उपराज्यपाल सक्सेना ने यमुना के बढ़ते जलस्तर को लेकर बृहस्पतिवार को डीडीएमए की मीटिंग बुलाई

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दिल्ली के उपराज्यपाल वी के सक्सेना ने यमुना के बढ़ते जलस्तर को लेकर बृहस्पतिवार को दिल्ली आपदा प्रबंधन प्राधिकरण (डीडीएमए) की बैठक बुलाई है। राज निवास के अधिकारियों ने यह जानकारी दी। यमुना नदी का जलस्तर बुधवार को बढ़कर 207.83 मीटर पर पहुंच गया। यह 1978 के बाद यहां यमुना में पानी का सबसे ज्यादा स्तर है, जिसके कारण डूब क्षेत्र में आने वाले इलाकों में पानी बढ़ गया है। सक्सेना ने यमुना नदी का निरीक्षण करते हुए संवाददाताओं से कहा कि राष्ट्रीय आपदा मोचन बल (एनडीआरएफ) के कर्मियों को तैनात किया गया है और निचले इलाकों में रहने वाले सभी लोगों को निकाला जाएगा। सक्सेना ने उम्मीद जतायी कि अगले कुछ दिनों में यमुना का जलस्तर कम हो जाएगा, क्योंकि हरियाणा के हथिनीकुंड बैराज से पानी छोड़ा जाना कम हो गया है।

उपराज्यपाल ने कहा कि बुधवार रात को नदी का जलस्तर 207.99 तक पहुंचने की आशंका है। सक्सेना ने कहा, नडीआरएफ की कई टीम तैनात कर दी गई हैं। कोई भी प्रभावित क्षेत्र अछूता नहीं रहेगा और हम सभी को सहायता प्रदान करेंगे। उन्होंने कहा कि पहले कुछ लोग सुरक्षित स्थानों पर जाने के लिए अनिच्छुक थे, लेकिन अब उन्होंने स्थानांतरित होने की इच्छा व्यक्त की है और उनकी मदद की जा रही है। उपराज्यपाल ने कहा कि प्रभावित क्षेत्रों के जिला मजिस्ट्रेट और उपायुक्तों को आवश्यक निर्देश जारी किए गए हैं और “हम किसी भी स्थिति के लिए तैयार हैं”।

उन्होंने कहा कि हरियाणा ने यमुना में पानी छोड़ना कम कर दिया है, क्योंकि राज्य को नदी के ऊपरी हिस्से से कम मात्रा में पानी मिल रहा है। उन्होंने कहा कि हरियाणा में हथिनीकुंड में एक बैराज है और यह जलाशय नहीं है। उपराज्यपाल ने कहा कि पानी जमा नहीं किया जा सकता और उसे छोड़ना होगा। उन्होंने बैराज से कम पानी छोड़े जाने का जिक्र करते हुए कहा, “परसों स्थिति में सुधार होगा।

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