भारतीय जनता पार्टी (भाजपा) ने दिल्ली के मुख्यमंत्री अरविंद केजरीवाल की आलोचना करते हुए रविवार को आरोप लगाया कि वह ”अपनी ही सरकार के भ्रष्टाचार” पर पर्दा डालने के लिए उन नेताओं का समर्थन मांग रहे हैं जिन्हें उन्होंने कभी भ्रष्ट करार दिया था। दिल्ली में भाजपा के छह सांसदों मीनाक्षी लेखी, हर्षवर्धन, मनोज तिवारी, रमेश बिधूड़ी, परवेश साहिब सिंह और हंसराज हंस ने यहां एक संयुक्त संवाददाता सम्मेलन को संबोधित किया और आम आदमी पार्टी (आप) के राष्ट्रीय संयोजक केजरीवाल पर तीखे प्रहार किए। दरअसल, केजरीवाल ने रविवार को बिहार के मुख्यमंत्री नीतीश कुमार और उपमुख्यमंत्री तेजस्वी यादव से मुलाकात की।
उत्तर-पूर्वी दिल्ली से भाजपा के सांसद मनोज तिवारी ने कहा, ” एक समय ऐसा था जब अरविंद केजरीवाल राजनीतिक नेताओं के नामों की सूची लेकर चलते थे और उन्हें भ्रष्टाचार का प्रतीक मानते थे। लेकिन आज वह नीतीश कुमार और तेजस्वी यादव को गले लगाने को तैयार हैं। केजरीवाल की प्राथमिकता भ्रष्टाचार खत्म करना नहीं, बल्कि प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी को हराना है। भ्रष्टाचार के अपने साम्राज्य को बचाने के लिए वह किसी भी स्तर तक गिरने को तैयार हैं। केंद्रीय मंत्री एवं नयी दिल्ली से भाजपा सांसद मीनाक्षी लेखी ने कहा कि दिल्ली की प्रशासनिक और कानूनी स्थिति दिल्ली को केंद्र शासित प्रदेश बनाती है, लेकिन केजरीवाल अपने तानाशाही रवैये के कारण इसे स्वीकार करने के लिए तैयार नहीं हैं। मीनाक्षी लेखी ने कहा, ”केंद्र के पास आवश्यक अध्यादेश लाने का अधिकार है और यही कारण है कि केंद्र इसे लेकर आई है। लेकिन, केजरीवाल इस पर विवाद कर रहे हैं क्योंकि उन्हें अपने भ्रष्टाचार के उजागर होने का डर है।
दक्षिणी दिल्ली के सांसद रमेश बिधूड़ी ने कहा कि दिल्ली में मौजूदा स्थिति निराशाजनक है। रमेश बिधूड़ी ने कहा, चौंकाने वाली बात यह है कि केजरीवाल सिर्फ भाजपा का विरोध करने के लिए उन लोगों का भी समर्थन लेने को तैयार हैं जिन्हें उन्होंने कभी भ्रष्ट कहा था। गायक और उत्तर-पश्चिमी दिल्ली के सांसद हंसराज हंस ने कहा, ” केजरीवाल ने भ्रष्टाचार के खिलाफ आंदोलन पर सवार होकर राजनीति में प्रवेश किया। हालांकि, आज वह इसके ठीक विपरीत हो गए हैं और सभी भ्रष्ट लोगों को इकट्ठा कर रहे हैं ताकि वह अपने स्वयं के भ्रष्टाचार को छिपा सकें, वो भोला चेहरा किस कदर बदल गया, जिनको भ्रष्ट कहता था उन्हीं के साथ मिल गया। परवेश साहिब सिंह ने आरोप लगाया कि केजरीवाल सरकार अधिकारियों को धमकी दे रही है क्योंकि उसे बेनकाब होने का डर है।
पूर्व केंद्रीय मंत्री और चांदनी चौक से सांसद हर्षवर्धन ने कहा कि ऐसा लगता है कि केजरीवाल अकेले ऐसे मुख्यमंत्री हैं, जिन्हें दिल्ली के उपराज्यपालों से दिक्कत है। हर्षवर्धन ने कहा, ”पहले भी अलग-अलग विचारधारा वाले उपराज्यपाल और मुख्यमंत्री रहे लेकिन उन्होंने विकास के कार्यों को आगे बढ़ाने के लिए मिलकर काम किया। दिल्ली में मुख्यमंत्रियों और उपराज्यपालों के बीच हमेशा बहुत अच्छा तालमेल रहा करता था। केजरीवाल के सत्ता में आने के बाद दिल्ली में विकास की जगह झूठ और भ्रष्टाचार ने ले ली है। इससे पहले दिन में, बिहार के मुख्यमंत्री नीतीश कुमार और उपमुख्यमंत्री तेजस्वी यादव ने केजरीवाल से यहां उनके आवास पर मुलाकात की और संबंधित मुद्दे पर उन्हें पूरा समर्थन देने का आश्वासन दिया।