प्रधानमंत्री चीन के विषय पर संसद में चर्चा क्यों नहीं होने दे रहे : कांग्रेस

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कांग्रेस ने अरुणाचल प्रदेश के तवांग सेक्टर में भारत और चीन के सैनिकों के बीच झड़प की घटना की पृष्ठभूमि में शनिवार को प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी पर एक बार फिर निशाना साधा और सवाल किया कि वह इस विषय पर संसद में चर्चा क्यों नहीं होने दे रहे और देश को भरोसे में क्यों नहीं ले रहे। पार्टी महासचिव जयराम रमेश ने एक बयान में यह भी कहा कि प्रधानमंत्री का यह राजनीतिक कर्तव्य और नैतिक जिम्मेदारी है कि वह इस मुद्दे से जुड़े सवालों पर अपने ‘मन की बात’ करें। उन्होंने यह बयान उस वक्त दिया है, जब भारतीय जनता पार्टी अरुणाचल प्रदेश में ‘चीनी सैनिकों द्वारा भारतीय सैनिकों की पिटाई करने’ संबंधी टिप्पणी को लेकर राहुल गांधी पर लगातार हमले कर रही है। भाजपा ने शनिवार को कहा कि कांग्रेस को राहुल गांधी को फौरन पार्टी से निष्कासित करना चाहिए।

रमेश ने अपने बयान में प्रधानमंत्री से सात सवाल पूछे और कहा, यह प्रधानमंत्री का राजनीतिक कर्तव्य और नैतिक जिम्मेदारी है कि वह इन सात सवालों पर अपने ‘मन की बात’ करें। राष्ट्र जानना चाहता है। उन्होंने सवाल किया, 20 जून, 2020 को आपने (प्रधानमंत्री) क्यों कहा कि पूर्वी लद्दाख में चीन द्वारा कोई घुसपैठ नहीं हुई? आपने चीन को यह अनुमति क्यों दी कि वह हमारे सैनिकों को उन हजारों किलोमीटर के क्षेत्र में जाने से रोके जहां वे मई, 2020 से पहले नियमित रूप से गश्त किया करते थे? रमेश ने यह भी पूछा, ”आपने ‘माउंटेन स्ट्राइक कोर’ बनाने को लेकर `17 जुलाई, 2013 को कैबिनेट द्वारा स्वीकृत की गई योजना को क्यों त्याग दिया? आपने चीनी कंपनियों को पीएम केयर फंड में अंशदान क्यों देने दिया?

आपने पिछले दो वर्षों में चीन से आयात को रिकॉर्ड स्तर पर क्यों बढ़ने दिया? कांग्रेस नेता ने सवाल किया, आप इस बात पर जोर क्यों दे रहे हैं कि सीमा के हालात और चीन से खड़ी हुई चुनौतियों पर संसद में चर्चा नहीं होनी चाहिए? आपने चीन के शीर्ष नेतृत्व के साथ 18 बार मुलाकात की है और हाल ही में शी चिनफिंग से बाली में हाथ भी मिलाया। चीन ने तवांग सेक्टर में हाल ही में अतिक्रमण की शुरुआत की और सीमा पर हालात को एकतरफा ढंग से बदल रहा है। आप देश को भरोसे में क्यों नहीं ले रहे हैं? भारतीय और चीनी सैनिकों के बीच नौ दिसंबर को अरुणाचल प्रदेश के तवांग सेक्टर के यांग्त्से क्षेत्र में ताजा संघर्ष हुआ था, जिसमें दोनों तरफ के जवानों को चोटें आई थीं। यह जून 2020 में गलवान घाटी में घातक झड़प के बाद इस तरह की पहली बड़ी घटना थी।

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