महागठबंधन में एक दल को सभी ‘अच्छी’ सीट और दूसरे को ‘खराब’ सीट नहीं मिल सकतीं, संतुलन जरूरी: कांग्रेस

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कांग्रेस ने बिहार विधानसभा चुनाव के लिए ‘महागठबंधन’ के घटक दलों के मध्य सीट बंटवारे को लेकर जारी बातचीत के बीच बुधवार को कहा कि सीट बंटवारे में जीत की संभावना के लिहाज से ”अच्छी” और ”खराब” सीट का संतुलन होना चाहिए, क्योंकि ऐसा नहीं हो सकता कि किसी एक दल के हिस्से में सारी ‘खराब’ सीट आ जाएं और किसी दूसरे दल को सभी ‘अच्छी’ सीट मिल जाएं। पार्टी के बिहार प्रभारी कृष्णा अल्लावरू ने संवाददाताओं से यह भी कहा कि महागठबंधन में नए दलों के आने पर मौजूदा सभी पार्टियों को अपने हिस्से की सीट उचित अनुपात में छोड़नी होंगी। उनसे वर्ष 2020 के बिहार विधानसभा चुनाव के नतीजों का हवाला देते हुए यह सवाल किया गया था कि क्या कांग्रेस इस बार सीट की संख्या के साथ जीत की संभावना वाली सीट लेने पर जोर देगी?

अल्लावरू ने कहा, ”हमारा शुरू से कहना रहा है कि गठबंधन में नए दल शामिल होंगे तो सभी दलों को अपने हिस्से (की सीट) से योगदान देना होगा, तभी नए लोगों को जगह मिलेगी। हर प्रदेश में ‘अच्छी’ सीट और ‘खराब’ सीट होती हैं। ऐसा नहीं होना चाहिए कि किसी दल को सब अच्छी सीट मिलें और किसी दल को सभी खराब सीट।” उन्होंने इस बात पर जोर दिया कि सीट बंटवारे में ”अच्छी” और ”खराब” सीट का संतुलन होना चाहिए। उनका यह भी कहना था, ”किसी गठबंधन को आगे बढ़ाने के लिए संतुलन जरूरी है। हम सीट बंटवारे में इस चीज का विशेष ध्यान रखने का प्रयास कर रहे हैं।” अल्लावरू ने एक अन्य सवाल के जवाब में कहा, ”कौन सी पार्टी कितनी सीट का त्याग कर रही है, उससे पहले यह जानना जरूरी है कि कितने नए दल गठबंधन में आ रहे हैं और उन्हें कितनी सीट दी जा रही हैं।

हमारा मानना है कि हर पार्टी को अपने हिस्से से उचित अनुपात में सीट देनी होंगी।” उन्होंने कहा, ”हमारा प्रयास है कि वक्त रहते सीट बंटवारे पर बातचीत को सकारात्मक तरीके से आगे बढ़ाएं। अभी हमें इसमें सफलता मिल रही है।” कांग्रेस नेता ने हाल ही संपन्न ‘वोटर अधिकार यात्रा’ को लेकर कहा कि इस यात्रा से महागठबंधन के लिए सकारात्मक असर हुआ है तथा जनता के बीच यह मुद्दा चला गया है। उन्होंने कहा कि अंतिम मतदाता सूची प्रकाशित होने के बाद उसमें गड़बड़ियां मिलेंगी तो इसे भी उठाया जाएगा। अल्लावरू ने आरोप लगाया कि मतदाता सूचियों के विशेष गहन पुनरीक्षण (एसआईआर) की कवायद एक साजिश है तथा यह एक ऐसा मैच है, जिसमें अंपायर ही ‘फिक्स’ है। उन्होंने बताया कि ब्लॉक कमेटी और जिला कमेटी से दावेदारों के नाम 14 सितंबर तक आ जाएंगे और 19 सितंबर से स्क्रीनिंग कमेटी का काम औपचारिक रूप से शुरू हो जाएगा। बिहार में इस साल अक्टूबर-नवंबर में विधानसभा चुनाव संभावित है।