नई दिल्ली। भारतीय जनता पार्टी (भाजपा) दो वर्ष के अंतराल के बाद दिल्ली नगर निगम (एमसीडी) की सत्ता पर एक बार फिर से कब्जा जमाने को तैयार है। एमसीडी के महापौर और उपमहापौर के लिए चुनाव शुक्रवार को होना है। आम आदमी पार्टी (आप) द्वारा चुनाव का बहिष्कार करने और कांग्रेस की मामूली उपस्थिति के साथ भाजपा केंद्र, विधानसभा में मनोनीत विधायकों और अब एमसीडी के माध्यम से दिल्ली पर अपना नियंत्रण मजबूत करते हुए नगर निगम के दोनों प्रमुख पदों पर आसानी से कब्जा कर सकती है। भाजपा के वरिष्ठ नेता और पूर्व महापौर राजा इकबाल सिंह ने ‘पीटीआई-भाषा’ को बताया कि दिल्लीवासियों ने उनकी पार्टी को शहर की समस्याओं को ठीक करने की जिम्मेदारी सौंपी है। भाजपा ने राजा इकबाल सिंह को महापौर पद के लिए उम्मीदवार बनाया है।
उन्होंने कहा, “आप’ ने अपनी हार स्वीकार कर ली है। हम भ्रष्टाचार को खत्म करेंगे और पिछले दो वर्षों से रुके हुए सभी कार्यों को पूरा करेंगे।” सिंह ने कहा कि महापौर चुने जाने के बाद स्थायी समितियों के चुनाव तुरंत कराए जाएंगे। इस बीच, ‘आप’ पार्षद व पूर्व महापौर शैली ओबेरॉय और सदन के नेता मुकेश गोयल ने बृहस्पतिवार को संवाददाताओं को संबोधित करते हुए चुनाव का बहिष्कार करने के अपने पार्टी के फैसले को दोहराया। ओबेरॉय ने कहा, “एमसीडी चुनाव कल (शुक्रवार को) होने हैं और हम इसका पूरी तरह से बहिष्कार करेंगे।” उन्होंने भाजपा पर अपने तथाकथित ‘ट्रिपल इंजन पावर’ के दम पर नगर निगम चुनावों का तमाशा बनाने का आरोप लगाया।
पूर्व महापौर ने कहा कि अरविंद केजरीवाल के नेतृत्व में कई जन-केंद्रित फैसले लिए गए लेकिन भाजपा का एकमात्र उद्देश्य ‘सत्ता हथियाना’ रहा है। एमसीडी में फिलहाल 238 पार्षद हैं और 11 सीट दिल्ली विधानसभा और एक सीट लोकसभा के लिए पार्षदों के निर्वाचित होने के कारण खाली हुई हैं। भाजपा के पास कुल 250 में से अब 117 पार्षद हैं, जो 2022 में 104 थे। वहीं ‘आप’ के पार्षदों की संख्या 134 से घटकर 113 हो गई है। कांग्रेस के पास सिर्फ आठ सीट हैं। महापौर चुनाव के लिए निर्वाचक मंडल में 238 पार्षद, 10 सांसद (लोकसभा से सात और राज्यसभा से तीन) और 14 विधायक शामिल हैं। दिल्ली विधानसभा अध्यक्ष विजेंद्र गुप्ता ने भाजपा के 11 और ‘आप’ के तीन विधायकों को निर्वाचक के रूप में नामित किया है।