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सरदार पटेल ने भारत की एकता के लिए निरंतर काम किया: दिल्ली के मुख्यमंत्री

दिल्ली की मुख्यमंत्री रेखा गुप्ता ने शुक्रवार को सरदार वल्लभभाई पटेल को श्रद्धांजलि अर्पित करते हुए कहा कि उन्होंने देश की एकता के लिए निरंतर काम किया। गुप्ता अपने मंत्रियों मनजिंदर सिंह सिरसा और प्रवेश सिंह वर्मा के साथ सुबह आयोजित ‘रन फॉर यूनिटी’ कार्यक्रम में शामिल हुईं। उन्होंने संवाददाताओं से कहा, “सरदार पटेल को ‘भारत के लौह पुरुष’ के रूप में जाना जाता है, क्योंकि उन्होंने देश की एकता के लिए निरंतर काम किया। आज सरदार पटेल की 150वीं जयंती पर देश भर में कार्यक्रम आयोजित किए जा रहे हैं।” मुख्यमंत्री ने कहा, “केंद्रीय गृह मंत्री अमित शाह ने रन फॉर यूनिटी को हरी झंडी दिखाई और दिल्ली सरकार भी इस अवसर पर दो दिवसीय एक विशाल कार्यक्रम का आयोजन कर रही है।” मोदी सरकार 2014 से 31 अक्टूबर को ‘राष्ट्रीय एकता दिवस’ के रूप में मनाती आ रही है।

भारत के पहले गृह मंत्री और उप-प्रधानमंत्री के रूप में, पटेल को 550 से ज्यादा रियासतों का भारत संघ में विलय कराने का श्रेय दिया जाता है। सरदार पटेल की 150वीं जयंती के उपलक्ष्य में देश भर में राष्ट्रीय एकता दिवस समारोह के तहत भारत के एकीकरण में उनके योगदान को याद करते हुए विभिन्न कार्यक्रम आयोजित किए जा रहे हैं। गुजरात के केवड़िया में उनकी प्रतिमा के सामने एक भव्य परेड का आयोजन किया गया, जहां प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी ने सलामी ली। मीडिया से बातचीत करते हुए, मुख्यमंत्री ने भारतीय महिला क्रिकेट टीम को विश्व कप सेमीफाइनल में जीत के लिए बधाई भी दी। उन्होंने कहा, “यह एक शानदार जीत थी। मैं उन्हें अपनी शुभकामनाएं देती हूं। भारत ने बृहस्पतिवार को नवी मुंबई में रिकॉर्ड जीत के साथ सात बार की चैंपियन ऑस्ट्रेलिया को हराकर तीसरी बार महिला वनडे विश्व कप के फाइनल में प्रवेश किया।

मेरी निजी राय है कि संघ पर पाबंदी लगनी चाहिए : खरगे

कांग्रेस अध्यक्ष मल्लिकार्जुन खरगे ने शनिवार को कहा कि राष्ट्रीय स्वयंसेवक संघ पर फिर से प्रतिबंध लगाया जाना चाहिए क्योंकि देश में कानून व्यवस्था से जुड़ी ज्यादातर गड़बड़ियों के लिए यही संगठन जिम्मेदार है। उन्होंने यह भी कहा कि ये उनके व्यक्तिगत विचार हैं। उन्होंने समाजवादी पार्टी के अध्यक्ष अखिलेश यादव के एक बयान से जुड़े सवाल का जवाब देते हुए कहा, “मेरा व्यक्तिगत विचार है कि (आरएसएस पर) प्रतिबंध लगाना चाहिए।” खरगे ने दावा किया कि देश में कानून व्यवस्था से जुड़ी ज्यादातर गड़बड़ियों के लिए आरएसएस और भाजपा जिम्मेदार हैं। कांग्रेस अध्यक्ष ने यह दावा भी किया कि प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी झूठ को सच में बदलने में माहिर हैं।

उन्होंने कहा कि पटेल ने भारत के धर्मनिरपेक्ष और लोकतांत्रिक स्वरूप की रक्षा के लिए आरएसएस को प्रतिबंधित किया था। उन्होंने कहा, ”आप (भाजपा) हर चीज के लिए कांग्रेस को दोष देते हैं तो अपनी करतूत को भी देख लीजिए।” खरगे ने कहा, ”सच को जितना मिटाने की कोशिश कर लो, वह नहीं मिटेगा।” उनका कहना था, ”वे (प्रधानमंत्री और भाजपा) हमेशा स्वतंत्र भारत के पहले प्रधानमंत्री पंडित जवाहरलाल नेहरू और देश के पहले गृह मंत्री सरदार वल्लभभाई पटेल के बीच झगड़ा दिखाने की कोशिश करते हैं, जबकि नेहरू और पटेल के बहुत अच्छे रिश्ते थे और पटेल ने नेहरू को जनता का नेता बताया था।” उन्होंने कहा, ”भाजपा से कहना चाहता हूं कि दही में कंकड़ मत ढूंढो।

आपका इतिहास सबको मालूम है। नेहरू ने ही सबसे पहले गुजरात में पटेल की प्रतिमा का अनावरण किया था और सरदार सरोवर बांध की बुनियाद रखी थी।” प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी ने शुक्रवार को कहा कि सरदार पटेल अन्य रियासतों की तरह पूरे कश्मीर को भारत में मिलाना चाहते थे, लेकिन तत्कालीन प्रधानमंत्री जवाहरलाल नेहरू ने ऐसा नहीं होने दिया। गुजरात के एकता नगर में ‘स्टैच्यू ऑफ यूनिटी’ के पास राष्ट्रीय एकता दिवस परेड के बाद उपस्थित लोगों को संबोधित करते हुए मोदी ने कहा, ”सरदार पटेल का मानना था कि इतिहास लिखने में समय बर्बाद नहीं करना चाहिए बल्कि इतिहास बनाने के लिए कड़ी मेहनत करनी चाहिए।” मोदी ने कहा, ”सरदार पटेल पूरे कश्मीर का एकीकरण करना चाहते थे जैसा उन्होंने अन्य रियासतों के साथ किया था। लेकिन नेहरू जी ने उनकी इच्छा पूरी नहीं होने दी। कश्मीर का विभाजन हुआ, उसे अलग संविधान और अलग झंडा दिया गया और कांग्रेस की इस गलती का खामियाजा देश को दशकों तक भुगतना पड़ा।

दिल्ली एमसीडी उपचुनाव के लिए भाजपा तैयार, 12 में से कम से कम 10 सीट पर जीत का लक्ष्य

भारतीय जनता पार्टी (भाजपा) ने दिल्ली नगर निगम उपचुनावों की तैयारी शुरू कर दी है और पार्टी नेताओं ने बृहस्पतिवार को बताया कि उनका लक्ष्य 12 वार्डों में से कम से कम 10 पर जीत हासिल करना है। एमसीडी की 12 सीट पर उपचुनाव 30 नवंबर को होगा। भाजपा की दिल्ली इकाई के अध्यक्ष वीरेंद्र सचदेवा ने बुधवार को चुनाव समन्वयकों और प्रभारी मंत्रियों की नियुक्ति की घोषणा की। इन प्रभारियों ने वार्डों के स्थानीय नेताओं के साथ-साथ संबंधित जिला पार्टी इकाइयों के अध्यक्षों के साथ बैठकें कीं। भाजपा की दिल्ली इकाई के एक वरिष्ठ पदाधिकारी ने कहा, “हम जल्द ही सभी 12 वार्डों के लिए उम्मीदवारों की घोषणा करेंगे। पहले इन 12 वार्डों में से नौ भाजपा के पास थे और अब हमारा लक्ष्य कम से कम 10 वार्डों पर जीत हासिल करना है।

जिन सीट पर उपचुनाव होना है, उनमें मुंडका, शालीमार बाग-बी, अशोक विहार, चांदनी चौक, चांदनी महल, द्वारका-बी, दिचाओं कलां, नारायणा, संगम विहार-ए, दक्षिण पुरी, ग्रेटर कैलाश और विनोद नगर वार्ड शामिल हैं। रेखा गुप्ता, शालीमार बाग-बी वार्ड का प्रतिनिधित्व करती थीं और इस साल की शुरुआत में विधानसभा चुनाव जीतने और दिल्ली की मुख्यमंत्री बनने के बाद उन्होंने इस पद को छोड़ दिया। द्वारका-बी वार्ड, भाजपा की कमलजीत सहरावत द्वारा पश्चिमी दिल्ली लोकसभा सीट से सांसद चुने जाने के बाद यह सीट खाली हुई थी। इस साल फरवरी में हुए विधानसभा चुनावों में भाजपा और आम आदमी पार्टी (आप) के मौजूदा पार्षदों के विधायक बनने के बाद बाकी अन्य सीट खाली हुई थीं।

भाजपा द्वारा जारी एक बयान के मुताबिक, दिल्ली के पर्यावरण मंत्री मनजिंदर सिंह सिरसा मुंडका व अशोक विहार वार्ड के प्रभारी होंगे, संस्कृति मंत्री कपिल मिश्रा शालीमार बाग व विनोद नगर के, समाज कल्याण मंत्री रवींद्र इंद्राज चांदनी महल व चांदनी चौक के, स्वास्थ्य मंत्री पंकज सिंह द्वारका बी व दिचाऊ कलां के, गृह मंत्री आशीष सूद नारायण व ग्रेटर कैलाश के, लोक निर्माण मंत्री प्रवेश वर्मा दक्षिणपुरी व संगम विहार ए के प्रभारी होंगे। दिल्ली राज्य निर्वाचन आयोग ने उपचुनाव के लिए नामांकन तीन नवंबर से शुरू होने की घोषणा की। इसके अलावा नामांकन करने की अंतिम तिथि 10 नवंबर होगी और नामांकन पत्रों की जांच 12 नवंबर को होगी। नामांकन वापस लेने की आखिरी तारीख 15 नवंबर होगी। उपचुनाव के लिए मतदान 30 नवंबर को होगा और नतीजे तीन दिसंबर को आएंगे।

राहुल जब भी मुंह खोलते हैं, कांग्रेस को झटका लगता है: रीजीजू

संसदीय कार्य मंत्री किरेन रीजीजू ने प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी पर निशाना साधने वाली राहुल गांधी की टिप्पणी को लेकर बृहस्पतिवार को उन पर पलटवार किया और दावा किया कि उनकी टिप्पणियों से कांग्रेस के ”अच्छे नेता” भी शर्मिंदा हैं। राहुल गांधी ने बुधवार को बिहार में चुनावी सभाओं को संबोधित करते हुए दावा किया था कि प्रधानमंत्री वोट के लिए कुछ भी कर सकते हैं और यहां तक कि वह मंच पर नाच भी सकते हैं।

राष्ट्रीय ई-विधान एप्लीकेशन (एनईवीए) पर तीसरे राष्ट्रीय सम्मेलन के मौके पर रीजीजू ने यहां संवाददाताओं से कहा, ”राहुल गांधी की टिप्पणियों से कांग्रेस पार्टी को नुकसान ही हुआ है। कांग्रेस में अच्छे लोग भी उनकी टिप्पणियों से शर्मिंदा हैं। कोई भी नेता ऐसी भाषा नहीं बोल सकता।” रीजीजू ने कहा कि अगर राहुल गांधी इसी तरह बोलते रहे तो इस देश के लोग कभी भी कांग्रेस को सत्ता में वापस नहीं लाएंगे। भारतीय जनता पार्टी (भाजपा) के वरिष्ठ नेता ने कहा, ”कांग्रेस के लोग चिंतित हैं क्योंकि जब भी राहुल गांधी अपना मुंह खोलते हैं, पार्टी को नुकसान ही होता है। देश प्रगति कर रहा है, लेकिन कांग्रेस को लगातार झटके लग रहे हैं।

कांग्रेस-राजद नेता ”छठी मैया का अपमान कर रहे हैं, बिहार उन्हें माफ नहीं करेगा : मोदी

प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी ने बृहस्पतिवार को आरोप लगाया कि कांग्रेस और राष्ट्रीय जनता दल (राजद) के नेता बिहार में होने वाले विधानसभा चुनाव में वोट पाने के लिए छठी मैया का अपमान कर रहे हैं और राज्य की जनता उन्हें क्षमा नहीं करेगी। प्रधानमंत्री का यह बयान कांग्रेस नेता राहुल गांधी द्वारा बुधवार को यह आरोप लगाए जाने के एक दिन बाद आया है कि प्रधानमंत्री ने छठ पूजा के अवसर पर दिल्ली में यमुना में डुबकी लगाने की योजना बनाकर ”नाटक” करने की कोशिश की। मुजफ्फरपुर में एक चुनावी रैली को संबोधित करते हुए मोदी ने कहा, ”छठ पूजा अब दुनिया भर में प्रसिद्ध है और छठ के बाद यह बिहार का मेरा पहला दौरा है। यह पर्व न केवल भक्ति का प्रतीक है बल्कि समानता का भी प्रतीक है।

यही कारण है कि मेरी सरकार इस पर्व को यूनेस्को विरासत का दर्जा दिलाने का प्रयास कर रही है।” मोदी ने कहा, ”मैं यात्रा के दौरान छठ के गीत सुनता हूं। एक बार नागालैंड की एक लड़की द्वारा गाए गए इन गीतों में से एक को सुनकर मैं भावुक हो गया था। लेकिन जब आपका यह बेटा यह सुनिश्चित करने में व्यस्त है कि छठ को उसका उचित सम्मान मिले तब कांग्रेस-राजद के लोग इस पर्व का उपहास उड़ा रहे हैं और इसे नाटक, नौटंकी कह रहे हैं।” दरअसल कांग्रेस नेता राहुल गांधी ने बुधवार को जिले में एक चुनावी रैली की थी और दिल्ली में यमुना के किनारे छठ पूजा के आयोजन का हवाला देते हुए कहा था कि एक तरफ यमुना नदी में गंदा पानी था और बगल में साफ पानी का तालाब बनाया गया था ताकि प्रधानमंत्री उसमें नहाकर ‘ड्रामा’ कर सकें, जबकि उन्हें छठ पूजा से कोई लेनादेना नहीं है।

उन्होंने कहा था कि इस बारे में जब पूरे हिंदुस्तान को पता चल गया तो प्रधानमंत्री मोदी छठ पूजा के इस आयोजन में नहीं गए। राहुल गांधी ने दावा किया कि प्रधानमंत्री वोट के लिए कुछ भी कर सकते हैं। मोदी ने कहा, ”देखिए, वोट मांगने के लिए ये लोग किस हद तक गिर सकते हैं। यह छठ पर्व का अपमान है, जिसे बिहार सदियों तक नहीं भूलेगा।” उन्होंने आरोप लगाया कि राजद और कांग्रेस का रिश्ता पानी और तेल जैसा है और वे ” किसी भी कीमत पर सत्ता हथियाने के लिए एक साथ आए हैं ताकि बिहार को लूट सकें।” उन्होंने कहा,” इस चुनाव में सबसे बड़ी खबर यह नहीं है कि मुझे गालियां दी जा रही हैं। सबसे बड़ी खबर है कांग्रेस और राजद के बीच की अंदरूनी कलह। दोनों दल सहयोगी होने के बावजूद एक-दूसरे को नीचा दिखा रहे हैं। सत्ता का लालच ही उन्हें एक साथ लाया है।” प्रधानमंत्री ने अपने विरोधियों को ”नामदार” करार देते हुए कहा, ” वे इस बात को बर्दाश्त नहीं कर पा रहे हैं कि एक पिछड़े वर्ग का नेता जो कभी चाय बेचता था, आज इतनी ऊंचाइयों पर पहुंच गया है। उन्हें यह जानने की जरूरत है कि मेरी उपलब्धियां उनके आशीर्वाद की वजह से नहीं, बल्कि जनता के आशीर्वाद और बाबासाहेब आंबेडकर द्वारा बनाए गए संविधान की वजह से हैं।

उन्होंने आरोप लगाया कि कांग्रेस और राजद नेताओं ने आंबेडकर का अपमान किया है। प्रधानमंत्री ने दावा किया कि सभी सर्वेक्षण बता रहे हैं कि राजद नीत गठबंधन को विधानसभा चुनाव में अपमानजनक हार का सामना करना पड़ेगा, इसलिए वह ”ऐसे वादे कर रहे हैं जो हकीकत से दूर” हैं। उन्होंने दावा किया, ” सभी सर्वेक्षण संकेत दे रहे हैं कि राजग बड़ी जीत की ओर बढ़ रहा है। और राजद-कांग्रेस गठबंधन को अपने इतिहास की सबसे बुरी हार का सामना करना पड़ेगा।” मोदी ने यह भी आरोप लगाया कि कांग्रेस-राजद गठबंधन पांच ‘क’ – ‘कट्टा’, ‘क्रूरता’, ‘कटुता’, ‘कुशासन’ (कुशासन) और ‘करप्शन’ का प्रतीक है। मोदी ने दावा किया कि राज्य में राजद शासन के दौरान 35,000-40,000 अपहरण हुए और ”गुंडे वाहन शोरूम लूटते थे।

मोदी ने कहा, ”दूसरी ओर राजग सांस्कृतिक विरासत को संरक्षित करने और सम्मान देने तथा बिहार सहित सभी राज्यों का सर्वांगीण विकास सुनिश्चित करने का पक्षधर है।” उन्होंने अपने भाषण की शुरुआत भीड़ से ‘फिर एक बार राजग सरकार’ और ‘फिर एक बार सुशासन सरकार’ के नारे लगवाकर की। प्रधानमंत्री ने स्थानीय बोली वज्जिका में कुछ वाक्य बोले और कहा, ”आप लोगों की बातचीत का तरीका बहुत मीठा है।” उन्होंने कहा कि मुजफ्फरपुर ”शाही लीची” के लिए प्रसिद्ध है और स्वतंत्रता सेनानी खुदीराम बोस तथा प्रख्यात हिंदी साहित्यकार रामवृक्ष बेनीपुरी और जानकी वल्लभ शास्त्री जैसे दिग्गजों ने यहां जन्म लिया था।

कांग्रेस घुसपैठियों के साथ खड़ी है, वोट के लिए भारत को तोड़ रही है : भाजपा

भाजपा ने बुधवार को कांग्रेस पर “घुसपैठियों” के साथ “खुलेआम” खड़े होने और वोट के लिए भारत को तोड़ने के एजेंडे को आगे बढ़ाने का आरोप लगाया। यह आरोप सोशल मीडिया पर सामने आए एक वीडियो के बाद लगाया गया है जिसमें कथित तौर पर कांग्रेस के एक नेता असम में सेवा दल की आधिकारिक बैठक में बांग्लादेश का राष्ट्रगान गाते हुए नजर आ रहे हैं। असम में श्रीभूमि जिला प्रशासन के एक वरिष्ठ अधिकारी ने कहा कि उन्हें “राज्य के मत्स्य पालन मंत्री कृष्णेंदु पॉल से मामले की जांच करने के मौखिक निर्देश मिले हैं, और हम अब इस मामले को देख रहे हैं।” कांग्रेस की असम इकाई ने इस मुद्दे को कमतर आंकते हुए कहा कि सत्तारूढ़ पार्टी लोगों का ध्यान भटकाने के लिए “अनावश्यक विवाद” पैदा कर रही है। यह घटना सोशल मीडिया पर एक अज्ञात वीडियो के सामने आने के बाद हुई, जिसमें कांग्रेस पदाधिकारी बिधु भूषण दास दक्षिणी असम की बराक घाटी के श्रीभूमि जिले में कांग्रेस सेवा दल की बैठक में कथित तौर पर नोबेल पुरस्कार विजेता रवींद्र नाथ टैगोर द्वारा रचित बांग्लादेश का राष्ट्रगान “आमार सोनार बांग्ला” गाते हुए दिखाई दे रहे हैं।

दूसरी ओर, भाजपा ने अगले साल होने वाले चुनाव से पहले कांग्रेस पर हमला करने का मौका दोनों हाथों से लपक लिया। भारतीय जनता पार्टी के राष्ट्रीय प्रवक्ता शहजाद पूनावाला ने कहा, “कांग्रेस वर्षों से बांग्लादेशी घुसपैठियों के साथ खड़ी रही है। इसने अपने शासन के दौरान इन घुसपैठियों को बसने में मदद की। और अब, कांग्रेस आधिकारिक तौर पर पार्टी के मंच से उनका समर्थन कर रही है और उसके नेता बांग्लादेश का राष्ट्रगान गा रहे हैं।” उन्होंने यहां भाजपा मुख्यालय में एक संवाददाता सम्मेलन में कहा, “यह संयोग नहीं है। यह वोट बैंक के लिए एक सोचा-समझा प्रयोग और उद्योग है।” उन्होंने कांग्रेस नेता राहुल गांधी से इस पर प्रतिक्रिया मांगी। पूनावाला ने आरोप लगाया, “कांग्रेस के एक बड़े नेता उस बांग्लादेश का राष्ट्रगान गाते हैं जिसने हाल ही में भारत के पूर्वोत्तर क्षेत्र, खासकर असम को अलग करने के लिए भड़काऊ बयान दिया था। कांग्रेस आधिकारिक तौर पर ‘भारत के टुकड़े-टुकड़े’ एजेंडे को आगे बढ़ाने के लिए सामने आई है।

विवाद पर प्रतिक्रिया देते हुए असम कांग्रेस अध्यक्ष गौरव गोगोई ने भाजपा पर पलटवार करते हुए आरोप लगाया कि सत्तारूढ़ पार्टी “अनावश्यक विवाद” पैदा कर रही है क्योंकि उसके पास लोगों का ध्यान भटकाने के लिए कोई अन्य मुद्दा नहीं है। श्रीभूमि जिला कांग्रेस अध्यक्ष तापस पुरकायस्थ ने कहा, “रवींद्रनाथ टैगोर के साथ राजनीति मत कीजिए। हमारे गौरव, 85 वर्षीय कवि विधु भूषण दास ने गीत की केवल दो पंक्तियां गाईं। इस गीत की आलोचना करना रवींद्रनाथ टैगोर का अपमान करना है।” भाजपा प्रवक्ता ने विपक्षी गठबंधन ‘इंडिया’ के अन्य घटकों पर भी निशाना साधा और टीएमसी की आलोचना करते हुए आरोप लगाया कि ममता बनर्जी सरकार पश्चिम बंगाल में दंगे भड़काने की साजिश रच रही है, क्योंकि निर्वाचन आयोग ने 11 अन्य प्रदेशों के साथ राज्य में मतदाता सूची पुनरीक्षण के दूसरे चरण की शुरुआत की घोषणा की है।

उन्होंने इस संबंध में कुछ तृणमूल कांग्रेस नेताओं की हालिया टिप्पणियों का हवाला देते हुए आरोप लगाया कि उन्होंने पश्चिम बंगाल में एसआईआर कराए जाने पर निर्वाचन आयोग के अधिकारियों और भाजपा कार्यकर्ताओं पर हिंसा और हमले की धमकी दी है। भाजपा प्रवक्ता ने दावा किया, “ममता बनर्जी ने खुद कहा है कि अगर राज्य में एसआईआर लागू किया गया तो बंगाल में दंगे होंगे।” उन्होंने कहा, “क्या कांग्रेस और ‘इंडिया’ बंगाल सरकार द्वारा दंगे भड़काने की साजिश, राज्य में एसआईआर के कार्यान्वयन और चुनाव आयोग के अधिकारियों पर हमले के बारे में कुछ कहेंगे?” भाजपा प्रवक्ता ने विपक्षी दलों पर एसआईआर के कार्यान्वयन पर “दोहरा मापदंड” अपनाने का भी आरोप लगाया। उन्होंने कहा, “वही विपक्ष – कांग्रेस, राकांपा (शरदचंद्र पवार), समाजवादी पार्टी – स्थानीय निकाय चुनावों से पहले महाराष्ट्र में एसआईआर लागू करने की मांग कर रहे हैं।” पूनावाला ने विपक्ष से पूछा, “ये एसआईआर (महाराष्ट्र में) अच्छा है, और बाकी 12 राज्यों में होने वाला एसआईआर बुरा? एक एसआईआर धर्मनिरपेक्ष कैसे हो जाता है और दूसरा एसआईआर सांप्रदायिक कैसे हो जाता है?” भाजपा प्रवक्ता पूनावाला ने आरोप लगाया कि इंडियन नेशनल डेवलपमेंटल इंक्लूसिव एलायंस (इंडिया) के घटक दल, चाहे वह टीएमसी हो, कांग्रेस हो या द्रमुक हो, “प्रतिस्पर्धात्मक तुष्टीकरण की राजनीति” में लगे हुए हैं।

उन्होंने आरोप लगाया कि वे “संविधान, संविधान” का जाप करते रहते हैं, लेकिन वास्तव में वे “वोट बैंक और शरिया का कारोबार” चाहते हैं। पूनावाला ने आरोप लगाया कि पश्चिम बंगाल में टीएमसी सरकार का एजेंडा “मां (महिलाओं), माटी (मिट्टी) और मानुष (लोगों) की रक्षा करना नहीं है, बल्कि जिहादियों, दंगाइयों और बलात्कारियों को बचाना है।” भाजपा प्रवक्ता ने आरोप लगाया कि तृणमूल कांग्रेस संविधान के साथ खड़े होने का दावा करती है, लेकिन उसके कार्यों से स्पष्ट है कि वह ”जंगल आज और शरिया राज” लागू करना चाहती है। उन्होंने कहा, “ममता बनर्जी को यह स्पष्ट करना चाहिए कि 2014 से पहले जब एसआईआर प्रक्रिया अपनाई गई थी, तो क्या वह पिछले दरवाजे से एनआरसी थी? क्या वह एसआईआर प्रक्रिया ही एनआरसी थी और क्या वह जरूरी थी?

दिल्ली मेट्रो वायु प्रदूषण कम करने के लिए 40 अतिरिक्त फेरे लगाएगी

दिल्ली मेट्रो वायु प्रदूषण कम करने के लिए कार्य दिवसों में 40 अतिरिक्त फेरे लगाएगी। एक अधिकारी ने बुधवार को यह जानकारी दी। इस बढ़ी हुई क्षमता का उद्देश्य यात्रियों को अपने वाहनों को छोड़कर मेट्रो का विकल्प चुनने के लिए प्रोत्साहित करना है। एक बयान के अनुसार, दिल्ली मेट्रो रेल कॉरपोरेशन (डीएमआरसी) के प्रबंध निदेशक डॉ. विकास कुमार ने नागरिक और पर्यावरण विभागों के अधिकारियों के साथ धूल को कम करने के प्रयासों की समीक्षा के लिए निर्माणाधीन कृष्णा पार्क एक्सटेंशन-आरके आश्रम मार्ग कॉरिडोर के साथ उत्तरी दिल्ली के अशोक विहार और डेरावाल नगर क्षेत्रों का निरीक्षण किया।

कुमार ने कहा कि अगर चरणबद्ध प्रतिक्रिया कार्ययोजना (जीआरएपी) का तीसरा चरण लागू होता है, तो अतिरिक्त फेरों की संख्या बढ़ाकर 60 की जा सकती है। डीएमआरसी ने कहा कि वह निर्माण और तोड़ फोड़ वाले स्थलों पर पानी का छिड़काव करवा रहा है और वायु प्रदूषण को कम करने के लिए अपशिष्ट पदार्थों का सुरक्षित निपटान सुनिश्चित कर रही है। आदेश के अनुरूप, ऐसे सभी स्थलों पर ‘एंटी-स्मॉग गन’ तैनात कर दी गई हैं। डीएमआरसी के अनुसार, वह राष्ट्रीय राजधानी क्षेत्र की उन पहली निर्माण एजेंसियों में से एक थी जिसने ‘एंटी-स्मॉग गन’ का इस्तेमाल अनिवार्य होने से पहले ही शुरू कर दिया था। डीएमआरसी ने बताया कि वर्तमान में, उसके परियोजना स्थलों पर लगभग 82 ऐसी मशीनें कार्यरत हैं, तथा आवश्यकतानुसार और भी मशीनें जोड़ी जाएंगी। डीएमआरसी ने कई तरह की दीर्घकालिक पर्यावरणीय पहल भी शुरू की हैं।

न्यायिक अधिकारियों की तरक्की के मुद्दे से निपटने के लिए मानदंडों की आवश्यकता: सुप्रीम कोर्ट

उच्चतम न्यायालय ने बुधवार को कहा कि देशभर में प्रारंभिक स्तर के न्यायिक अधिकारियों की वरिष्ठता तय करने के मापदंडों में राष्ट्रीय स्तर पर किसी न किसी तरह की ”एकरूपता” जरूरी है, ताकि पूरे देश में इन न्यायिक अधिकारियों के करियर की धीमी और असमान प्रगति की समस्या को दूर किया जा सके। प्रधान न्यायाधीश बी आर गवई की अध्यक्षता वाली पांच न्यायाधीशों की संविधान पीठ ने हालांकि स्पष्ट किया कि उसका न्यायाधीशों के लिए नामों की सिफारिश करने में उच्च न्यायालयों के अधिकारों में हस्तक्षेप करने का कोई इरादा नहीं है। संविधान पीठ में न्यायमूर्ति गवई के अलावा न्यायमूर्ति सूर्यकांत, न्यायमूर्ति विक्रम नाथ, न्यायमूर्ति के. विनोद चंद्रन और न्यायमूर्ति जॉयमाल्या बागची शामिल हैं।

पीठ ने उच्च न्यायिक सेवा (एचजेएस) संवर्ग में वरिष्ठता निर्धारित करने के लिए राष्ट्रव्यापी मानदंड तैयार करने पर मंगलवार को सुनवाई शुरू की थी। पीठ ने इस स्थिति पर गौर किया कि “ज्यादातर राज्यों में दीवानी न्यायाधीश (सीजे) के रूप में भर्ती होने वाले न्यायिक अधिकारी अक्सर प्रधान जिला न्यायाधीश (पीडीजे) के पद तक भी नहीं पहुंच पाते, उच्च न्यायालय के न्यायाधीश बनने की बात तो दूर है। इसका नतीजा यह हुआ है कि कई प्रतिभाशाली युवा वकील दीवानी न्यायाधीश स्तर पर न्यायिक सेवा में शामिल होने से हतोत्साहित हो रहे हैं।” सुनवाई के दूसरे दिन बुधवार को इलाहाबाद उच्च न्यायालय की ओर से पेश वरिष्ठ अधिवक्ता राकेश द्विवेदी ने उच्चतम न्यायालय से अनुरोध किया कि वह वरिष्ठता निर्धारण के लिए कोई एकरूप ढांचा लागू न करे। उन्होंने कहा कि यह मामला उच्च न्यायालयों के विवेक पर छोड़ा जाना चाहिए, क्योंकि संविधान के तहत अधीनस्थ न्यायपालिका के प्रशासन का अधिकार उन्हीं के पास निहित है। उन्होंने कहा, ”उच्च न्यायालय अपने-अपने राज्यों की परिस्थितियों और वास्तविकताओं से पूरी तरह अवगत हैं।

वे वरिष्ठता और पदोन्नति के मामलों से निपटने के लिए सबसे उचित स्थिति में हैं… यह उच्च न्यायालयों को कमजोर करने का समय नहीं, बल्कि उन्हें मजबूत बनाने का समय है।” प्रधान न्यायाधीश ने कहा, ”उच्च न्यायालयों के बीच कुछ एकरूपता होनी चाहिए… हम नामों की सिफारिश करने के उच्च न्यायालयों के विवेकाधिकार को नहीं छीनेंगे। लेकिन हर उच्च न्यायालय के लिए अलग-अलग नीतियां क्यों होनी चाहिए? हमारा उच्च न्यायालयों के विवेकपूर्ण अधिकारों को छीनने का कोई इरादा नहीं है।” न्यायमूर्ति सूर्यकांत ने कहा कि पीठ के निर्देश यदि कोई हों तो ”आपस में वरिष्ठता” के विवादों को हल नहीं करेंगे, बल्कि पूरे देश में न्यायसंगत और समान व्यवस्था सुनिश्चित करने के लिए सामान्य सिद्धांत तय करेंगे। न्यायमूर्ति कांत ने स्पष्ट किया, ”व्यक्तिगत वरिष्ठता विवादों पर विचार करने का कोई सवाल ही नहीं है। यह एक व्यापक, मार्गदर्शक ढांचा होगा।” द्विवेदी ने दलील दी कि न्यायमित्र द्वारा प्रस्तुत आंकड़े ”संकीर्ण, अधूरी और पूर्ववर्ती कानूनी स्थितियों पर आधारित” हैं, और इसलिए यह विभिन्न राज्यों में वास्तविक परिस्थितियों को सही ढंग से प्रतिबिंबित नहीं करते।

द्विवेदी ने कहा, “ज्यादातर उच्च न्यायालयों का प्रतिनिधित्व नहीं किया गया है। न्यायमित्र द्वारा एकत्र की गई जानकारी अधूरी है। मैं इलाहाबाद उच्च न्यायालय की ओर से अदालत को कोई भी निर्देश जारी करने से रोकने के लिए खड़ा हूं।” उन्होंने कहा कि उनका अनुरोध ”संवैधानिक आधार पर” है। उन्होंने पीठ से आग्रह किया कि वह अलग-अलग उच्च न्यायालयों को अपने अधिकार क्षेत्र में वरिष्ठता के मुद्दे को निपटाने की अनुमति दे। उन्होंने कहा, ”यदि स्थिति अलग-अलग राज्यों में अलग-अलग है, तो कोई भी समान कोटा या नियम असंतुलन पैदा करेगा… उच्च न्यायालयों को अपनी परिस्थितियों से निपटने दें। यह समस्या सभी न्याय क्षेत्रों में समान रूप से मौजूद नहीं है।” द्विवेदी ने मौजूदा सेवा नियमों में भिन्नता का भी उल्लेख किया और दलील दी कि एक समान कोटा लागू करने का कोई भी प्रयास पदोन्नत और सीधी भर्ती वाले न्यायिक अधिकारियों के बीच संतुलन को बिगाड़ सकता है। सुनवाई अनिर्णायक रही।

देशभर में प्रारंभिक स्तर के न्यायिक अधिकारियों की धीमी और असमान करियर प्रगति पर चिंता व्यक्त करते हुए उच्चतम न्यायालय ने मंगलवार को एचजेएस संवर्ग में वरिष्ठता निर्धारित करने के लिए राष्ट्रव्यापी मानदंड तैयार करने पर सुनवाई शुरू की थी। पीठ ने 14 अक्टूबर को यह प्रश्न तैयार किया था- ”उच्च न्यायिक सेवाओं के संवर्ग में वरिष्ठता निर्धारित करने के लिए क्या मानदंड होना चाहिए?” पीठ ने यह भी स्पष्ट किया कि मुख्य मुद्दे पर सुनवाई करते समय वह ”अन्य सहायक या संबंधित मुद्दों” पर भी विचार कर सकती है। पीठ की न्यायमित्र के रूप में सहायता कर रहे वरिष्ठ अधिवक्ता सिद्धार्थ भटनागर ने इस बात पर प्रकाश डाला था कि अधिकांश राज्यों में पदोन्नति ‘योग्यता की तुलना में वरिष्ठता से अधिक प्रेरित’ होती है, जिसका मुख्य कारण वार्षिक गोपनीय रिपोर्ट (एसीआर) का मूल्यांकन करने का तरीका है।

उन्होंने कहा था, ”लगभग सभी की एसीआर ‘अच्छा’ या ‘बहुत अच्छा’ के रूप में चिह्नित होती है, जिसका अर्थ है कि वरिष्ठता ही वास्तविक निर्णायक कारक बन जाती है।” उन्होंने कहा था कि अधिकांश उच्च न्यायालय जिला न्यायाधीशों के रूप में पदोन्नति के लिए तीन गुना अधिक न्यायाधीशों पर विचार करते हैं। उन्होंने सुझाव दिया था कि यदि 30 नामों पर विचार किया जा रहा है तो उनमें से 15 पदोन्नत न्यायाधीशों के और 15 सीधी भर्ती वाले न्यायाधीशों के होने चाहिए। देशभर के न्यायिक अधिकारियों की वरिष्ठता और करियर में प्रगति का मुद्दा 1989 में अखिल भारतीय न्यायाधीश संघ (एआईजेए) द्वारा दायर एक याचिका में उठाया गया था।

कांग्रेस का प्रधानमंत्री पर कटाक्ष: शायद अब ट्रंप के अच्छे दोस्त उन्हें गले नहीं लगाना चाहते

कांग्रेस ने अमेरिका के राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रंप द्वारा भारत और पाकिस्तान के बीच मध्यस्थता संबंधी दावा एक बार फिर से किए जाने के बाद बुधवार को प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी पर कटाक्ष करते हुए कहा कि कोई आश्चर्य नहीं कि ‘ट्रंप के अच्छे दोस्त अब उन्हें गले लगाना नहीं चाहते’। कांग्रेस महासचिव जयराम रमेश ने यह भी कहा कि ट्रंप ने यह दावा 54 बार किया है। राष्ट्रपति ट्रंप ने अपने एक ताजा बयान में फिर यह दावा किया है कि उन्होंने व्यापार नहीं करने का हवाला देकर भारत और पाकिस्तान के बीच इस साल मई में संघर्ष विराम करवाया था। उन्होंने यह भी कहा कि भारत और पाकिस्तान के बीच सैन्य संघर्ष के दौरान “सात ब्रांड न्यू और शानदार विमान” मार गिराए गए थे। रमेश ने ट्रंप के ताजा बयान का वीडियो साझा करते हुए ‘एक्स’ पर पोस्ट किया, “अब तक उन्होंने यह बात 54 बार कही है।

उन्होंने यह बात अमेरिका, कतर, सऊदी अरब, मिस्र और ब्रिटेन में कही है। उन्होंने यह बात उड़ान के दौरान भी कही है और ज़मीन पर भी।” कांग्रेस नेता का कहना है कि अब राष्ट्रपति ट्रंप ने मंगलवार शाम जापान में उद्यमियों को संबोधित करते हुए यह बात एक बार फिर दोहराई। उन्होंने कटाक्ष किया, कोई आश्चर्य नहीं कि नई दिल्ली में उनके (ट्रंप) अच्छे दोस्त अब उन्हें गले लगाना नहीं चाहते। अमेरिकी राष्ट्रपति कई बार यह दावा भी कर चुके हैं कि उन्होंने इस साल मई में शुल्क लगाने और और व्यापार नहीं करने की धमकी देकर भारत और पाकिस्तान के बीच सैन्य संघर्ष रुकवाया था। भारत भी बार-बार यह स्पष्ट करता रहा है कि इस साल मई में पाकिस्तान के सैन्य परिचालन महानिदेशक (डीजीएमओ) द्वारा संपर्क किए जाने पर सैन्य कार्रवाई रोकने पर विचार हुआ था।

दिल्ली के एक्यूआई में थोड़ा सुधार हुआ, लेकिन वायु गुणवत्ता अब भी ‘खराब’

दिल्ली की वायु गुणवत्ता में बुधवार सुबह थोड़ा सुधार हुआ लेकिन वायु गुणवत्ता सूचकांक (एक्यूआई) 273 यानी ‘खराब’ श्रेणी में दर्ज किया गया। केंद्रीय प्रदूषण नियंत्रण बोर्ड (सीपीसीबी) ने यह जानकारी दी। शहर में मंगलवार को अपराह्न चार बजे एक्यूआई 294 दर्ज किया गया था। यह सोमवार को दर्ज 301 एक्यूआई से थोड़ा कम है, जो ‘बहुत खराब’ श्रेणी में आता है सीपीसीबी के ‘समीर’ ऐप के आंकड़ों से पता चला है कि समग्र सुधार के बावजूद दिल्ली के 38 निगरानी स्टेशनों में से 11 में एक्यूआई 300 से ऊपर के स्तर पर दर्ज किया गया जो ‘बहुत खराब’ श्रेणी में है।

सीपीसीबी के अनुसार, शून्य से 50 के बीच एक्यूआई को ‘अच्छा’, 51 से 100 के बीच को ‘संतोषजनक’, 101 से 200 के बीच को ‘मध्यम’, 201 से 300 के बीच को ‘खराब’, 301 से 400 के बीच को ‘बहुत खराब’ और 401 से 500 के बीच को ‘गंभीर’ माना जाता है। इस बीच, भारत मौसम विज्ञान विभाग (आईएमडी) ने बताया कि राष्ट्रीय राजधानी में न्यूनतम तापमान 18.2 डिग्री सेल्सियस दर्ज किया गया, जो सामान्य से 2.1 डिग्री अधिक है। अधिकतम तापमान 28 डिग्री सेल्सियस के आसपास रहने की संभावना है। आईएमडी ने बुधवार को शहर में हल्का कोहरा छाए रहने का अनुमान जताया है। उसने बताया कि सुबह साढ़े आठ बजे सापेक्षिक आर्द्रता 89 प्रतिशत दर्ज की गयी।