आबकारी मामला : केजरीवाल ने ईडी के आरोपपत्र पर निचली अदालत के आदेश को चुनौती दी

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आम आदमी पार्टी (आप) के राष्ट्रीय संयोजक अरविंद केजरीवाल ने कथित आबकारी नीति घोटाले से जुड़े धन शोधन मामले में प्रवर्तन निदेशालय (ईडी) की ओर से उनके खिलाफ दायर आरोपपत्र पर संज्ञान लेने के निचली अदालत के आदेश को बुधवार को दिल्ली उच्च न्यायालय में चुनौती दी। याचिका को बृहस्पतिवार को सुनवाई के लिए सूचीबद्ध किए जाने की संभावना है।

केजरीवाल ने याचिका में उच्च न्यायालय से इस आधार पर अधीनस्थ अदालत के आदेश को रद्द करने का अनुरोध किया कि विशेष न्यायाधीश ने दिल्ली के पूर्व मुख्यमंत्री के खिलाफ मुकदमा चलाने के लिए किसी मंजूरी के अभाव में आरोपपत्र पर संज्ञान लिया, जबकि कथित अपराध के समय वह लोक सेवक के रूप में अपनी सेवाएं दे रहे थे। उच्च न्यायालय ने 12 नवंबर को केजरीवाल की एक अन्य याचिका पर ईडी से जवाब तलब किया था, जिसमें धन शोधन मामले में एजेंसी की शिकायत पर उन्हें जारी समन को चुनौती दी गई थी। उसने आपराधिक मामले में इस स्तर पर अधीनस्थ अदालत की कार्यवाही पर रोक लगाने से इनकार कर दिया था। उच्चतम न्यायालय ने धन शोधन मामले में केजरीवाल को 12 जुलाई को अंतरिम जमानत दे दी थी।

‘आप’ नेता को केंद्रीय अन्वेषण ब्यूरो (सीबीआई) की ओर से दर्ज मामले में शीर्ष अदालत ने 13 सिंतबर को जमानत पर रिहा किया था। सीबीआई और ईडी का आरोप है कि आबकारी नीति में संशोधन करते समय अनियमितताएं बरती गईं और लाइसेंस धारकों को अनुचित लाभ पहुंचाया गया। दिल्ली सरकार ने 17 नवंबर 2021 को नयी आबकारी नीति लागू की थी और भ्रष्टाचार के आरोपों के बीच सितंबर 2022 के अंत में इसे रद्द कर दिया था। धन शोधन का यह मामला सीबीआई की प्राथमिकी से उपजा है, जो दिल्ली के उपराज्यपाल वीके सक्सेना द्वारा आबकारी नीति के कार्यान्वयन में कथित अनियमितताओं की जांच की सिफारिश किए जाने के बाद दर्ज की गई थी।