वायु सेना प्रमुख एयर चीफ मार्शल वी आर चौधरी ने कहा है कि मौजूदा भू-राजनीतिक स्थिति को देखते हुए वायु सेना को ‘शार्ट नोटिस’ पर भीषण और छोटे अभियानों के लिए हमेशा तैयार रहना होगा। एयर चीफ मार्शल चौधरी ने वायु सेना के ‘सैन्य साजो सामान से संबंधित’ सेमीनार को संबोधित करते हुए कहा कि इस तरह के अभियानों के लिए सैन्य साजो सामान से संबंधित तौर तरीकों में बदलाव किए जाने की जरूरत है। उन्होंने कहा कि इस तरह के परिदृश्य में साजो सामान सहायता प्रदान करना बड़ी चुनौती होगी क्योंकि वायु सेना के पास बेहद विशाल और विविध उपकरण तथा सामान हैं।
उन्होंने कहा कि इस तरह के लॉजिस्टिक्स सिस्टम के लिए हमें सेमीनार में वाजिब सवालों का समाधान करना होगा। कलपुर्जों की उपलब्धता को पूरा करने के बारे में उन्होंने कहा कि इसके लिए मांग और भंडारण के तरीकों की समीक्षा करनी चाहिए। इसके लिए जरूरत आधारित इन्वेंट्री प्रबंधन प्रणाली पर काम करना होगा। उन्होंने कहा कि आपूर्ति में बाधाओं को दूर करने तथा आपूर्ति श्रंखला को बनाये रखने के लिए खरीद रणनीति पर भी नये सिरे से विचार किये जाने की जरूरत है। उन्होंने कहा कि हमें छोटी और भीषण लड़ाइयों के लिए तो तैयार रहना ही होगा। साथ ही पूर्वी लद्दाख में उत्पन्न लंबे गतिरोध जैसी स्थितियों के लिए भी तैयार रहना होगा। इन दोनों स्थितियों के लिए संसाधनों और परिवहन संबंधी जरूरतों को पूरा करना होगा।
उन्होंने कहा कि स्क्वाड्रन से जरूरी सैन्य सामान को अभियानों की जगह पर ले जाने में हवाई अभियान काफी हद तक मददगार होंगे लेकिन इसमें बड़ी चुनौती भी सामने आएगी। उन्होंने कहा कि आपात स्थिति में सड़कों का इस्तेमाल मुश्किल होगा क्योंकि वहा पहले से सेना का आवागमन बढ जाता है। इसे ध्यान में रखते हुए हमें एकीकृत सड़क और रेल प्रबंधन योजना बनानी होगी साथ ही असैन्य मालवाहक विमानों के आपात स्थिति में इस्तेमाल पर भी विचार किये जाने की जरूरत है। वायु सेना प्रमुख ने कहा कि सरकार की आत्म निर्भर योजना के तहत सभी महत्वपूर्ण उपकरणों के स्वदेशीकरण की कार्य योजना पर भी काम किये जाने की जरूरत है।