प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने कहा है कि हाल में घोषित राष्ट्रीय डिजिटल यूनिवर्सिटी देश में यूनिवर्सिटी में सीटों की कमी की समस्या को पूरी तरह से हल कर सकता है। प्रधानमंत्री ने शिक्षा मंत्रालय, यूनिवर्सिटी अनुदान आयोग (यूजीसी) और (अखिल भारतीय तकनीकी शक्षिा परिषद) एआईसीटीई और डिजिटल यूनिवर्सिटी के सभी हितधारकों से परियोजना पर तेजी से काम करने का आह्वान किया।
पीएम मोदी ने बजट 2022-23 में शिक्ष्ज्ञा और कौशल क्षेत्र पर केंद्रीय बजट 2022 के सकारात्मक प्रभाव पर एक वेबिनार को संबोधित करते हुए संस्थान बनाते समय अंतरराष्ट्रीय मानकों को ध्यान में रखने की आवश्यकता पर बल दिया। सोमवार को अंतर्राष्ट्रीय मातृभाषा दिवस पर प्रधानमंत्री मोदी ने मातृभाषा के माध्यम से शिक्षा और बच्चों के मानसिक विकास के बीच की कड़ी को रेखांकित किया। उन्होंने बताया कि कई राज्यों में स्थानीय भाषाओं में चिकित्सा और तकनीकी शिक्षा भी दी जा रही है। वित्त मंत्री निर्मला ने इस बाजार के बजट में राष्ट्रीय डिजिटल यूनिवर्सिटी की घोषणा की है। जो इसका एक मुख्य केंद्र होगा और उससे दूर-दूर तक जुड़े केंद्र होंगे।
प्रधानमंत्री ने स्थानीय भारतीय भाषाओं में डिजिटल प्रारूप में सर्वोत्तम सामग्री बनाने में गति लाने का आह्वान किया। उन्होंने इस बात पर जोर दिया कि ऐसी सामग्री इंटरनेट, मोबाइल फोन, टीवी और रेडियो के माध्यम से उपलब्ध होनी चाहिए। उन्होंने सांकेतिक भाषाओं में सामग्री के संबंध में काम को प्राथमिकता के साथ जारी रखने की आवश्यकता को दोहराया। प्रधानमंत्री ने कहा, ‘आत्मनर्भिर भारत के लिए वैश्विक प्रतिभा की मांग के दृष्टिकोण से गतिशील कौशल महत्वपूर्ण है।