कांग्रेस ने बृहस्पतिवार को एक ईमेल का हवाला देते हुए दावा किया कि केंद्र की भारतीय जनता पार्टी के नेतृत्व वाली सरकार ने सोशल मीडिया मंच ‘एक्स’ से गृह मंत्री अमित शाह द्वारा बाबासाहेब भीमराव आंबेडकर के बारे में राज्यसभा में दिए गए ‘अपमानजनक” भाषण को हटाने के लिए कहा है। कांग्रेस के दावे पर भाजपा या ‘एक्स’ की ओर से फिलहाल कोई प्रतिक्रिया नहीं आई है। मुख्य विपक्षी दल ने कहा कि शाह ने ‘अक्षम्य अपराध’ किया है जिसके लिए उन्हें देश से माफी मांगनी चाहिए और इस्तीफा देना चाहिए।
कांग्रेस प्रवक्ता और सोशल मीडिया विभाग की अध्यक्ष सुप्रिया श्रीनेत ने संवाददाता से कहा, ‘गृह मंत्री द्वारा बाबासाहेब के लिए की गई बातें अपराध हैं, जिसके लिए देश उनसे माफी की उम्मीद करता है। लेकिन माफी मांगने के बजाय मोदी सरकार और पूरा तंत्र उन्हें बचाने में लगा हुआ है। बाबासाहेब का अपमान करने वाले अमित शाह को बचाने के लिए खुद नरेन्द्र मोदी मैदान में उतर आए।’ उन्होंने दावा किया, ‘फिर जब उससे भी बात नहीं बनी तो उन्होंने ट्विटर (एक्स) को निर्देशित किया कि उस वीडियो को ट्विटर से हटा दिया जाए।’ सुप्रिया का कहना था, ‘एक्स ने हमें ये सूचित किया है कि अभिव्यक्ति की आजादी के तहत उसे नहीं हटाया जाएगा, क्योंकि उस वीडियो ने किसी कानून का उल्लंघन नहीं किया है।’
कांग्रेस नेता ने कहा कि शाह के भाषण के जो अंश उनके और कई अन्य नेताओं द्वारा साझा किए गए, वह शाह के मूल भाषण का हिस्सा थे और इसे संपादित या इसमें किसी प्रकार की जोड़तोड़ नहीं की गयी थी। कांग्रेस और कई अन्य विपक्षी दलों का आरोप है कि शाह ने ‘भारत के संविधान की 75 वर्षों की गौरवशाली यात्रा’ विषय पर राज्यसभा में दो दिन तक चली चर्चा का जवाब देते हुए मंगलवार को अपने संबोधन के दौरान बाबासाहेब का अपमान किया। मुख्य विपक्षी दल ने शाह के संबोधन का एक वीडियो अंश भी जारी किया, जिसमें गृह मंत्री विपक्ष पर कटाक्ष करते हुए यह कहते सुने जा सकते हैं, ‘अभी एक फैशन हो गया है- आंबेडकर, आंबेडकर…। इतना नाम अगर भगवान का लेते तो सात जन्मों तक स्वर्ग मिल जाता।’ दूसरी तरफ, भारतीय जनता पार्टी ने आरोप लगाया कि कांग्रेस ने हमेशा बाबासाहेब का अपमान किया और उन्हें चुनाव में हरवाने तक का काम किया।