नई दिल्ली। उच्चतम न्यायालय ने बुधवार को उस महिला की अग्रिम जमानत याचिका खारिज कर दी, जिस पर अपनी बहन के बदले केंद्रीय शिक्षक पात्रता परीक्षा (सीटीईटी) में बैठने का प्रयास करने का आरोप है। सीटीईटी एक राष्ट्रीय स्तर की परीक्षा है, जो सीबीएसई द्वारा वर्ष में दो बार आयोजित की जाती है, जिसका उद्देश्य केवीएस (केंद्रीय विद्यालय संगठन) और एनवीएस (नवोदय विद्यालय समिति) जैसे केंद्र सरकार के स्कूलों में शिक्षकों की नियुक्ति करना है। न्यायमूर्ति संदीप मेहता और न्यायमूर्ति प्रसन्ना बी वराले की पीठ ने अग्रिम जमानत याचिका खारिज करते हुए कहा, ”इस मामले में उससे (आरोपी से) हिरासत में पूछताछ की आवश्यकता होगी।” पीठ ने उसे प्रभावी जांच के लिए पुलिस के सामने आत्मसमर्पण करने को कहा।
पुलिस ने बताया कि बिहार के दरभंगा जिले के बहादुरपुर गांव की रहने वाली कुमारी शारदा को अपनी बड़ी बहन की जगह सीटीईटी में बैठने की कोशिश करते हुए पकड़ा गया। उन्होंने बताया कि आरोपी का बायोमेट्रिक और आधार विवरण वास्तविक परीक्षार्थी से मेल नहीं खाता। अभियोजन पक्ष ने कहा कि शारदा ने कथित तौर पर परीक्षा केंद्र पर अपना अपराध स्वीकार कर लिया था। समस्तीपुर की एक निचली अदालत ने उसकी अग्रिम जमानत याचिका खारिज कर दी थी, जिसके बाद उसने पटना उच्च न्यायालय का दरवाजा खटखटाया था, जिसने 23 अप्रैल को उसकी अग्रिम जमानत याचिका ठुकरा दी थी। समस्तीपुर में आरोपी के खिलाफ धोखाधड़ी और वेश बदलकर फर्जीवाड़ा करने सहित विभिन्न अपराधों के लिए भारतीय न्याय संहिता के तहत मामला दर्ज किया गया था।