कुछ मुस्लिम संगठन मुसलमानों से ‘इंडिया’ गठबंधन को वोट देने की अपील कर रहे हैं: भाजपा

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भारतीय जनता पार्टी (भाजपा) ने शनिवार को आरोप लगाया कि कुछ मुस्लिम संगठन महाराष्ट्र और झारखंड में अपने समुदाय के सदस्यों से धर्म के आधार पर ‘इंडिया’ गठबंधन को वोट देने की अपील करके चुनावी माहौल को बिगाड़ने की कोशिश कर रहे हैं। भाजपा ने निर्वाचन आयोग और उच्चतम न्यायालय से इस मामले में कार्रवाई करने का आग्रह किया।

पार्टी के राष्ट्रीय प्रवक्ता गौरव भाटिया ने यहां भाजपा मुख्यालय में संवाददाता सम्मेलन को संबोधित करते हुए कहा कि ऑल इंडिया मुस्लिम पर्सनल लॉ बोर्ड के पदाधिकारी मौलाना सज्जाद नोमानी ने कहा है कि संगठन ने महाराष्ट्र विधानसभा चुनाव में 269 सीटों पर महा विकास आघाडी (एमवीए) और कुछ सीटों पर अन्य भाजपा विरोधी दलों को समर्थन देने का फैसला किया है। भाटिया के अनुसार नोमानी ने मुसलमानों से एमवीए को वोट देने की अपील करते हुए कहा कि 2024 के महाराष्ट्र विधानसभा चुनाव के नतीजे न केवल राज्य बल्कि पूरे देश के भविष्य पर असर डालेंगे। भाटिया ने दावा किया कि इससे पहले जमीयत उलेमा-ए-हिंद की लोहरदगा इकाई ने मुसलमानों से झारखंड में कांग्रेस-झामुमो-राजद-भाकपा (एम-एल) गठबंधन को एकजुट होकर वोट देने की अपील की थी।

उन्होंने कहा, “इसे वोट जिहाद कहा जाता है।” भाटिया ने कहा, “यह महाराष्ट्र में एमवीए और झारखंड में कांग्रेस-झामुमो द्वारा की जा रही तुष्टीकरण की राजनीति की पराकाष्ठा है।” उन्होंने कहा कि धर्म के आधार पर वोट की अपील करना भ्रष्ट आचरण के समान है। भाटिया ने कहा, “भारत जैसे लोकतांत्रिक देश में इसे बर्दाश्त नहीं किया जा सकता, जहां चुनाव मां गंगा की तरह पवित्र होने चाहिए। हम बहुत चिंताजनक प्रवृत्ति देख रहे हैं कि सत्ता की लालसा के लिए कांग्रेस, शरद पवार, उद्धव ठाकरे घुसपैठियों को खुश करने, उन्हें अपनाने और अवैध प्रवासियों को ‘आई लव यू’ कहने के लिए तैयार हैं।

उन्होंने कहा कि अवैध अप्रवासी राष्ट्रीय सुरक्षा के लिए खतरा हो सकते हैं, लेकिन इससे ‘इंडिया’ गठबंधन में शामिल पार्टियों को कोई फर्क नहीं पड़ता। भाजपा प्रवक्ता ने कहा, “जब उलेमा, ऑल इंडिया मुस्लिम पर्सनल लॉ बोर्ड और अन्य (मुस्लिम) संगठन खुलकर सामने आ गए हैं और सभी मुसलमानों से एक साथ आने की अपील कर रहे हैं, तो हमारी निर्वाचन आयोग और उच्चतम न्यायालय से अपील है कि वे यह सुनिश्चित करें कि कोई भी राजनीतिक दल चुनावों को प्रभावित न करे। मामले का संज्ञान लें और उनके खिलाफ सख्त कार्रवाई करें।