दिल्ली में यमुना सफाई का नया प्लान: क्या अब बदलेगा नदी का चेहरा?

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अभिषेक उपाध्याय। दिल्ली सरकार ने यमुना नदी की सफाई के लिए एक नया और व्यापक प्लान तैयार किया है। इस योजना का उद्देश्य अगले कुछ वर्षों में यमुना को प्रदूषण मुक्त बनाना और उसे एक बार फिर जीवनदायिनी नदी के रूप में स्थापित करना है। सरकार का दावा है कि यह अब तक का सबसे बड़ा और वैज्ञानिक दृष्टिकोण वाला अभियान होगा।

नए प्लान के तहत सबसे पहले उन नालों पर ध्यान दिया जा रहा है जो बिना उपचार के गंदा पानी यमुना में गिराते हैं। इसके लिए कई सीवेज ट्रीटमेंट प्लांट्स (STPs) को अपग्रेड किया जा रहा है, ताकि दिल्ली के हर घर और औद्योगिक क्षेत्र का गंदा पानी ट्रीट होकर ही नदी में जाए। साथ ही, ड्रेनेज नेटवर्क को भी दुरुस्त किया जा रहा है, जिससे सीवेज सीधे यमुना में जाने से रोका जा सके।

योजना में औद्योगिक इकाइयों पर सख्त निगरानी की भी व्यवस्था है। सरकार ने कहा है कि जिन फैक्ट्रियों से बिना ट्रीटमेंट के केमिकल युक्त पानी छोड़ा जाएगा, उनके खिलाफ जुर्माना और बंदी दोनों की कार्रवाई होगी। इसके अलावा, यमुना के किनारे हरियाली बढ़ाने और ठोस कचरे के निस्तारण पर भी ज़ोर दिया जाएगा।

दिल्ली जल बोर्ड, नगर निगम और पर्यावरण विभाग को इस मिशन में एकजुट होकर काम करने का निर्देश दिया गया है। सरकार का इरादा यमुना में स्नान योग्य पानी बहाने का है। हालांकि, पर्यावरण विशेषज्ञों का कहना है कि यह तभी संभव होगा जब प्रशासनिक इच्छाशक्ति के साथ जनभागीदारी भी सुनिश्चित हो। यमुना केवल सरकार की नहीं, बल्कि दिल्लीवासियों की भी जिम्मेदारी है। यदि नया प्लान ईमानदारी से लागू हुआ, तो संभव है कि यमुना फिर से अपनी पुरानी स्वच्छ और पवित्र धारा बन सके।