दिल्ली वालों को बड़ी राहत, खतरे के निशान से नीचे पहुंचा यमुना का जलस्तर

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दिल्ली में रविवार को यमुना का जलस्तर खतरे के निशान 205.33 मीटर से नीचे चला गया और इसके और भी कम होने की संभावना है। अधिकारियों ने यह जानकारी दी। बाढ़ नियंत्रण कक्ष ने कहा कि शनिवार को रात आठ बजे जलस्तर 205.88 मीटर से घटकर रविवार को सुबह आठ बजे 204.83 मीटर पर पहुंच गया। ऊपरी जलग्रहण क्षेत्रों में भारी बारिश के बाद शुक्रवार शाम करीब चार बजे नदी का जलस्तर 205.33 मीटर के खतरे के निशान के ऊपर पहुंच गया था, जिससे अधिकारियों को निचले इलाकों से लगभग 7,000 लोगों को निकालना पड़ा। शनिवार देर रात करीब दो बजे जलस्तर खतरे के निशान से नीचे चला गया।

एक पूर्वानुमान में कहा गया है कि रविवार को सुबह 11 बजे से दोपहर एक बजे के बीच जलस्तर 204.75 मीटर तक घट सकता है और इसके बाद जलस्तर के और कम होने की संभावना रहेगी। पूर्वी दिल्ली के उप मंडलीय दंडाधिकारी (एसडीएम) आमोद बर्थवाल ने कहा कि नदी के निकटवर्ती निचले इलाकों में रहने वाले 13,000 लोगों में से लगभग 5,000 लोगों को कॉमनवेल्थ गेम्स विलेज, हाथी घाट और लिंक रोड पर बने टेंट में ले जाया गया है। उत्तर पूर्वी जिले में करीब 2,000 लोगों को सुरक्षित स्थानों पर पहुंचाया गया है। करावल नगर के एसडीएम संजय सोंधी ने कहा कि 200 लोगों को निचले इलाकों से ऊंचाई वाले स्थानों पर पहुंचाया गया है और उन्हें गैर सरकारी संगठन (एनजीओ) की मदद से पीने का पानी, भोजन और अन्य जरूरी चीजें मुहैया कराई गई हैं।

दिल्ली में बाढ़ की चेतावनी तब घोषित की जाती है जब हरियाणा के यमुना नगर में हथिनीकुंड बैराज से छोड़े गए पानी की मात्रा एक लाख क्यूसेक के निशान को पार कर जाती है। तब तटीय मैदानों और बाढ़ संभावित क्षेत्रों के आसपास रहने वाले लोगों को निकाला जाता है। एक अधिकारी ने बताया, ”दिल्ली में यमुना के डूब वाले मैदानों और निचले इलाकों में रहने वाले लगभग 37,000 लोग बाढ़ की चपेट में माने जाते हैं। उन्होंने कहा, ”बाढ़ संभावित डूब वाले मैदानों के निचले इलाकों से निकाले गए लोगों को टेंट जैसे अस्थायी ढांचे और स्कूलों जैसे स्थायी भवनों के सुरक्षित क्षेत्रों में स्थानांतरित कर दिया गया है।

दिल्ली बाढ़ नियंत्रण कक्ष ने सुबह छह बजे हरियाणा के यमुना नगर में हथिनीकुंड बैराज से लगभग 10,191 क्यूसेक पानी छोड़ने की सूचना दी। पिछले 24 घंटे में पानी छोड़े जाने की सबसे ज्यादा दर शनिवार को पूर्वाह्न 11 बजे 17,827 क्यूसेक थी। शनिवार को दोपहर एक बजे पानी छोड़े जाने की दर 1.49 लाख क्यूसेक और बृहस्पतिवार को दिन में तीन बजे यह दर 2.21 लाख क्यूसेक थी। एक क्यूसेक 28.32 लीटर प्रति सेकेंड के बराबर होता है। आम तौर पर हथिनीकुंड बैराज में प्रवाह दर 352 क्यूसेक होती है, लेकिन जलग्रहण क्षेत्रों में भारी बारिश के बाद पानी का बहाव बढ़ जाता है। बैराज से छोड़े गए पानी को राष्ट्रीय राजधानी तक पहुंचने में आमतौर पर दो से तीन दिन लगते हैं। भारत मौसम विज्ञान विभाग के अनुसार, 14 और 15 अगस्त को हिमाचल प्रदेश, उत्तराखंड और हरियाणा में ”अलग-अलग स्थानों पर भारी बारिश के साथ अत्यधिक वर्षा” होने की संभावना है।

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