नई दिल्ली। छह राज्यों में सात विधानसभा सीटों पर हुए उपचुनाव की मतगणना रविवार सुबह शुरू हो गई। इन सीटों में हरियाणा में पूर्व मुख्यमंत्री भजन लाल के परिवार का गढ़ रहा आदमपुर भी शामिल है। उपचुनावों में भारतीय जनता पार्टी (भाजपा) के टिकट पर चुनाव लड़ रहे भजन लाल के पोते भव्य बिश्नोई और राष्ट्रीय जनता दल (राजद) की नीलम देवी प्रमुख उम्मीदवारों में शामिल हैं। नीलम देवी के पति अनंत सिंह को अयोग्य ठहराने के बाद बिहार के मोकामा में उपचुनाव कराना पड़ा। जिन अन्य सीटों पर तीन नवंबर को उपचुनाव कराया गया था, उनमें बिहार की गोपालगंज, महाराष्ट्र की अंधेरी (ईस्ट), तेलंगाना की मुनूगोड़े, उत्तर प्रदेश की गोला गोकर्णनाथ और ओडिशा की धामनगर सीट शामिल है। जिन सात सीटों पर उपचुनाव हुए हैं, उनमें से तीन भाजपा के पास थीं, जबकि दो सीटों पर कांग्रेस का कब्जा था। वहीं, शिवसेना और राजद के पास एक-एक सीट थी। बिहार के उपचुनाव में मुख्य मुकाबला भाजपा और राजद के बीच है, जबकि हरियाणा में भाजपा का मुकाबला कांग्रेस, आईएनएलडी और आम आदमी पार्टी (आप) से है।
भाजपा का तेलंगाना में मुकाबला तेलंगाना राष्ट्र समिति (टीआरएस) से, उत्तर प्रदेश में समाजवादी पार्टी (सपा) से और ओडिशा में बीजू जनता दल (बीजद) से है। भाजपा गोला गोकर्णनाथ सीट और धामनगर सीट बरकरार रखना चाहती है और उसने सहानुभूति पाने के लिए उन मौजूदा विधायकों के बेटों को मैदान में उतारा है, जिनके निधन के कारण उपचुनाव जरूरी हुआ। गोला गोकर्णनाथ सीट भाजपा विधायक अरविंद गिरि के निधन के कारण छह सितंबर को रिक्त हो गई थी। इस सीट पर हुए उपचुनाव में कांग्रेस और बहुजन समाज पार्टी (बसपा) ने हिस्सा नहीं लिया, इसलिए सपा उम्मीदवार और गोला गोकर्णनाथ के पूर्व विधायक विनय तिवारी और भाजपा के अमन गिरि के बीच सीधा मुकाबला है।
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धामनगर सीट पर कुल पांच प्रत्याशियों में इकलौती महिला उम्मीदवार बीजू जनता दल (बीजद) की अबंती दास हैं। इस सीट पर भाजपा विधायक बिष्णु चरण सेठी के निधन के कारण उपचुनाव हुआ। भाजपा ने सेठी के बेटे सूर्यबंशी सुराज को मैदान में उतारा है। तेलंगाना के मुनूगोड़े में भाजपा और सत्तारूढ़ टीआरएस ने आक्रामक प्रचार किया। इस सीट पर कांग्रेस विधायक ने इस्तीफा दे दिया था और अब वह भाजपा के टिकट पर चुनाव लड़ रहे हैं। भजन लाल के छोटे बेटे कुलदीप बिश्नोई के इस्तीफा देकर कांग्रेस से भाजपा में शामिल होने के कारण आदमपुर सीट पर उपचुनाव जरूरी हुआ। आदमपुर सीट पर वर्ष 1968 से भजन लाल परिवार का कब्जा है।
अदामपुर सीट से दिवंगत पूर्व मुख्यमंत्री भजन लाल नौ बार और उनकी पत्नी जस्मा देवी एक बार तथा उनके बेटे कुलदीप चार बार विधायक रहे। वहीं, बिहार की मोकामा सीट पर इसके पहले राजग का कब्जा था, जबकि गोपालगंज सीट राजद के पास थी। मोकामा सीट से भाजपा पहली बार चुनाव मैदान में है, क्योंकि इसके पहले पार्टी ने यह सीट अपने सहयोगियों को दे दी थी। भाजपा और राजद, दोनों ने ही स्थानीय बाहुबली नेताओं की पत्नी को मैदान में उतारा है। मोकामा सीट से भाजपा ने सोनम देवी को टिकट दिया था। बिहार की गोपालगंज सीट से भाजपा ने कुसुम देवी को मैदान में उतारा है, जो दिवंगत विधायक सुभाष सिंह की पत्नी हैं। यहां से राजद के उम्मीदवार मोहन गुप्ता और बसपा की उम्मीदवार इंदिरा यादव हैं। इंदिरा पूर्व मुख्यमंत्री लालू प्रसाद के साले साधु यादव की पत्नी हैं। महाराष्ट्र में अंधेरी (पूर्व) से शिवसेना की रुतुजा लटके के उपचुनाव जीतने के आसार हैं, क्योंकि भाजपा ने खुद को मुकाबले से बाहर कर लिया है। राष्ट्रवादी कांग्रेस पार्टी (राकांपा) और कांग्रेस ने लटके की उम्मीदवारी का समर्थन किया है।