मीडिया को राष्ट्रविरोधी बयानों पर अपना रुख स्पष्ट करना चाहिए: उपराष्ट्रपति धनखड़

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उपराष्ट्रपति जगदीप धनखड़ ने मीडिया से “राष्ट्र-विरोधी बयानों” और गलत सूचनाओं के खिलाफ स्पष्ट रुख अपनाने का आग्रह किया है। उन्होंने इस बात पर दुख जताया कि अल्पकालिक प्रभाव वाली घटनाएं अक्सर सुर्खियां बटोरती हैं। उन्होंने “निहित उद्देश्य के लिये दूसरों के व्यवहार या भावनाओं को प्रभावित करने वाली खबरों” के कुछ उदाहरणों पर भी दुख व्यक्त किया। उन्होंने कहा, “कल्पना कीजिए कि एक अखबार में ‘उपराष्ट्रपति द्वारा फर्जी तस्वीरें पोस्ट करने’ की खबर छपी है। जब इस ओर ध्यान आकृष्ट किया जाता है, तो अखबार माफी मांगता है। लेकिन मैं जानता हूं कि मैं अपनी मर्जी नहीं थोप सकता, मैं सरकारी अधिकारों का दुरूपयोग नहीं कर सकता।” उपराष्ट्रपति ने कहा, उन्हें महसूस होता है कि “देश में हाथ थामने और परामर्श देने की आदत विकसित करने की आवश्यकता है।

उन्होंने कहा, “हम अपनी मां या संस्थाओं को नुकसान नहीं पहुंचा सकते। हमें उनका पोषण करना होगा। लोकतंत्र का पोषण तब होता है जब मीडिया सहित इसकी सभी संस्थाएं बेहतर प्रदर्शन करती हैं।” धनखड़ ने कहा कि मीडिया नीति निर्माताओं और जनता के बीच पुल का काम करता है। उन्होंने कहा कि इसे पक्षपातपूर्ण हितों के साथ काम नहीं करना चाहिए, क्योंकि इससे आम आदमी और राष्ट्र के हितों को नुकसान पहुंचता है। यहां ‘प्रतिदिन मीडिया नेटवर्क’ के एक कार्यक्रम में धनखड़ ने सुझाव दिया कि संपादकीय स्थान सभी के लिए “बहुत महत्वपूर्ण” होना चाहिए और आश्चर्य व्यक्त किया कि यह “गायब” क्यों हो रहा है। उन्होंने कहा कि संपादकीय का ध्यान लोगों को संवेदनशील बनाने पर होना चाहिए। धनखड़ ने राष्ट्रविरोधी और फर्जी बयानों को बेअसर करने के लिए ‘मशीन लर्निंग’ जैसी तकनीक के इस्तेमाल का भी सुझाव दिया। उन्होंने मीडिया से राष्ट्र-विरोधी बयानों, गलत सूचनाओं और भ्रामक जानकारियों के खिलाफ स्पष्ट रुख अपनाने का आग्रह किया।