एसआईआर के खिलाफ विपक्ष का रुख उसकी आसन्न चुनावी हार का बहाना: भाजपा

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भारतीय जनता पार्टी (भाजपा) ने एसआईआर संबंधी फैसले को लेकर निर्वाचन आयोग की ईमानदारी पर सवाल उठाने के लिए सोमवार को कांग्रेस की आलोचना की और विपक्ष को “असंतुष्ट आत्माओं का झुंड” करार दिया। भाजपा ने आरोप लगाया कि वे अपनी “आसन्न चुनावी हार” का बहाना खोजने के लिए मतदाता सूची के विशेष गहन पुनरीक्षण (एसआईआर) को लेकर आयोग को निशाना बना रहे हैं। पार्टी ने विपक्ष पर पाखंड का आरोप लगाते हुए कहा कि जो दल यह दावा कर रहे हैं कि एसआईआर की कवायद संविधान के खिलाफ है, वही कुछ राज्यों में मतदाता सूचियों में संशोधन की मांग कर रहे हैं।

कांग्रेस ने पश्चिम बंगाल सहित 12 राज्यों और केंद्र-शासित प्रदेशों में मतदाता सूचियों के विशेष गहन पुनरीक्षण के निर्वाचन आयोग के कदम पर सवाल उठाते हुए कहा कि आयोग की मंशा और विश्वसनीयता संदेह के घेरे में है। इसके अलावा, मार्क्सवादी कम्युनिस्ट पार्टी (माकपा) ने तृणमूल कांग्रेस शासित पश्चिम बंगाल और केरल में, जहां वामपंथी गठबंधन सत्ता में है, अलग-अलग रुख अपनाया। पश्चिम बंगाल में माकपा के राज्य सचिव मोहम्मद सलीम ने मांग की कि मतदाता सूची एसआईआर के बाद पारदर्शी तरीके से प्रकाशित की जाए और उनकी पार्टी प्रत्येक मतदान केंद्र पर बूथ स्तरीय एजेंट (बीएलए) तैनात करेगी, ताकि यह सुनिश्चित किया जा सके कि एसआईआर के दौरान वास्तविक मतदाताओं के नाम न छूटें।

वहीं, केरल में माकपा के प्रदेश सचिवालय ने केंद्र सरकार पर राज्य में एसआईआर को “गुप्त उद्देश्यों” से “जल्दबाजी” में लागू करने का आरोप लगाया और चेतावनी दी कि 2002-2004 की मतदाता सूचियों पर आधारित इस प्रक्रिया से 50 लाख से अधिक मतदाता मताधिकार से वंचित हो सकते हैं। भाजपा के राष्ट्रीय प्रवक्ता शहजाद पूनावाला ने पलटवार करते हुए कहा कि विपक्षी दल “असंतुष्ट आत्माओं का झुंड” है और वे “पाखंड में माहिर” हैं। पूनावाला ने ‘पीटीआई-भाषा’ से कहा, “यह इस बात से स्पष्ट है कि एक ओर वे कहेंगे कि एसआईआर वोटों की चोरी के लिए है, एसआईआर संविधान के खिलाफ है और ऐसा नहीं किया जाना चाहिए। दूसरी ओर, स्थानीय निकाय चुनावों से पहले महाराष्ट्र में विपक्षी दल एसआईआर की मांग कर रहे हैं।

उन्होंने कहा, “कांग्रेस नेता तारिक अनवर कहते हैं कि हम सैद्धांतिक रूप से एसआईआर के विरोध में नहीं हैं, और (मल्लिकार्जुन) खरगे तथा कांग्रेस के अन्य नेता कहते हैं कि एसआईआर लोकतंत्र पर हमला है… वे पूरी तरह से भ्रमित हैं।” पूनावाला ने आरोप लगाया कि कांग्रेस और अन्य विपक्षी दल निर्वाचन आयोग को निशाना बना रहे हैं और आगामी चुनावों में होने वाली “आसन्न हार” के बहाने के रूप में एसआईआर का इस्तेमाल कर रहे हैं। भाजपा प्रवक्ता ने कहा, “उन्हें किसी को दोषी ठहराने की जरूरत है।” उन्होंने विपक्ष पर एसआईआर के नाम पर “बांटने, विकृत करने, संवैधानिक निकायों में विश्वास की कमी पैदा करने और दंगे भड़काने” की रणनीति अपनाने का आरोप लगाया। पूनावाला ने कहा, “यदि नहीं, तो वे खुद मध्यप्रदेश, राजस्थान और तेलंगाना जैसे राज्यों में वोट (अयोग्य मतदाताओं के नाम) हटाने की मांग कैसे कर सकते हैं।” उन्होंने निर्वाचन आयोग के एसआईआर कराने के फैसले पर कांग्रेस और अन्य विपक्षी दलों की प्रतिक्रिया को “लोकतंत्र पर हमला” करार दिया और आरोप लगाया कि वे “अपने परिवार को बचाने” के लिए ऐसा कर रहे हैं।