दिल्ली के मुख्यमंत्री केजरीवाल ने विधानसभा में पेश किया विश्वास प्रस्ताव

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दिल्ली के मुख्यमंत्री अरविंद केजरीवाल ने दिल्ली विधानसभा में सोमवार को विश्वास प्रस्ताव पेश करते हुए कहा कि यह साबित करता है कि ‘ऑपरेशन कमल’ अन्य राज्यों में सफल हो सकता है लेकिन आम आदमी पार्टी (आप) के विधायकों की ”कट्टर ईमानदारी” की वजह से यहां यह विफल रहा।केजरीवाल ने कहा कि भारतीय जनता पार्टी (भाजपा) का शहर में उनकी सरकार गिराने का ‘ऑपरेशन कमल’ विफल रहा क्योंकि वह उसके विधायक तोड़ नहीं पाई। केजरीवाल ने आरोप लगाया कि वे (भाजपा) 15 दिन के भीतर झारखंड सरकार को गिराने की कोशिश करेंगे। उन्होंने केंद्र पर छात्रों का नहीं बल्कि अरबपतियों का कर्ज माफ करने का आरोप भी लगाया।

मुख्यमंत्री ने आरोप लगाया कि मौजूदा केंद्र सरकार ”सर्वाधिक भ्रष्ट” है क्योंकि वह विधायक खरीदती है। केजरीवाल ने भाजपा को आप का एक भी विधायक खरीदकर दिखाने की चुनौती देते हुए कहा, ” विश्वास प्रस्ताव यह दिखाने के लिये है कि ‘ऑपरेशन कमल’ मध्य प्रदेश, महाराष्ट्र तथा अन्य राज्यों में सफल हो सकता है, लेकिन दिल्ली में यह विफल रहा। विश्वास मत यह दिखाने के लिये भी है किआप के विधायक कट्टर ईमानदार हैं।

केजरीवाल ने आरोप लगाया कि भाजपा ने मणिपुर, बिहार, असम, मध्य प्रदेश, महाराष्ट्र में सरकारे गिराईं और कुछ जगह पर उन्होंने 50 करोड़ रुपये भी दिए। केजरीवाल ने कहा, आप कहते हैं कि आप भ्रष्टाचार के खिलाफ हैं, लेकिन आप विधायक खरीदते हैं। यह सबसे भ्रष्ट (केंद्र) सरकार है। आपको गरीब लोगों की हाय लगेगी। वे (भाजपा) 15 दिन के भीतर झारखंड सरकार को गिराने की कोशिश करेंगे और फिर पेट्रोल और डीजल के दाम बढ़ेंगे। उन्होंने कहा कि अगली बार जब पेट्रोल, डीज़ल के दाम बढ़ेंगे तो लोग समझ जाएंगे कि यह पैसा कहां जा रहा है। भाजपा ने केजरीवाल पर राजनीतिक प्रचार के लिए विधानसभा का इस्तेमाल करने तथा अपनी सरकार के शराब ”घोटाले” से लोगों का ध्यान भटकाने के लिए नाटक करने का आरोप लगाया है।

केजरीवाल द्वारा दिल्ली विधानसभा में विश्वास प्रस्ताव पेश किए जाने से पहले विपक्षी दल भारतीय जनता पार्टी (भाजपा) के विधायकों को सोमवार को सदन से बाहर कर दिया गया था। भाजपा के विधायक ध्यानाकर्षण प्रस्ताव लाने और सरकारी स्कूलों में कक्षाओं के निर्माण पर केंद्रीय सतर्कता आयोग (सीवीसी) की रिपोर्ट, आबकारी नीति 2021-22 सहित विभिन्न मुद्दों पर संक्षिप्त चर्चा की मांग कर रहे थे। दिल्ली की 70 सदस्यीय विधानसभा में आप के 62 और भाजपा के आठ विधायक हैं।

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