राजधानी में शराब की बिक्री पर फिर से छूट शुरू हो गई है। आबकारी विभाग ने शराब की बोतल पर दर्ज अधिकतम खुदरा मूल्य (एमआरपी) पर 25 फीसदी तक छूट देने को मंजूरी दी। शनिवार को आदेश मिलने के बाद शाम से ही साकेत, महिपालपुर , रोहणी व कुछ अन्य इलाकों में शराब की दुकानों पर छूट देनी शुरू कर दी। आबकारी क्षेत्र से जुड़े कारोबारियों का कहना है कि आने वाले दिनों में छूट काफी बड़े स्तर पर शुरू होगी। क्योंकि सभी को अपना स्टॉक खत्म करना है और ज्यादा टर्नओवर करना है।
शराब की बिक्री पर करीब 15 दिनों तक चली छूट के बाद फरवरी में आबकारी विभाग ने छूट व अन्य तरह के किसी भी ऑफर देने पर रोक लगा दी थी। विभाग की तरफ से कहा गया था कि छूट देने के पीछे मंशा व्यापार में गला काट प्रतिस्पर्धा पैदा करना या कानून-व्यवस्था की स्थिति को बिगाड़ने का नहीं था लेकिन लगातार देखा जा रहा है कि छूट देने से शराब की दुकानों के बाहर लंबी लाइन लग रही हैं। कई बार स्थिति को बिगड़ता देख दुकानों को बंद कराने तक की नौबत आई है।
बिक्री के वक्त शराब की दुकानों के बाहर सोशल डिस्टेंसिंग के नियमों का पालन नहीं किया गया। इसलिए किसी भी तरह की छूट देने के प्रावधान पर रोक लगाई जा रही है। लेकिन अब आबकारी आयुक्त की तरफ से जारी आदेश में कहा गया है कि शराब बिक्री की निजी दुकानें एमआरपी पर 25 फीसदी तक की छूट दे सकती हैं लेकिन दिल्ली आबकारी नियम, 2010 की धारा 20 का सख्ती से अनुपालन करना होगा। सार्वजनिक हित को देखते हुए सरकार छूट को किसी भी समय वापस ले सकती है। सरकार पर छूट देने के फैसले को जारी रखने के लिए कोई भी बाध्यता नहीं होगी।
राजधानी में बीते वर्ष 17 नवंबर को नई आबकारी नीति लागू की गई, जिसके तहत दिल्ली के 272 वार्ड को 32 जोन में बांटकर 849 दुकानें खोली जानी थी, जिनमें से करीब 650 दुकाने अभी तक खुल पाई हैं। कंफेडरेशन ऑफ इंडिया अल्कोहल बेवरेज कंपनी के डायरेक्टर जनरल विनोद गिरी कहते हैं कि सभी वेंडर (ठेका संचालक) टैक्स और ड्यूटी जमा कर चुके हैं। इसलिए हर कोई चाहेगा कि ज्यादा से ज्यादा शराब की बिक्री हो, जिससे कि स्टॉक निकल सके। वहीं 31 मई के बाद लाइसेंस रिन्युअल होना है, जिसमें निर्धारित फीस बढ़ाए जाने की संभावना है। इसलिए हर कोई छूट देकर ज्यादा से ज्यादा शराब बिक्री करना चाहेगा।