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दिल्ली हाईकोर्ट ने सांसद महुआ मोइत्रा की याचिका पर पुलिस से जवाब मांगा

दिल्ली उच्च न्यायालय ने तृणमूल कांग्रेस की लोकसभा सदस्य महुआ मोइत्रा की उस याचिका पर दिल्ली पुलिस से जवाब तलब किया है जिसमें उन्होंने राष्ट्रीय महिला आयोग की प्रमुख पर कथित ‘अपमानजनक’ टिप्पणी के लिए अपने खिलाफ दर्ज प्राथमिकी को रद्द करने का अनुरोध किया था। न्यायमूर्ति नीना बंसल कृष्णा ने याचिका पर दिल्ली पुलिस को नोटिस जारी किया और चार सप्ताह के भीतर इस मामले की स्थिति पर रिपोर्ट दाखिल करने का निर्देश दिया। उच्च न्यायालय ने याचिका में चुनौती दी गई प्राथमिकी की वैधता पर सुनवाई करने के लिए मामले को छह नवंबर के लिए सूचीबद्ध किया है। पुलिस ने इस महीने मोइत्रा के खिलाफ भारतीय न्याय संहिता (बीएनएस) की धारा 79 के तहत प्राथमिकी दर्ज की थी। यह धारा किसी महिला की गरिमा को ठेस पहुंचाने के इरादे से कहे गए शब्द, इशारे या कृत्य से संबंधित है।

देश में एक जुलाई को तीन नए अपराधिक कानून लागू होने के बाद दिल्ली पुलिस के विशेष प्रकोष्ठ ने बीएनएस के तहत पहली प्राथमिकी दर्ज की थी। मोइत्रा ने सोशल मीडया मंच ‘एक्स’ पर पोस्ट की गई उस वीडियो पर टिप्पणी की थी, जिसमें राष्ट्रीय महिला आयोग (एनसीडब्ल्यू) की अध्यक्ष रेखा शर्मा चार जुलाई को उत्तर प्रदेश के हाथरस में भगदड़ मचने के बाद घटनास्थल पर जाते हुए नजर आई थीं। मोइत्रा ने बाद में एक्स से वह पोस्ट हटा दी थी। मोइत्रा की ओर से मामले की पैरवी कर रहीं वरिष्ठ अधिवक्ता इंदिरा जयसिंह ने कहा कि उन्होंने प्राथमिकी की एक प्रति की मांग की थी, लेकिन हमें वह उपलब्ध नहीं कराई गई। इसके बाद पुलिस के वकील ने अदालत में याचिकाकर्ता की अधिवक्ता को प्राथमिकी की प्रति सौंप दी। प्राथमिकी में बताया गया कि एनसीडब्ल्यू ने मोइत्रा की कथित ‘अपमानजनक टिप्पणी’ का स्वत: संज्ञान लिया और आयोग की शिकायत के आधार पर प्राथमिकी दर्ज की गई। इसमें कहा गया, ”मोइत्रा द्वारा की गई अभद्र टिप्पणी बेहद अपमानजनक है और यह महिलाओं के सम्मान के साथ जीने के अधिकार का सरासर उल्लंघन करती है।

प्रधानमंत्री ने ‘अग्निपथ’ पर सरासर झूठ बोला है, भ्रम फैला रहे हैं: खरगे

कांग्रेस अध्यक्ष मल्लिकार्जुन खरगे ने शुक्रवार को आरोप लगाया कि प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी ने ‘अग्निपथ’ योजना को लेकर सरासर झूठ बोला है और वह इस विषय पर देश में भ्रम फैला रहे हैं। उन्होंने यह भी कहा कि इस योजना को लेकर युवाओं में रोष है और कांग्रेस इस मांग पर कायम है कि इसे तत्काल निरस्त किया जाना चाहिए। प्रधानमंत्री मोदी ने शुक्रवार को अग्निपथ योजना को सेना द्वारा किए गए आवश्यक सुधारों का एक उदाहरण बताया और विपक्ष पर सशस्त्र बलों में औसत आयु वर्ग को युवा रखने के उद्देश्य से शुरु की गई इस भर्ती प्रक्रिया पर राजनीति करने का आरोप लगाया।

मोदी ने करगिल युद्ध में जीत की 25वीं वर्षगांठ के अवसर पर आयोजित करगिल विजय दिवस पर अपने संबोधन में कहा कि कुछ लोग राष्ट्रीय सुरक्षा से जुड़े एक संवेदनशील मुद्दे पर भी राजनीति कर रहे हैं। उन्होंने उन दावों को भी खारिज कर दिया कि पेंशन के पैसे बचाने के लिए अग्निपथ योजना शुरू की गई थी। इसको लेकर खरगे ने ‘एक्स’ पर पोस्ट किया,”यह बेहद दुर्भाग्यपूर्ण व निंदनीय बात है कि प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी जी करगिल विजय दिवस के दिन शहीदों को श्रद्धांजलि जैसे मौक़े पर भी ओछी राजनीति कर रहें हैं। ऐसा पहले किसी प्रधानमंत्री ने नहीं किया।

उन्होंने दावा किया कि मोदी का यह कहना सरासर झूठ और पराक्रमी सेना का अक्षम्य अपमान है कि सेना के कहने पर उनकी सरकार ने अग्निपथ योजना लागू की थी। कांग्रेस अध्यक्ष ने आरोप लगाया कि प्रधानमंत्र मोदी साफ़-साफ़ झूठ और भ्रम फ़ैला रहे हैं। खरगे के मुताबिक, पूर्व सेनाध्यक्ष (सेवानिवृत्त) जनरल एमएम नरवणे जी ने रिकॉर्ड पर कहा है कि ‘अग्निपथ योजना’ में 4 वर्षों की सेवा के बाद 75 प्रतिशत लोगों को रखना था और 25 प्रतिशत लोगों को सेवानिवृत्त करना था। पर मोदी सरकार ने इससे उल्टा किया, और ये योजना तीनों सैन्य बलों में जबरदस्ती लागू कर दी।” उन्होंने कहा, ”खबरों के मुताबिक, पूर्व सेनाध्यक्ष (सेवानिवृत्त) जनरल एमएम नरवणे जी ने उस क़िताब में, जिसे मोदी सरकार ने प्रकाशित होने से रोक रखा है, ये भी कहा है कि ‘अग्निपथ योजना’ सेना के लिए चौंका देने वाली थी, और नौसेना व वायुसेना के लिए ये वज्रपात की तरह थी।” खरगे ने कहा, ”आख़िर छह महीनों के प्रशिक्षण के बाद मोदी जी किस स्तर के सैनिकों का निर्माण कर रहे हैं।

ना उन्हें किसी ऑपरेशन का अनुभव होगा ना ही उनमें परिपक्वता होगी। सैनिक देशभक्ति के जज़्बे से सेना में शामिल होते हैं, जीविकोपार्जन के लिए नहीं।” उनके अनुसार, कई सेवानिवृत्त अधिकारियों ने इस योजना की कड़ी आलोचना करते हुए कहा है कि ये राष्ट्रीय सुरक्षा और ग्रामीण युवाओं की देशभक्ति की भावनाओं से खिलवाड़ की तरह है और इसलिए इस योजना को पूरी तरह से समाप्त कर दिया जाना चाहिए। खरगे ने दावा किया कि अग्निवीर को कोई पेंशन नहीं मिलती, कोई ग्रैच्यूटी नहीं मिलती, परिवार को पेंशन नहीं मिलती और बच्चों की पढ़ाई के लिए कोई शिक्षा भत्ता नहीं मिलता। उन्होंने कहा, ‘अब तक 15 अग्निवीर शहीद हो चुके हैं। प्रधानमंत्री जी को कम से कम उनकी शहादत का तो मान रखना चाहिए। देश के युवाओं में अग्निवीर को लेकर बहुत ज़्यादा गुस्सा है, कड़ा विरोध है। ‘कांग्रेस अध्यक्ष ने कहा, ‘कांग्रेस पार्टी की यह मांग क़ायम रहेगी कि अग्निपथ योजना बंद होनी चाहिए।

यह बजट विकसित भारत बनाने में उपयोगी साबित होगा: भाजपा

भारतीय जनता पार्टी (भाजपा) ने शुक्रवार को कहा कि प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी के नेतृत्व वाली सरकार द्वारा पेश केंद्रीय बजट विकसित भारत बनाने में उपयोगी साबित होगा। लोकसभा में केंद्रीय बजट पर बृहस्पतिवार को अधूरी रही चर्चा को शुक्रवार को आगे बढ़ाते हुए भाजपा सांसद जुगल किशोर शर्मा ने कहा कि प्रधानमंत्री मोदी ने पिछले 10 वर्षों में सेवा भाव से काम किया है और ऐसी योजनाएं देश को समर्पित की हैं जिनका देश के लोगों को लाभ मिला है। शर्मा ने कहा कि प्रधानमंत्री के कार्यों के चलते ही देश की जनता ने उन्हें लगातार तीसरी बार विजयी बनाया। उन्होंने बजट का उल्लेख करते हुए कहा, यह बजट सामाजिक और राजनीतिक दृष्टि से महत्वपूर्ण है। इससे सरकार की पारदर्शिता और जवाबदेही पता चलती है। यह बजट विकसित भारत बनाने के लिए बहुत उपयोगी होगा। जम्मू से सांसद शर्मा का कहना था कि आज जम्मू-कश्मीर में बड़े-बड़े राजमार्ग बन रहे हैं और कई अन्य परियोजनाओं पर काम हो रहा है।

उन्होंने कहा कि इस सरकार से पहले जम्मू-कश्मीर की उपेक्षा की जाती थी तथा सिर्फ पार्टी और परिवार की चिंता होती थी, लेकिन अब इस प्रदेश के विकास पर जोर दिया जा रहा है। शर्मा ने इस बात का उल्लेख किया कि पांच अगस्त, 2019 को अनुच्छेद 370 को निष्प्रभावी बनाए जाने के बाद पहली बार लोकसभा चुनाव हुआ और कश्मीर घाटी में 60 प्रतिशत से अधिक लोगों ने मतदान किया। उन्होंने कहा, ”यह लोकतंत्र की ही नहीं, राष्ट्रीय नीतियों की जीत को भी दर्शाता है।” उनका कहना था कि जम्मू-कश्मीर में शांति भी बहाल हो रही है। भाजपा सांसद के मुताबिक, जम्मू-कश्मीर में पर्यटन को बढ़ावा देने के लिए कई कदम उठाए गए हैं। शर्मा ने कहा कि पिछले साल जम्मू-कश्मीर में 2.1 करोड़ पर्यटक पहुंचे जो इससे पहले कभी नहीं हुआ था।

दिल्ली के कई हिस्सों में बारिश से जलभराव, बाधित हुआ यातायात

राष्ट्रीय राजधानी दिल्ली के कई हिस्सों में शुक्रवार को सुबह बारिश हुई, जिससे कई इलाकों में जलभराव हो गया और यातायात भी बाधित हुआ। अधिकारियों ने यह जानकारी दी। दिल्ली यातायात पुलिस ने अलर्ट जारी कर जलभराव और नालों का पानी बाहर आने के कारण प्रभावित सड़कों के बारे में यात्रियों को सूचित किया और उन्हें अन्य रास्तों से जाने के लिए कहा। पुलिस ने सोशल मीडिया मंच ‘एक्स’ पर एक पोस्ट में कहा कि मदर टेरेसा क्रीसेंट, शिवाजी स्टेडियम मेट्रो स्टेशन के पास न्याय मार्ग, सर एम. विश्वेश्वरैया मोती बाग मेट्रो स्टेशन, शांति पथ, भीकाजी कामा प्लेस और मोतीबाग रिंग रोड बारिश के कारण सबसे ज्यादा प्रभावित हुए हैं। उसने बताया कि दिल्ली के मुंडका इलाके में बारिश के बाद नालों में भरा पानी सड़कों पर आ रहा है और गड्ढों के कारण रोहतक रोड के दोनों मार्गों पर यातायात प्रभावित हो गया है।

दिल्ली में बारिश से सबसे ज्यादा प्रभावित होने वाले हिस्सों में से एक मिंटो रोड पर सुबह-सुबह जलभराव हो गया। हालांकि, बाद में पुलिस ने सोशल मीडिया पर जानकारी दी कि सड़क पर भरा पानी बह गया और उसे यातायात के लिए भी खोल दिया गया है। पुलिस ने यात्रियों से तदनुसार अपनी यात्रा करने के लिए कहा। भारत मौसम विज्ञान विभाग (आईएमडी) ने दिल्ली में शुक्रवार को दिन में बादल छाये रहने और बारिश होने की संभावना जताई है। उसने बताया कि राजधानी में अधिकतम तापमान 34 डिग्री सेल्सियस के आसपास रहने की संभावना है। आईएमडी ने बताया कि दिल्ली में शुक्रवार को न्यूनतम तापमान 25.2 डिग्री सेल्सियस दर्ज किया गया, जो इस मौसम के सामान्य तापमान से 2.1 डिग्री कम है। राजधानी में सुबह साढ़े पांच बजे सापेक्षिक आर्द्रता का स्तर 39 प्रतिशत दर्ज किया गया।

करगिल युद्ध में भारत के वीर सपूतों ने अदम्य साहस का दिया परिचय : अमित शाह

केंद्रीय गृह मंत्री अमित शाह ने शुक्रवार को कहा कि भारतीय सेना के जवानों ने करगिल युद्ध के दौरान हिमालय की दुर्गम पहाड़ियों में अदम्य वीरता का परिचय देते हुए दुश्मन की सेना को घुटने टेकने पर मजबूर कर दिया था। अमित शाह ने कहा कि करगिल विजय दिवस सेना के बहादुर जवानों की वीरता के अटूट संकल्प का प्रतीक है। उन्होंने सोशल मीडिया मंच ‘एक्स’ पर एक पोस्ट में कहा, ”करगिल के युद्ध में वीर जवानों ने हिमालय की दुर्गम पहाड़ियों में पराक्रम की पराकाष्ठा का परिचय देते हुए दुश्मन की सेना को घुटने टेकने पर मजबूर किया और करगिल में पुन: तिरंगा लहराकर देश को गौरवान्वित किया।

गृह मंत्री ने कहा कि भारतीय सैनिकों के त्याग, समर्पण व बलिदान को कृतज्ञ राष्ट्र कभी भुला नहीं पाएगा। शाह ने कहा, ”आज “करगिल विजय दिवस” पर इस युद्ध में अपने साहस से मातृभूमि की रक्षा करने वाले वीर जवानों को नमन करता हूं।” भारतीय सेना ने लद्दाख में स्थित करगिल की बर्फीली चोटियों पर लगभग तीन महीने तक चले युद्ध में जीत हासिल करते हुए 26 जुलाई 1999 को ‘ऑपरेशन विजय’ की सफल समाप्ति का ऐलान किया था। पाकिस्तान पर भारत की जीत के उपलक्ष्य में इस दिन को ‘करगिल विजय दिवस’ के रूप में मनाया जाता है।

जेल में हर सप्ताह वकीलों संग अतिरिक्त बैठक कर सकेंगे अरविंद केजरीवाल, दिल्ली हाईकोर्ट ने दी इजाजत

दिल्ली उच्च न्यायालय ने मुख्यमंत्री अरविंद केजरीवाल को जेल में अपने वकीलों के साथ हर सप्ताह दो अतिरिक्त ऑनलाइन बैठक करने की अनुमति देते हुए कहा कि विशेष परिस्थितियों में विशेष उपायों की जरूरत होती है। केजरीवाल को कथित आबकारी घोटाला मामले में जेल नियमों के अनुसार अब तक सप्ताह में दो बार अपने वकीलों से मुलाकात की अनुमति थी। न्यायमूर्ति नीना बंसल कृष्णा ने निष्पक्ष सुनवाई और प्रभावी कानूनी प्रतिनिधित्व के उनके मौलिक अधिकार को ध्यान में रखते हुए केजरीवाल को राहत प्रदान की। आम आदमी पार्टी (आप) नेता के वकील ने कहा कि वह देशभर में लगभग 35 मामलों का सामना कर रहे हैं और निष्पक्ष सुनवाई के लिए उन्हें वीडियो कॉन्फ्रेंस के जरिए अपने वकीलों के साथ दो अतिरिक्त बैठक करने की जरूरत है।

प्रवर्तन निदेशालय (ईडी) और तिहाड़ जेल अधिकारियों के वकीलों ने इस याचिका का कड़ा विरोध किया। केजरीवाल को केंद्रीय अन्वेषण ब्यूरो (सीबीआई) ने 26 जून को तिहाड़ जेल से गिरफ्तार किया था, जहां वह ईडी द्वारा दर्ज धनशोधन के एक मामले में न्यायिक हिरासत में बंद थे। ईडी द्वारा 21 मार्च को गिरफ्तार किए गए केजरीवाल को धनशोधन मामले में निचली अदालत ने 20 जून को जमानत दे दी थी। उच्च न्यायालय ने हालांकि निचली अदालत के आदेश पर रोक लगा दी थी। उच्चतम न्यायालय ने धनशोधन मामले में 12 जुलाई को उन्हें तब तक अंतरिम जमानत दे दी थी, जब तक कि एक वृहद पीठ धनशोधन निवारण अधिनियम (पीएमएलए) के तहत ”गिरफ्तारी की आवश्यकता और अनिवार्यता” के पहलू पर तीन सवालों पर विचार नहीं कर लेती। कथित आबकारी घोटाले के संबंध में सीबीआई द्वारा दर्ज भ्रष्टाचार के मामले में उन्हें अभी तक जमानत नहीं मिली है।

दिल्ली के उपराज्यपाल द्वारा आबकारी नीति के निर्माण और क्रियान्वयन से जुड़ी कथित अनियमितताओं और भ्रष्टाचार की सीबीआई जांच के आदेश दिए जाने के बाद 2022 में आबकारी नीति को रद्द कर दिया गया था। सीबीआई और ईडी के अनुसार, आबकारी नीति में संशोधन करते समय अनियमितताएं की गईं और लाइसेंस धारकों को अनुचित लाभ पहुंचाया गया।

धनशोधन मामला: सत्येंद्र जैन की याचिका पर दिल्ली हाईकोर्ट ने ईडी से मांगा जवाब

दिल्ली उच्च न्यायालय ने बृहस्पतिवार को दिल्ली के पूर्व मंत्री सत्येंद्र कुमार जैन की उस याचिका पर प्रवर्तन निदेशालय (ईडी) से जवाब मांगा जिसमें धनशोधन के एक मामले में उनके और अन्य के खिलाफ आरोपपत्र पर संज्ञान लेने के आदेश को चुनौती दी गई है। न्यायमूर्ति नीना बंसल कृष्णा ने जैन की याचिका पर ईडी को नोटिस जारी किया और 15 दिन के भीतर स्थिति रिपोर्ट दाखिल करने को कहा। अदालत ने मामले की अगली सुनवाई 22 अगस्त को तय की है। जैन ने धनशोधन मामले में ईडी के आरोपपत्र पर संज्ञान लेने संबंधी निचली अदालत के 29 जुलाई, 2022 के आदेश को रद्द करने का अनुरोध किया है। उन्होंने मामले में उन्हें जारी किए गए समन और इसके बाद न्यायिक हिरासत में भेजे जाने से संबंधित आदेशों को भी चुनौती दी है तथा जेल से रिहाई का अनुरोध किया है।

ईडी ने याचिका का विरोध करते हुए कहा कि निचली अदालत का संज्ञान आदेश जुलाई 2022 में आया था, लेकिन आम आदमी पार्टी (आप) नेता ने इसे अब चुनौती दी है। सत्येंद्र जैन के अलावा ईडी ने उनकी पत्नी पूनम जैन, वैभव जैन, अंकुश जैन, अजीत प्रसाद जैन और सुनील जैन के खिलाफ भी आरोपपत्र दाखिल किया था। चार कंपनियों-अकिंचन डेवलपर्स प्राइवेट लिमिटेड, प्रयास इन्फोसॉल्यूशंस प्राइवेट लिमिटेड, मंगलायतन डेवलपर्स प्राइवेट लिमिटेड और जेजे आइडियल एस्टेट प्राइवेट लिमिटेड के खिलाफ भी आरोपपत्र दायर किया गया था। ईडी ने भ्रष्टाचार निवारण अधिनियम की विभिन्न धाराओं के तहत 24 अगस्त, 2017 को केंद्रीय अन्वेषण ब्यूरो (सीबीआई) द्वारा दर्ज प्राथमिकी के आधार पर धनशोधन की जांच शुरू की थी। सीबीआई ने आरोप लगाया है कि सत्येंद्र जैन ने दिल्ली सरकार में मंत्री के पद पर रहते हुए 14 फरवरी, 2015 से 31 मई, 2017 के बीच अपनी आय के ज्ञात स्रोतों से अधिक संपत्तियां अर्जित कीं।

राज्यों के पास खदानों और खनिज युक्त भूमि पर कर लगाने का विधायी अधिकार है : सुप्रीम कोर्ट

उच्चतम न्यायालय ने बृहस्पतिवार को कहा कि संविधान के तहत राज्यों के पास खदानों और खनिज युक्त भूमि पर कर लगाने का विधायी अधिकार है। सर्वोच्च न्यायालय की नौ न्यायाधीशों की संविधान पीठ ने 8:1 के बहुमत के फैसले में कहा कि खनिजों पर देय ‘रॉयल्टी’ कर नहीं है। प्रधान न्यायाधीश (सीजेआई) डी. वाई. चंद्रचूड़ ने अपने और पीठ के सात न्यायाधीशों के फैसले को पढ़ा जिसमें कहा गया कि संविधान की दूसरी सूची की प्रविष्टि 50 के अंतर्गत संसद को खनिज अधिकारों पर कर लगाने की शक्ति नहीं है। बहुमत के फैसले में उच्चतम न्यायालय ने कहा कि वर्ष 1989 में सात न्यायाधीशों की संविधान पीठ द्वारा दिया गया वह फैसला सही नहीं है जिसमें कहा गया था कि खनिजों पर ‘रॉयल्टी’ कर है। प्रधान न्यायाधीश ने कहा कि पीठ ने दो अलग-अलग फैसले दिए हैं और न्यायमूर्ति बी. वी. नागरत्ना ने असहमतिपूर्ण फैसला दिया है।

न्यायमूर्ति बी.वी. नागरत्ना ने फैसला पढ़ते हुए कहा कि राज्यों के पास खदानों तथा खनिज युक्त भूमि पर कर लगाने का विधायी अधिकार नहीं है । प्रधान न्यायाधीश और न्यायमूर्ति नागरत्ना के अलावा पीठ के अन्य सदस्य न्यायमूर्ति हृषिकेश रॉय, न्यायमूर्ति अभय एस. ओका, न्यायमूर्ति जे. बी. पारदीवाला, न्यायमूर्ति मनोज मिश्रा, न्यायमूर्ति उज्ज्ल भुइयां, न्यायमूर्ति सतीश चंद्र शर्मा और न्यायमूर्ति ऑगस्टीन जॉर्ज मसीह हैं। पीठ ने इन विवादास्पद मुद्दे पर फैसला सुनाया कि क्या खनिजों पर देय ‘रॉयल्टी’ खान तथा खनिज (विकास और विनियमन) अधिनियम 1957 के तहत कर है। क्या केवल केंद्र को ही ऐसा कर लेने का अधिकार है या राज्यों को भी अपने क्षेत्र में खनिज युक्त भूमि पर कर लेने का अधिकार है।

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हमारे पास रहने के लिए एक ही ग्रह है, दूसरा नहीं : उप राष्ट्रपति धनखड़

सभापति जगदीप धनखड़ ने बृहस्पतिवार को राज्यसभा में कहा कि हमारे पास रहने के लिए एक ही ग्रह (पृथ्वी) है और दूसरा ग्रह नहीं है। उच्च सदन में प्रश्नकाल के दौरान ग्रीन इंडिया मिशन को लेकर पूछे गए पूरक प्रश्नों के जवाब के दौरान सभापति धनखड़ ने कहा ”हमारे पास एक ही ग्रह ‘पृथ्वी’ है और दूसरा ग्रह नहीं है।” उन्होंने कहा कि हम पहले जलवायु को समझें और फिर जलवायु परिवर्तन को। सभापति ने यह भी कहा कि उन्होंने सदन के हर सदस्य से 200 पेड़ लगाने का आग्रह किया था। उन्होंने कहा ”मैंने हर सदस्य से 200 पेड़ लगाने का आग्रह किया था। मैं इसका पालन कर रहा हूं। मैं मान कर चल रहा हूं कि सदस्य यह काम कर रहे होंगे। इसकी जानकारी सचिवालय को होगी।” धनखड़ ने कहा ”मैं जहां भी जाता हूं, कम से कम दो पेड़ जरूर लगाता हूं।

तृणमूल कांग्रेस के साकेत गोखले ने अपने पूरक प्रश्न के माध्यम से जानना चाहा था कि क्या देश में हरित आवरण घट रहा है। इस पर पर्यावरण, वन एवं जलवायु परिवर्तन मंत्री भूपेंद्र यादव ने बताया कि हरित आवरण घट नहीं रहा बल्कि बढ़ रहा है। इसी सिलसिले में धनखड़ ने अपनी टिप्पणी की। यादव ने कहा कि प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी ने हाल ही ‘एक पेड़ मां के नाम’ पहल शुरू की है। उनके अनुसार, यह पहल देश में हरित आवरण बढ़ाने में मददगार होगी। उन्होंने कहा ”यह धरती हमें सब कुछ देती है और इसे बचाना हम सबकी जिम्मेदारी है। ‘एक पेड़ मां के नाम’ अभियान पूरे देश में चल रहा है जिसके तहत, खास तौर पर स्थानीय प्रजाति के पेड़ लगाए जा रहे हैं।” प्रश्नकाल में ही बीजद के निरंजन बिशी ने कहा कि ओडिशा में गंध मार्दन पहाड़ियों में दुर्लभ औषधीय पौधे तथा जड़ी बूटियां पाई जाती हैं। उन्होंने पूछा कि क्या गंध मार्दन पहाड़ियों को राष्ट्रीय जैवविविधता धरोहर स्थल घोषित किया जाएगा। यादव ने कहा कि गंध मार्दन पहाड़ियों देश के प्रमुख बायोस्फीयर में से एक है और इसके अध्ययन के लिए विशेष कार्य जारी है। उन्होंने कहा कि सरकार गंध मार्दन पहाड़ियों के संरक्षण के लिए प्रतिबद्ध है।

इसी पार्टी की सुलता देव ने ओडिशा के मयूरभंज जिले में सिमलीपाल में पाए जाने वाले ‘मिलेनिस्टिक’ प्रजाति के बाघ के संरक्षण के बारे में पूछा। उन्होंने कहा कि काले और सफेद रंग की यह प्रजाति दुनिया में कहीं नहीं मिलती, यह केवल सिमलीपाल में ही पाई जाती है। इसके जवाब में भूपेंद्र यादव ने कहा कि पिछले वर्ष बाघ संरक्षण के लिए अभियान शुरु किए जाने के 50 साल पूरे हुए और अब देश में 53 से अधिक बाघ संरक्षण अभ्यारण्य हैं। उन्होंने कहा कि सिमलीपाल विशिष्ट टाइगर रिजर्व है जहां खास ‘मिलेनिस्टिक’ प्रजाति के बाघ पाए जाते हैं। उन्होंने कहा कि इन बाघों के संरक्षण के लिए राष्ट्रीय बाघ संरक्षण प्राधिकरण (एनटीसीए) के माध्यम से कार्य जारी है। ‘एनटीसीए’ पर्यावरण, वन और जलवायु परिवर्तन मंत्रालय के तहत एक वैधानिक निकाय है, जिसका गठन वन्यजीव (संरक्षण) अधिनियम, 1972 के प्रावधानों के तहत किया गया है। यादव ने बताया कि जलवायु परिवर्तन की चुनौती से निपटने के लिए शुरू किए गए भारत के आठ मिशनों में से एक ‘राष्ट्रीय ग्रीन इंडिया मिशन’ है। फरवरी 2014 में शुरू किए गए इस मिशन का उद्देश्य वन कवर को सुधारना, वन क्षेत्र की पारिस्थितिकी को व्यवस्थित करना और देश में ग्रीन कवर को बढ़ाना आदि हैं। यादव ने कहा कि ग्रीन इंडिया मिशन के तहत 17 राज्यों को एक लाख 55 हजार 130 करोड़ दिए गए हैं।

आबकारी ‘घोटाला’: दिल्ली की अदालत ने केजरीवाल, सिसोदिया और के. कविता की न्यायिक हिरासत बढ़ाई

दिल्ली की एक अदालत ने कथित आबकारी घोटाले से जुड़े धनशोधन और भ्रष्टाचार के मामलों में मुख्यमंत्री अरविंद केजरीवाल की न्यायिक हिरासत बृहस्पतिवार को बढ़ा दी। विशेष न्यायाधीश कावेरी बावेजा ने प्रवर्तन निदेशालय (ईडी) की ओर से दर्ज धनशोधन मामले में केजरीवाल की हिरासत 31 जुलाई तक बढ़ा दी जबकि केंद्रीय अन्वेषण ब्यूरो (सीबीआई) द्वारा दर्ज भ्रष्टाचार के एक मामले में उनकी न्यायिक हिरासत आठ अगस्त तक बढ़ा दी गई।

न्यायाधीश ने धनशोधन के मामले में आम आदमी पार्टी के नेता और दिल्ली के पूर्व उपमुख्यमंत्री मनीष सिसोदिया, भारत राष्ट्र समिति की नेता के. कविता और अन्य आरोपियों की न्यायिक हिरासत भी 31 जुलाई तक बढ़ा दी। आरोपियों को वीडियो कॉन्फ्रेंस के जरिए अदालत में पेश किया गया। उच्चतम न्यायालय ने इससे पहले ईडी द्वारा दर्ज मामले में केजरीवाल को अंतरिम जमानत दे दी थी लेकिन वह तिहाड़ जेल में ही बंद रहे क्योंकि उन्होंने मामले में जमानती मुचलका नहीं भरा। केजरीवाल सीबीआई द्वारा दर्ज मामले में न्यायिक हिरासत में हैं।