Assembly Byelection : छह राज्यों की सात विधानसभा सीटों पर उपचुनाव के लिए मतदान आरंभ

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नई दिल्ली। छह राज्यों की सात विधानसभा सीटों पर उपचुनाव के लिए बृहस्पतिवार सुबह मतदान शुरू हो गया। बिहार के मोकामा और गोपालगंज, महाराष्ट्र के अंधेरी (पूर्व), हरियाणा के आदमपुर, तेलंगाना के मुनूगोड़े, उत्तर प्रदेश के गोला गोकर्णनाथ और ओडिशा के धामनगर विधानसभा क्षेत्र के उपचुनाव के लिए मतदान जारी है। प्राधिकारियों ने मतदान के लिए व्यापक प्रबंध किए हैं। जिन क्षेत्रों में उपचुनाव हो रहे हैं, उनमें भारतीय जनता पार्टी (भाजपा) के पास तीन, कांग्रेस के पास दो और शिवसेना एवं राष्ट्रीय जनता दल (राजद) के पास एक-एक सीट थी। इन उपुचनाव के नतीजों से विधानसभाओं में राजनीतिक दलों की स्थिति पर कोई प्रभाव नहीं पड़ेगा, लेकिन उन्होंने इसे हल्के में नहीं लिया है और आक्रामक तरीके से चुनाव प्रचार किया है। मतों की गिनती छह नवंबर को होगी।

भाजपा उत्तर प्रदेश में गोला गोकर्णनाथ सीट पर अपना कब्जा कायम रखने की कोशिश कर रही है, जबकि उसने बीजू जनता दल (बीजद) शासित ओडिशा में मौजूदा विधायक के निधन से खाली हुई धामनगर सीट पर सहानुभूति का लाभ उठाने के लिए दिवंगत विधायक के बेटे को उम्मीदवार बनाया है। तेलंगाना की मुनूगोड़े सीट पर भाजपा और राज्य में सत्तारूढ़ तेलंगाना राष्ट्र समिति (टीआरएस) ने आक्रामक तरीके से प्रचार किया है। यह सीट कांग्रेस विधायक द्वारा त्यागपत्र देने से खाली हुई थी और अब वह भाजपा के टिकट पर दोबारा चुनाव मैदान में हैं।

अधिकारियों ने बताया कि निर्वाचन आयोग ने बृहद पैमाने पर मतदान की तैयारी की है, जिसके तहत राज्य पुलिस के 3,366 जवानों की तैनाती के अलावा मुनूगोड़े में केंद्रीय अर्धसैनिक बलों की 15 कंपनी को तैनात किया गया है। सभी मतदान केंद्रों पर ”वेबकास्ट” की व्यवस्था की गई है। हरियाणा की आदमपुर सीट पर उपचुनाव पूर्व मुख्यमंत्री भजनलाल के छोटे बेटे कुलदीप बिश्नोई के इस्तीफे की वजह से अनिवार्य हो गया था। कुलदीप ने इस साल अगस्त में कांग्रेस से इस्तीफा दे दिया था और भाजपा में शामिल हो गए थे। बिश्नोई के बेटे भव्य इस सीट से भाजपा के उम्मीदवार के तौर पर मैदान में उतरे हैं।

आदमपुर सीट 1968 से भजनलाल परिवार के पास रही है और दिवंगत मुख्यमंत्री ने नौ बार, उनकी पत्नी जस्मा देवी ने एक बार एवं कुलदीप ने चार बार इसका प्रतिनिधित्व किया है। इस उपचुनाव में कांग्रेस, इंडियन नेशनल लोकदल (इनेलो) और आम आदमी पार्टी (आप) ने भी अपने उम्मीदवार उतारे हैं। बिहार विधानसभा की दो सीटों-मोकामा और गोपालगंज पर राज्य में सत्ताधारी महागठबंधन में शामिल राष्ट्रीय जनता दल (राजद) और विपक्षी दल भारतीय जनता पार्टी (भाजपा) के बीच कड़ा मुकाबला होने की संभावना है। मोकामा सीट पर पहले राजद का और गोपालगंज पर भाजपा का कब्जा था। भाजपा पहली बार मोकामा सीट से चुनाव लड़ रही है, पूर्व के चुनाव में वह इस सीट को अपने सहयोगियों के लिए छोड़ती थी। भाजपा और राजद दोनों ने ही इस सीट पर बाहुबलियों की पत्नी को उम्मीदवार बनाया है।

मोकामा में भाजपा ने सोनम देवी को मैदान में उतारा है, जो एक स्थानीय बाहुबली ललन सिंह की पत्नी हैं और अनंत सिंह का विरोध करती रही हैं। वहीं, राजद ने इस सीट से अनंत सिंह की पत्नी नीलम देवी को उम्मीदवार बनाया है। मोकामा में उपचुनाव राजद विधायक अनंत कुमार सिंह को अयोग्य ठहराए जाने के कारण कराया जा रहा है। बाहुबली से नेता बने अनंत सिंह ने मोकामा सीट पर मुख्यमंत्री नीतीश कुमार की पार्टी जनता दल यूनाइटेड (जदयू) के टिकट पर तीन बार, एक बार निर्दलीय और 2020 में राजद उम्मीदवार के रूप में जीत हासिल की थी।

स्थानीय बाहुबली और अनंत सिंह के विरोधी ललन सिंह की पत्नी सोनम सिंह पहली बार चुनावी मैदान में हैं। ललन सिंह को गैंगस्टर से नेता बने सूरज भान सिंह का करीबी माना जाता है, जिन्होंने वर्ष 2000 के विधानसभा चुनाव में अनंत सिंह के बड़े भाई दिलीप सिंह को हराया था, जो राबड़ी देवी के नेतृत्व वाली तत्कालीन सरकार में मंत्री थे। गोपालगंज सीट पर उपचुनाव भाजपा के चार बार के विधायक सुभाष सिंह के निधन के कारण कराया जा रहा है। इस सीट से पार्टी ने सिंह की पत्नी कुसुम देवी को चुनाव मैदान में उतारा है। गोपालगंज राजद अध्यक्ष लालू प्रसाद और उनकी पत्नी राबड़ी देवी का पैतृक जिला है।

राजद ने वैश्य समुदाय से ताल्लुक रखने वाले मोहन प्रकाश गुप्ता को भाजपा के जातिगत समीकरणों को बिगाड़ने के लिए टिकट दिया है। वहीं, बहुजन समाज पार्टी (बसपा) ने लालू प्रसाद यादव के साले साधू यादव की पत्नी इंदिरा यादव को उम्मीदवार बनाया है। महाराष्ट्र में मुंबई के अंधेरी (पूर्वी) विधानसभा क्षेत्र के लिए उपचुनाव भाजपा उम्मीदवार के पिछले महीने मैदान से हटने के बाद महज औपचारिकता भर है। उद्धव ठाकरे के नेतृत्व वाले शिवसेना धड़े की उम्मीदवार ऋतुजा लटके के अब आराम से जीत दर्ज करने की उम्मीद है। उनके खिलाफ छह उम्मीदवार हैं, जिनमें से चार निर्दलीय हैं।राष्ट्रवादी कांग्रेस पार्टी (राकांपा) और कांग्रेस ने लटके की उम्मीदवारी का समर्थन किया है।

इस साल मई में ऋतुजा लटके के पति एवं शिवसेना विधायक रमेश लटके के निधन के कारण अंधेरी (पूर्वी) सीट पर उपचुनाव जरूरी हो गया था। एकनाथ शिंदे और 39 अन्य विधायकों की बगावत से शिवसेना के दो खेमों में बंटने और उद्धव ठाकरे के नेतृत्व वाली महा विकास आघाड़ी (एमवीए) सरकार के गिरने के बाद राज्य में यह पहला चुनाव है।
निर्वाचन आयोग ने तेलंगाना के मुख्य चुनाव अधिकारी को विभिन्न प्रवर्तन एजेंसियों के जरिये मुनूगोडे सीट पर होने वाले मतदान पर करीबी नजर रखने का निर्देश दिया है। टीआरएस ने हाल ही में पार्टी का नाम बदलकर भारत राष्ट्र समिति (बीआरएस) किया है, जिसका उद्देश्य खुद को राष्ट्रीय राजनीति में स्थापित करना है। इस चुनाव में हार मिलने की स्थिति में उसकी राष्ट्रीय राजनीति में भूमिका निभाने की योजना को झटका लगेगा।

वहीं, भाजपा खुद को राज्य में टीआरएस के विकल्प के तौर पर पेश करने की योजना पर काम कर रही है और मुनूगोडे सीट पर जीत मिलने पर उसे बल मिलेगा। इस उपचुनाव में 47 उम्मीदवार मैदान में है, लेकिन मुख्य मुकाबला राजगोपाल रेड्डी, टीआरएस के पूर्व विधायक कुसुकुंतला प्रभाकर रेड्डी और कांग्रेस की पी श्रवंती के बीच दिखने की उम्मीद है। उत्तर प्रदेश के लखीमपुर-खीरी जिले की गोला गोकर्णनाथ विधानसभा सीट छह सितंबर को भाजपा विधायक अरविंद गिरि के दिल का दौरा पड़ने से हुए निधन के कारण रिक्त हुई थी। बसपा और कांग्रेस ने इस उपचुनाव में अपने प्रत्याशी नहीं खड़े किए हैं। लिहाजा अब यहां भाजपा उम्मीदवार एवं दिवंगत विधायक अरविंद गिरि के बेटे अमन गिरि और इसी सीट से पूर्व में विधायक रह चुके सपा प्रत्याशी विनय तिवारी के बीच सीधा मुकाबला होता दिख रहा है।

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