केंद्रीय शिक्षा मंत्री धर्मेन्द्र प्रधान ने कहा कि राष्ट्रीय शिक्षा नीति और बुनियादी स्तर पर राष्ट्रीय पाठ्यचर्या ढांचा के आधार पर नयी पीढ़ी की पाठ्यपुस्तकें विकसित की जा रही हैं और इसका मकसद खेलकूद के साथ बच्चों को आनंददायक माहौल में सीखने को प्रेरित करना है। मंत्रालय के बयान के अनुसार, शिक्षा मंत्री धर्मेन्द्र प्रधान ने बुधवार को राष्ट्रीय शिक्षा अनुसंधान एवं प्रशिक्षण परिषद (एनसीईआरटी) की 58वीं बैठक में पहली और दूसरी कक्षाओं के लिए पाठ्यपुस्तकें जारी की। प्रधान ने कहा कि नयी पीढ़ी की इन पाठ्यपुस्तकों को राष्ट्रीय शिक्षा नीति 2020 और बुनियादी स्तर पर राष्ट्रीय पाठ्यचर्या ढांचा-2022 के आधार पर विकसित किया गया है।
उन्होंने कहा कि इन पाठ्यपुस्तकों के मूल में खेलकूद के साथ बच्चों को आनंददायक माहौल में सीखने को प्रेरित करना है। शिक्षा मंत्री ने कहा कि इससे बुनियादी स्तर पर छात्रों का आनंददायक महौल में पठन-पाठन होगा जिससे उनके समग्र विकास में मदद मिलेगी। उन्होंने कहा कि ये पुस्तकें प्रारंभ में अनुसूचित भारतीय भाषाओं में डिजिटल प्रारूप में और बाद में धीरे-धीरे कागजी प्रारूप में उपलब्ध होंगी।
प्रधान ने कहा कि गुणवत्ता को बेहतर बनाने के लिए शिक्षक प्रशिक्षण महत्वपूर्ण है और बुनियादी स्तर पर प्राथमिकता के आधार पर सभी शिक्षकों को प्रशिक्षित किया जाना चाहिए। इस बैठक में प्रधान के अलावा शिक्षा राज्य मंत्री अन्नपूर्णा देवी, विभिन्न राज्यों एवं केंद्र शासित प्रदेशों के शिक्षा मंत्री, एनसीईआरटी के निदेशक दिनेश प्रसाद सकलानी, स्कूली शिक्षा एवं साक्षरता विभाग के सचिव संजय कुमार, विश्वविद्यालय अनुदान आयोग (यूजीसी) के अध्यक्ष जगदीश कुमार तथा एनसीईआरटी के पूर्व निदेशक जे एस राजपूत आदि ने हिस्सा लिया।
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