दिल्ली पुलिस ने शेयर बाजार में निवेश के नाम पर लोगों से करोड़ों रुपये की ठगी करने वाले एक गिरोह का भंड़ाफोड़ किया है। एक अधिकारी ने सोमवार को यह जानकारी दी। उनके मुताबिक, वे फर्जी कंपनियों और जाली ट्रेंडिग मंचों के माध्यम से कथित तौर पर लोगों को अपना शिकार बनाते थे। उन्होंने बताया कि फर्जी कंपनी के निदेशक और आगरा के फतेहाबाद निवासी सुनील कुमार तथा महाराष्ट्र के ठाणे निवासी विशाल चौरे और उसकी पत्नी को गिरफ्तार किया गया है। पुलिस ने बताया कि ये गिरफ्तारियां बल्लभगढ़ (हरियाणा) और ठाणे (महाराष्ट्र) में समन्वित छापेमारी के दौरान की गईं, जिससे जीटीआर इलेक्ट्रॉनिक्स प्राइवेट लिमिटेड और उद्यम वुमन सशक्तीकरण फाउंडेशन की आड़ में संचालित एक बहुस्तरीय गिरोह का पर्दाफाश हुआ।
गिरोह पर आरोप है कि वह ऑनलाइन वित्तीय जाल बिछाकर, फर्जी प्री-आईपीओ योजनाएं और धोखाधड़ी वाले ‘फॉरेक्स ट्रेडिंग’ मंच चलाकर कई राज्यों में लोगों को ठग रहा था। एक वरिष्ठ पुलिस अधिकारी ने बताया कि जांच एक व्यक्ति की शिकायत से शुरू हुई, जिसने सोशल मीडिया के माध्यम से संपर्क में आई एक महिला के बहकावे में आकर 1.6 करोड़ रुपये गंवा दिए। महिला ने उसे ब्रिटेन स्थित ‘स्प्रेडेक्स ग्लोबल लिमिटेड’ नामक फर्जी मंच में निवेश करने के लिए राजी किया था। पुलिस ने बताया कि विस्तृत वित्तीय जानकारी की जांच के आधार पर जांचकर्ता दो फर्जी कंपनियों तक पहुंचे। अधिकारी ने बताया कि राष्ट्रीय साइबर रिपोर्टिंग मंच (एनसीआरपी) पर जीटीआर इलेक्ट्रॉनिक्स प्राइवेट लिमिटेड से जुड़ी 88.40 लाख रुपये की कम से कम 13 शिकायतों का पता चला, जबकि उद्यम महिला सशक्तीकरण फाउंडेशन से जुड़ी 22 लाख रुपये की 45 शिकायतें जांच के दौरान सामने आईं।
अधिकारियों ने बताया कि ठाणे निवासी विशाल चौरे और उसकी पत्नी फर्जी फाउंडेशन के ज़रिए साइबर धोखाधड़ी की रकम का प्रबंधन करते थे। जांच के दौरान पता चला कि जीटीआर इलेक्ट्रॉनिक्स के निदेशक सुनील कुमार ने पूर्वी दिल्ली के शकरपुर में एक फर्जी कार्यालय बनाया था और जाली दस्तावेजों का इस्तेमाल कर उसे एक वैध इलेक्ट्रॉनिक्स कंपनी के रूप में पेश किया था। पुलिस ने कहा कि गिरोह के अन्य सदस्यों की पहचान करने, अतिरिक्त वित्तीय लेन-देन का पता लगाने और धोखाधड़ी से प्राप्त धन की वसूली के लिए आगे की जांच जारी है।

