एमसीडी के 17 प्रतिशत नवनिर्वाचित पार्षदों के खिलाफ आपराधिक मामले, एडीआर में खुलासा

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दिल्ली नगर निगम (MCD) के करीब 17 फीसदी नव निर्वाचित पार्षदों के खिलाफ आपराधिक मामले दर्ज हैं जबकि आठ प्रतिशत अन्य पार्षदों ने अपने खिलाफ ‘संगीन’ मामले दर्ज होने की जानकारी दी है। ‘एसोसिएशन फॉर डेमोक्रेटिक्स रिफॉर्म्स ‘ (ADR) और ‘दिल्ली इलेक्शन वॉच’ ने 248 पार्षदों के हलफनामों का विश्लेषण कर एक रिपोर्ट जारी की है। इसके तहत आम आदमी पार्टी के 134 में से 132 पार्षदों की जानकारी उपलब्ध हुई। रिपोर्ट कहती है कि ‘आप’ के 132 में से 27 यानी 21 फीसदी पार्षदों के खिलाफ आपराधिक मामले हैं।

रिपोर्ट में कहा गया है कि भारतीय जनता पार्टी (भाजपा) के 104 में से 12 (करीब 12 प्रतिशत) के खिलाफ आपराधिक मामले दर्ज हैं। उसमें कहा गया है कि तीन निर्दलियों में से दो ने और कांग्रेस के नौ में से एक ने पार्षद अपने खिलाफ आपराधिक मामले दर्ज होने की जानकारी दी है। रिपोर्ट के मुताबिक, ‘आप’ के 12, भाजपा के छह व एक निर्दलीय पार्षद ने अपने खिलाफ संगीन मामले दर्ज होने की घोषणा अपने-अपने हलफनामों में की है। रिपोर्ट कहती है कि साल 2017 में तत्कालीन उत्तर, पूर्वी व दक्षिणी नगर निगमों के 266 पार्षदों में से 10 फीसदी के खिलाफ आपराधिक मामले दर्ज थे और पांच प्रतिशत के खिलाफ गंभीर धाराओं में मामले दर्ज थे। तब 270 वार्ड होते थे लेकिन आंकड़े 266 के ही उपलब्ध थे। इस साल तीनों निगमों को मिलाकर एकीकृत एमसीडी बना दी गई।

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