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केंद्र और राज्यों के संयुक्त प्रयासों से ही जटिल मुद्दों का समाधान संभव: सीएम रेखा गुप्ता

दिल्ली की मुख्यमंत्री रेखा गुप्ता ने सोमवार को पहली बार उत्तरी क्षेत्रीय परिषद की बैठक में हिस्सा लिया। इस दौरान उन्होंने कहा कि कई जटिल मुद्दों का समाधान केंद्र और राज्यों की सामूहिक भागीदारी से ही संभव है। उत्तरी क्षेत्रीय परिषद में हरियाणा, हिमाचल प्रदेश, पंजाब, राजस्थान, दिल्ली, जम्मू-कश्मीर, लद्दाख और चंडीगढ़ शामिल हैं। केंद्रीय गृह मंत्री अमित शाह ने हरियाणा के फरीदाबाद में परिषद की 32वीं बैठक की अध्यक्षता की, जिसमें सदस्य राज्यों तथा केंद्र-शासित प्रदेशों से जुड़े मुद्दों पर चर्चा हुई। रेखा ने ‘एक्स’ पर एक पोस्ट में कहा कि प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी ने सहकारी संघवाद को राष्ट्र निर्माण का एक मजबूत आधार स्तंभ बनाया है।

उन्होंने कहा, “उत्तरी क्षेत्रीय परिषद इस विचार को जमीनी स्तर पर लागू करने के लिए एक बेहद प्रभावी और परिणामोन्मुखी मंच है।” रेखा ने कहा कि परिषद ने केंद्र और राज्यों से जुड़े महत्वपूर्ण मुद्दों पर खुली एवं रचनात्मक बातचीत प्रक्रिया को आगे बढ़ाने में मदद की। उन्होंने कहा, “कई जटिल मुद्दों का समाधान केंद्र और राज्यों की सामूहिक भागीदारी से ही संभव है तथा परिषद इस संयुक्त प्रयास को और मजबूत बनाती है।

बैठक में उत्तरी राज्यों के मुख्यमंत्री-नायब सिंह सैनी (हरियाणा), सुखविंदर सिंह सुक्खू (हिमाचल प्रदेश), भगवंत मान (पंजाब), भजन लाल शर्मा (राजस्थान), उमर अब्दुल्ला (जम्मू-कश्मीर) के साथ-साथ पंजाब के राज्यपाल और चंडीगढ़ के प्रशासक गुलाब चंद कटारिया, जम्मू-कश्मीर के उपराज्यपाल मनोज सिन्हा और दिल्ली के उपराज्यपाल वीके सक्सेना भी शामिल हुए।

दिल्ली कोर्ट ने लाल किला विस्फोट मामले के एक आरोपी को 10 दिन की एनआईए हिरासत में भेजा

दिल्ली की एक अदालत ने लाल किला विस्फोट के आरोपी आमिर राशिद अली को सोमवार को राष्ट्रीय अन्वेषण अभिकरण (एनआईए) की 10 दिन की हिरासत में भेज दिया। आरोपी को पटियाला हाउस अदालत परिसर में कड़ी सुरक्षा के बीच प्रधान जिला एवं सत्र न्यायाधीश के समक्ष पेश किया गया। मीडियाकर्मियों को अदालत में प्रवेश की अनुमति नहीं दी गयी। एक पुलिस अधिकारी ने बताया, ”दिल्ली पुलिस और रैपिड एक्शन फोर्स (आरएएफ) के जवानों को अदालत परिसर में और उसके आसपास तैनात किया गया है।” उन्होंने बताया कि किसी भी अप्रिय घटना को रोकने के लिए दंगा रोधी उपकरणों से लैस दल तैयार हैं।

राष्ट्रीय राजधानी में 10 नवंबर को लाल किले के पास विस्फोटकों से लदी एक कार में हुए विस्फोट में 13 लोग मारे गए और कई अन्य घायल हो गए। लाल किले के पास विस्फोट के लिए इस्तेमाल की गई कार को जम्मू कश्मीर के पुलवामा का डॉक्टर उमर नबी चला रहा था। उमर का संबंध एक ”सफेदपोश” आतंकी मॉड्यूल से था जिसका भंडाफोड़ मुख्य रूप से हरियाणा के फरीदाबाद से विस्फोटकों की बरामदगी के बाद हुआ था। अधिकारियों के अनुसार, अली को एनआईए ने रविवार को गिरफ्तार किया था और जिस हुंदै आई20 कार में विस्फोट हुआ था, वह उसके नाम पर पंजीकृत थी।

बीआरएस विधायकों की अयोग्यता: सुप्रीम कोर्ट ने तेलंगाना विधानसभा अध्यक्ष को जारी किया अवमानना नोटिस

उच्चतम न्यायालय ने सत्तारूढ़ कांग्रेस में शामिल हुए भारत राष्ट्र समिति (बीआरएस) के 10 विधायकों के खिलाफ अयोग्यता याचिकाओं पर फैसला करने के उसके निर्देश का पालन नहीं करने पर सोमवार को तेलंगाना विधानसभा अध्यक्ष के खिलाफ अवमानना नोटिस जारी किया। प्रधान न्यायाधीश बी आर गवई की अध्यक्षता वाली शीर्ष अदालत की पीठ ने 31 जुलाई को विधानसभा अध्यक्ष को बीआरएस के 10 विधायकों की अयोग्यता के मामले में तीन महीने के भीतर फैसला करने का निर्देश दिया था।

प्रधान न्यायाधीश की अध्यक्षता वाली पीठ ने बीआरएस नेताओं द्वारा दायर याचिकाओं पर अध्यक्ष और अन्य को नोटिस जारी करते हुए उसके पहले के निर्देशों का पालन नहीं करने को ”घोर अवमानना” करार दिया। हालांकि, पीठ ने तेलंगाना विधानसभा अध्यक्ष और अन्य को अगले आदेश तक व्यक्तिगत रूप से पेश होने से छूट दे दी। पीठ ने विधानसभा अध्यक्ष के कार्यालय की ओर से दायर एक अलग याचिका पर भी नोटिस जारी किया जिसमें अयोग्यता याचिकाओं पर फैसला करने के लिए आठ सप्ताह का और समय बढ़ाने का अनुरोध किया गया था। विधानसभा अध्यक्ष कार्यालय की ओर से वकील श्रवण कुमार के साथ उपस्थित वरिष्ठ अधिवक्ता मुकुल रोहतगी और अभिषेक सिंघवी ने कहा कि उन्होंने समय-सीमा बढ़ाने का अनुरोध किया है।

एक वकील ने बताया कि चार अयोग्यता याचिकाओं पर सुनवाई पूरी हो चुकी है और तीन मामलों में साक्ष्य दर्ज करने का काम पूरा हो चुका है। प्रधान न्यायाधीश ने कहा, ”यह पूरी हो जानी चाहिए थी… यह घोर अवमानना है… यह उन्हें तय करना है कि वे नया साल कहां मनाना चाहते हैं।” पीठ ने अब मामले की अगली सुनवाई चार हफ्ते बाद करना तय किया है। रोहतगी ने पीठ को आश्वासन दिया कि वह व्यक्तिगत रूप से विधानसभा अध्यक्ष के कार्यालय को न्यायालय की भावनाओं से अवगत कराएंगे और उम्मीद है कि चार हफ्ते में फैसला ले लिया जाएगा। शीर्ष अदालत ने 10 नवंबर को तेलंगाना विधानसभा अध्यक्ष के खिलाफ अवमानना कार्रवाई के अनुरोध वाली याचिका पर 17 नवंबर को सुनवाई करने पर सहमति जताई थी। यह अवमानना याचिका बीआरएस नेताओं केटी रामाराव, पाडी कौशिक रेड्डी और केओ विवेकानंद द्वारा दायर कई रिट याचिकाओं पर प्रधान न्यायाधीश एवं न्यायमूर्ति एजी मसीह की पीठ की ओर से दिए गए 31 जुलाई के फैसले से सामने आई है।

शीर्ष अदालत ने दोहराया कि संविधान की दसवीं अनुसूची के तहत अयोग्यता याचिकाओं पर फैसला करते समय विधानसभा अध्यक्ष एक न्यायाधिकरण के रूप में कार्य करते हैं और इसलिए उन्हें ”संविधान के तहत प्राप्त छूट” नहीं मिलती है। दसवीं अनुसूची दलबदल के आधार पर अयोग्यता के प्रावधानों से संबंधित है।

दिल्ली में इस मौसम का सबसे कम तापमान दर्ज, वायु गुणवत्ता ‘बेहद खराब’

दिल्ली में सोमवार को समग्र वायु गुणवत्ता सूचकांक (एक्यूआई) 356 दर्ज किया गया जो ‘बेहद खराब’ श्रेणी में आता है। केंद्रीय प्रदूषण नियंत्रण बोर्ड (सीपीसीबी) और आईएमडी ने यह जानकारी दी। भारत मौसम विज्ञान विभाग (आईएमडी) ने बताया कि राष्ट्रीय राजधानी में न्यूनतम तापमान 8.7 डिग्री सेल्सियस दर्ज किया गया जो इस मौसम का सबसे कम तापमान है। सीपीसीबी के ‘समीर’ ऐप के आंकड़ों से पता चला है कि पांच निगरानी केंद्रों ने वायु गुणवत्ता को ‘गंभीर’ श्रेणी में बताया है, जबकि 29 केंद्रों ने 300 से 400 के बीच आंकड़े के साथ एक्यूआई ‘बेहद खराब’ श्रेणी में दर्ज की, जबकि चार केंद्रों ने एक्यूआई ‘खराब’ श्रेणी में दर्ज की।

राजधानी के 38 एक्यूआई निगरानी केंद्रों में से बवाना ने 419 एक्यूआई के साथ सबसे अधिक प्रदूषण स्तर दर्ज किया। ‘गंभीर’ श्रेणी के अन्य क्षेत्रों में नरेला (405), जहांगीरपुरी (404), वजीरपुर (402) और रोहिणी (401) शामिल हैं। सीपीसीबी मानकों के अनुसार, शून्य से 50 के बीच एक्यूआई को ‘अच्छा’, 51 से 100 को ‘संतोषजनक’, 101 से 200 को ‘मध्यम’, 201 से 300 को ‘खराब’, 301 से 400 के बीच ‘बहुत खराब’ और 401 से 500 के बीच एक्यूआई को ‘गंभीर’ श्रेणी में माना जाता है।

आईएमडी ने कहा कि न्यूनतम तापमान 8.7 डिग्री सेल्सियस रहा जो सामान्य से 3.6 डिग्री कम था और सुबह साढ़े आठ बजे हवा में नमी का स्तर 92 प्रतिशत था। आसमान अधिकतर साफ रहेगा और अधिकतम तापमान 26 डिग्री सेल्सियस के आसपास रहने की उम्मीद है। हाल के वर्षों में इससे कम न्यूनतम तापमान 29 नवंबर, 2022 को 7.3 डिग्री दर्ज किया गया था। 2023 में नवंबर में सबसे कम न्यूनतम तापमान 9.2 डिग्री और 2024 में 9.5 डिग्री दर्ज किया गया था।

पूरा विश्वास है कि तिब्बत का एक बार फिर उदय होगा : मुरली मनोहर जोशी

भारतीय जनता पार्टी (भाजपा) के वरिष्ठ नेता और पूर्व मंत्री मुरली मनोहर जोशी ने निर्वासित तिब्बती बौद्धों की दृढ़ता की सराहना करते हुए कहा कि 14वें दलाई लामा की अहिंसा की शिक्षाओं के माध्यम से तिब्बत का फिर से उदय होगा। जोशी पूर्व सांसद कर्ण सिंह और तिब्बत हाउस के निदेशक गेशे दोरजी दामदुल के साथ शनिवार को पत्रकार-लेखक अरविंद यादव की पुस्तक ‘अनश्वर’ के विमोचन पर आयोजित कार्यक्रम को संबोधित कर रहे थे। यह पुस्तक 14वें दलाई लामा तेनजिन ग्यात्सो की हिंदी में पहली अधिकृत जीवनी है। उन्होंने कहा, ”मैं तिब्बती बौद्धों और तिब्बती लोगों को नमन करता हूं कि उन्होंने अपने गुरु, उनके आदर्शों और उनके निर्देशों के लिए कितना कुछ सहा और स्वीकार किया। फिर भी वे अपने सिद्धांतों से कभी विचलित नहीं हुए।

भाजपा के पूर्व अध्यक्ष (91)जोशी ने कहा, ”यहाँ आकर रहने वाले तिब्बती लोगों को भारी कठिनाइयों का सामना करना पड़ा। उनके सामने इतनी सारी विपरीत परिस्थितियां आईं कि अगर कोई और या कोई दूसरा समुदाय होता, तो वे शायद विद्रोह कर देते।” उन्होंने कहा कि बौद्ध नेता ने सभी को अहिंसा और सद्भाव के सिद्धांत सिखाए। जोशी ने कहा, ”मुझे पता है कि एक दिन आएगा, शायद मेरे जीवनकाल में न आए, लेकिन मुझे पूरा विश्वास है कि तिब्बत फिर से उठ खड़ा होगा, तिब्बत अपनी ज़मीन वापस लेगा। बहुत कम लोग जानते हैं कि तिब्बत ही था जिसने बौद्ध धर्म को चीन में लाया। बौद्ध धर्म सीधे भारत से बाद में गया, लेकिन सबसे पहले तिब्बती ही थे जो बौद्ध धर्म को चीन लेकर गए।” भाजपा नेता ने कहा कि उन्हें ”अटूट विश्वास” है कि तिब्बत फिर से उठ खड़ा होगा और अपने क्षेत्र को पुनः प्राप्त करेगा, जो चीन से कहीं बड़ा है।

जोशी ने दावा किया, ”एक समय था जब चीन तिब्बत के अधीन हुआ करता था। चीन का भूभाग तिब्बत के अधिकार में था। यह संभव है कि तिब्बत एक बार फिर उठ खड़ा हो और चीन पर शासन करे और उसे कहे कि ऐसा दोबारा न करें, वह गलती दोबारा न करें।” सर्व भाषा ट्रस्ट द्वारा प्रकाशित यह किताब दलाई लामा के अमदो में उनके बचपन से लेकर 14वें दलाई लामा के रूप में मान्यता, तिब्बत पर चीनी कब्जे, उनके निर्वासन और एक वैश्विक आध्यात्मिक प्रतीक के रूप में उनके उदय तक के उल्लेखनीय जीवन के महत्वपूर्ण क्षणों का वर्णन करती है।

दिल्ली की अदालत ने वर्ष 2021 के हत्या की कोशिश मामले में तीन लोगों को किया बरी

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दिल्ली की एक अदालत ने वर्ष 2021 के हत्या की कोशिश के एक मामले में आरोपी तीन लोगों को बरी करते हुए कहा है कि अभियोजन पक्ष उचित संदेह से परे उनका अपराध साबित करने में विफल रहा है। अतिरिक्त सत्र न्यायाधीश भूपिंदर सिंह ने इस मामले में संजय कुमार, चेतन और रिंकू को बरी करने का आदेश दिया। इन तीनों पर तन्मय सिंह नामक व्यक्ति की हत्या की कोशिश का आरोप था। अदालत ने 12 नवंबर के अपने आदेश में कहा, ”घायलों सहित सार्वजनिक गवाहों के प्रतिकूल बयानों को देखते हुए भारतीय दंड संहिता की धारा 307 (हत्या का प्रयास) और 34 (सामान्य इरादा) के तहत अपराध के लिए आरोपियों के खिलाफ एक भी सबूत रिकॉर्ड पर नहीं आया है।

अतिरिक्त सत्र न्यायाधीश ने कहा, ”मुझे यह मानने में कोई हिचकिचाहट नहीं है कि अभियोजन पक्ष सभी उचित संदेहों से परे अभियुक्तों का अपराध साबित करने में विफल रहा है।” अदालत ने कहा कि अभियोजन पक्ष घटना और शिकायतकर्ता को लगी चोटों की प्रकृति को साबित करने में विफल रहा। अभियोजन पक्ष के अनुसार तीनों आरोपियों ने 13 अगस्त, 2021 को आपस में हुए विवाद के बाद तन्मय सिंह पर हमला किया था। आरोप है कि संजय कुमार ने तन्मय को बुलाया और उस पर चाकू से कई वार किए, जिससे उसे गंभीर चोटें आईं। इस संबंध में वजीराबाद पुलिस थाने में मामला दर्ज किया गया है।

लंबित वेतन भुगतान के लिए सहारा के कर्मचारियों की याचिका पर सोमवार को सुनवाई करेगा

सुप्रीम कोर्ट सोमवार को सहारा समूह की कंपनियों से अपने लंबित वेतन के भुगतान की अपील करने वाले कर्मचारियों की अंतरिम याचिकाओं पर सुनवाई करेगा। उच्चतम न्यायालय की वाद सूची के अनुसार, मुख्य न्यायाधीश बी आर गवई की अध्यक्षता वाली पीठ द्वारा इस मामले की सुनवाई किए जाने की संभावना है। उच्चतम अदालत ने 14 अक्टूबर को सहारा इंडिया कमर्शियल कॉरपोरेशन लिमिटेड (एसआईसीसीएल) की याचिका पर केंद्र, भारतीय प्रतिभूति और विनिमय बोर्ड (सेबी) और अन्य हितधारकों से जवाब मांगा था। इस याचिका में सहारा ने अपनी 88 प्रमुख संपत्तियों को अदाणी प्रॉपर्टीज प्राइवेट लिमिटेड को बेचने की अनुमति मांगी थी। एसआईसीसीएल की याचिका पहले ही 17 नवंबर को सुनवाई के लिए सूचीबद्ध है।

शुक्रवार को वकीलों ने मुख्य न्यायाधीश से आग्रह किया कि कर्मचारियों की अंतरिम याचिकाओं को भी सोमवार को सूचीबद्ध किया जाए, क्योंकि उन्हें कई महीनों से वेतन नहीं मिला है। इससे पहले, पीठ ने सहारा समूह के धन वापसी दायित्वों से संबंधित लंबे समय से लंबित मामले में एसआईसीसीएल के अंतरिम आवेदन (आईए) पर सुनवाई की, जिसमें न्यायमूर्ति सूर्यकांत और न्यायमूर्ति एम एम सुंदरेश भी शामिल थे।

आतंकवाद के खतरे पर चर्चा के लिए तत्काल सर्वदलीय बैठक बुलाई जाए: खरगे

कांग्रेस अध्यक्ष मल्लिकार्जुन खरगे ने जम्मू कश्मीर के नौगाम थाने में हुए विस्फोट में कई लोगों की मौत पर शनिवार को दुख जताया और कहा कि आतंकवाद के खतरे पर चर्चा के लिए तत्काल सर्वदलीय बैठक बुलाने की जरूरत है। खरगे ने ‘एक्स’ पर पोस्ट किया, यह सुनकर बहुत दुःख हुआ कि जम्मू कश्मीर के नौगाम में एक थाने में हुए विस्फोट में 9 लोगों की जान चली गई और 24 लोग घायल हो गए। मैं उन परिवारों के प्रति गहरी संवेदना व्यक्त करता हूं जिन्होंने अपने प्रियजनों को खो दिया है।

उन्होंने कहा कि घायलों का शीघ्र इलाज किया जाना चाहिए और पीड़ितों को पर्याप्त मुआवजा दिया जाना चाहिए। खरगे ने कहा, यह घटनाक्रम दिल्ली में लाल किले के पास हुए कायराना आतंकवादी हमले के कुछ दिनों बाद हुआ है और यह केंद्र सरकार के लिए ख़ुफ़िया तंत्र और आतंकवाद-रोधी तंत्र को मज़बूत करने के लिए एक चेतावनी भी है। वह जवाबदेही से नहीं भाग सकती।” उन्होंने इस बात पर जोर दिया कि कांग्रेस आतंकवाद के अभिशाप के विरुद्ध राष्ट्र के साथ एकजुट है। राज्यसभा में नेता प्रतिपक्ष खरगे ने कहा, हाल ही में लाल किले के पास हुए आतंकवादी हमले के मद्देनज़र उस आतंकवाद के बढ़ते खतरे पर चर्चा के लिए एक सर्वदलीय बैठक बुलाने की तत्काल आवश्यकता है, जिसे बाहरी ताकतों से लगातार समर्थन मिल रहा है।

लोकसभा में नेता प्रतिपक्ष राहुल गांधी ने भी नौगाम विस्फोट में लोगों की मौत पर दुख जताया। उन्होंने ‘एक्स’ पर पोस्ट किया, जम्मू कश्मीर के नौगाम पुलिस थाने में हुए विस्फोट में कई सुरक्षाकर्मियों की मृत्यु और अनेक का घायल होना बहुत ही पीड़ादायक और चिंताजनक है। उन्होंने कहा, “सूचना है कि यह भीषण हादसा लाल किला हमले से जुड़े विस्फोटकों की जांच के दौरान हुआ। मैं शहीदों को विनम्र श्रद्धांजलि अर्पित करता हूं और घायलों के शीघ्र स्वस्थ होने की आशा करता हूं।

अपराध शाखा पर भरोसा नहीं, नौकरी के लिए नकदी घोटाले की न्यायिक जांच की मांग करते हैं: आप

गोवा में आम आदमी पार्टी (आप) ने नौकरी के लिए नकदी घोटाले की आरोपी पूजा नाइक द्वारा लगाए गए आरोपों की न्यायिक जांच की मांग की है। पार्टी का कहना है कि उसे इस मामले में अपराध शाखा की जांच पर भरोसा नहीं है। पिछले साल गिरफ्तार और फिलहाल जमानत पर रिहा नाइक ने पिछले हफ्ते सोशल मीडिया पर एक वीडियो पोस्ट किया था जिसमें उसने करोड़ों रुपये के इस घोटाले में राज्य के एक मंत्री, एक आईएएस (भारतीय प्रशासनिक सेवा) अधिकारी और एक इंजीनियर की संलिप्तता का आरोप लगाया गया था। आप की गोवा इकाई के अध्यक्ष अमित पालेकर ने शुक्रवार को कहा कि मामले की निष्पक्ष जांच के लिए मंत्री को तुरंत पद छोड़ देना चाहिए।

उन्होंने कहा, ”हमें अपराध शाखा पर कोई भरोसा नहीं है। मामले की न्यायिक जांच होनी चाहिए।” इस बीच नाइक ने मीडियाकर्मियों से बातचीत में राज्य के मंत्री और एमजीपी नेता सुदीन धवलीकर पर इस अपराध में शामिल होने का आरोप लगाया, हालांकि धवलीकर ने इस आरोप का खंडन किया है। आरोपी ने आरोप लगाया है कि सुदीन धवलीकर ने उसे दो अधिकारियों से मिलवाया था जिन्होंने विभिन्न अभ्यर्थियों को सरकारी नौकरी देने के बदले 17.68 करोड़ रुपये लिए थे। नाइक ने दावा किया कि इन अधिकारियों ने शुरुआत में नौकरियां दीं, लेकिन बाद में ऐसा करने में नाकाम रहे और लिये गए पैसे वापस करने में भी आनाकानी करने लगे। नाइक ने यह भी आरोप लगाया कि जब वह एमजीपी कार्यालय में एक कर्मचारी के रूप में काम कर रही थी तभी उसकी मुलाकात मंत्री से हुई थी। मंत्री ने पत्रकारों से बातचीत में इन आरोपों को खारिज किया और दावा किया कि उनका आरोपी से कोई लेना-देना नहीं है।

उन्होंने कहा, ”अपराध शाखा मामले की जांच कर रही है और उसने अपनी रिपोर्ट सौंपने के लिए 15 दिन का समय मांगा है। हम तब तक इंतजार करेंगे।” नाइक के दावों पर प्रतिक्रिया देते हुए महाराष्ट्रवादी गोमंतक पार्टी (एमजीपी) प्रमुख दीपक धवलीकर ने इस बात से इनकार किया कि आरोपी उनके साथ काम कर रही थी। उन्होंने कहा, ”हमारे पास उन लोगों का रिकॉर्ड है जिन्होंने हमारे साथ काम किया है। उसका (नाइक का) नाम उसमें नहीं है।” पुलिस के अनुसार, नौकरी के लिए नकदी घोटाले के सिलसिले में पूरे गोवा में दर्ज पांच मामलों में नाइक का नाम था और वह पिछले साल 21 नवंबर को जमानत पर बाहर आई थी।

चैतन्यानंद ने अपनी जान को खतरा बताया; दिल्ली कोर्ट ने जेल अधिकारियों से रिपोर्ट मांगी

दक्षिण-पश्चिम दिल्ली के एक निजी संस्थान में 16 छात्राओं का यौन उत्पीड़न करने के आरोपी चैतन्यानंद सरस्वती ने दिल्ली की एक अदालत में दावा किया कि तिहाड़ जेल में उसकी जान को खतरा है। स्वयंभू धर्मगुरु कई महिलाओं से छेड़छाड़ के आरोपों में न्यायिक हिरासत में है। वह प्रबंध संस्थान का पूर्व अध्यक्ष भी है। शुक्रवार को 14 दिन की न्यायिक हिरासत पूरी होने पर उसे न्यायिक मजिस्ट्रेट अनिमेष कुमार के समक्ष पेश किया गया, जहां उसने यह दावा किया। चैतन्यानंद ने यह भी कहा कि जेल अधिकारियों से बार-बार अनुरोध करने के बावजूद उसे साधु के वस्त्र पहनने की अनुमति नहीं दी गई, न ही उसे साधुओं को दिया जाने वाला आहार दिया गया। जेल अधिकारियों से विस्तृत स्थिति रिपोर्ट मांगते हुए अदालत ने मामले की आगे की सुनवाई 18 नवंबर के लिए स्थगित कर दी। इससे पहले, सात नवंबर को चैतन्यानंद ने एक सत्र अदालत से अपनी जमानत याचिका वापस ले ली थी।

उसके वकील ने अतिरिक्त सत्र न्यायाधीश दीप्ति देवेश को बताया कि याचिका वापस ली जा रही है क्योंकि आरोप पत्र दाखिल होने के बाद आरोपों की जांच की आवश्यकता है। चैतन्यानंद की जमानत याचिका में दावा किया गया है कि यह मामला ”सिखाये” गये शिकायतकर्ताओं पर आधारित है, क्योंकि उसने संस्थान में सख्त अनुशासन लागू किया था। दिल्ली पुलिस ने 27 अक्टूबर को सत्र अदालत को सूचित किया था कि उन्होंने मामले में 16 पीड़ितों में से नौ से पूछताछ की है।

सत्र अदालत ने 13 अक्टूबर को पाया कि पीड़ितों की संख्या को देखते हुए अपराध की गंभीरता कई गुना बढ़ जाती है। प्राथमिकी के अनुसार, चैतन्यानंद कथित तौर पर छात्राओं को देर रात अपने क्वार्टर में आने के लिए मजबूर करता था और उन्हें बेवक्त अनुचित संदेश भेजता था। वह कथित तौर पर अपने फोन के जरिए छात्राओं की गतिविधियों पर नज़र रखता था। आरोपी (62) को 28 सितंबर को आगरा से गिरफ्तार किया गया था।