे ने ‘एक्स’ पर पोस्ट किया, नरेन्द्र मोदी जी, आपकी निरंकुश सरकार अपने पाप पर पर्दा डालने के लिए कांग्रेस को निशाना बनाने पर तुली हुई है। भाजपा का आर्थिक कुप्रबंधन नियंत्रण से बाहर होता जा रहा है।

हताशा बढ़ती जा रही है, कोई दृष्टि नहीं, कोई समाधान नहीं, केवल ध्यान भटकाना।’ उन्होंने दावा किया कि व्यापार घाटा तीन साल के उच्चतम स्तर पर पहुंच गया है और ‘टैरिफ’ एवं व्यापार युद्ध पर कोई स्पष्टता नहीं दिख रही है तथा केवल खोखले शब्द और निरर्थक मुलाकातें हो रही हैं। कांग्रेस अध्यक्ष ने एक सर्वेक्षण का हवाला देते हुए कहा, 90 प्रतिशत उपभोक्ताओं ने बताया कि वस्तुओं की कीमतें बढ़ गई हैं। 80 प्रतिशत से अधिक लोगों का कहना है कि उनका खर्च बढ़ गया, भले ही आय में वृद्धि नहीं हुई। खरगे ने कहा कि वित्त वर्ष 2025 में एफएमसीजी कंपनियों की राजस्व वृद्धि धीमी होकर केवल पांच प्रतिशत रह गई है। उन्होंने दावा किया, मोदी सरकार ने पेट्रोल, डीजल और ईंधन पर कर/शुल्क के रूप में (दिसंबर, 2024 तक) 39 लाख करोड़ रुपये का भारी संग्रह किया। रसोई गैस की कीमतें 50 रुपये तक बढ़ाई गईं, आर्थिक रूप से कमजोर वर्ग के लिए भी कोई राहत नहीं मिली। उन्होंने कहा कि स्नातक बेरोजगारी दर 13 प्रतिशत और युवा बेरोजगारी दर 10.2 प्रतिशत है।

कांग्रेस अध्यक्ष ने कहा कि 23 आईआईटी में से 22 और 25 आईआईआईटी में से 23 में प्लेसमेंट में गिरावट देखी गई और एनआईटी में प्लेसमेंट में 11 प्रतिशत की गिरावट देखी गई। खरगे ने दावा किया, ”एफडीआई में गिरावट से भारत को नुकसान हुआ है। अप्रैल से जनवरी 2024-25 तक भारत में शुद्ध एफडीआई केवल 1.4 अरब डॉलर से कम थी, जबकि अप्रैल से जनवरी 2012-13 तक यह 19 अरब डॉलर थी। उन्होंने कहा, भारतीय अर्थव्यवस्था को बर्बाद करने के लिए लोग भाजपा को माफ नहीं करेंगे। हम डरेंगे नहीं। हम अपनी आवाज उठाते रहेंगे और आपकी नाकामियों को उजागर करते रहेंगे।