तकनीकी का खौफ नहीं होना चाहिए : मुख्य न्यायाधीश चंद्रचूड़

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चेन्नई। देश के मुख्य न्यायाधीश जस्टिस डी वाई चंद्रचूड़ ने एआई जैसी उभरती तकनीकी में मानव मूल्यों का ध्यान रखते हुए आगे बढ़ने की ज़रूरत पर जोर दिया है। उन्होंने सोशल मीडिया के बढ़ते उपयोग और इसकी खूबियों का उल्लेख करते हुए ऑन लाइन गाली गलौज और ट्रॉलिंग जैसी चुनौती से आगाह किया। उन्होंने कहा तकनीकी का उपयोग डर पैदा करने में नही होना चाहिए। आईआईटी मद्रास के दीक्षांत समारोह में बोलते हुए जस्टिस चंद्रचूड़ ने निजता की वकालत करते हुए कहा कि गोपनीयता, सुरक्षा और पारदर्शिता जैसी बुनियादी चीजों का तकनीकी के उपयोग में ख्याल रखा जाना चाहिए। दीक्षांत समारोह में 2571 आईआईटी छात्रों को स्नातक उपाधि दी गई। आईआईटी निदेशक प्रोफेसर वी कामकोटि ने संस्थान की उपलब्धियों की जानकारी दी। उन्होंने कहा आईआईटी रिसर्च और इनोवेशन से समाज के प्रति अपने दायित्व का निर्वाह कर रहा है।

जस्टिस चंद्रचूड ने कहा, हम आने वाले समय में नई प्रौद्योगिकी के लाभों का आनंद ले सकते हैं, साथ ही हानिकारक उद्देश्यों के लिए इसका दुरुपयोग प्रमुख चुनौतियों में से एक है जिन्हे हमें स्वीकार करना पड़ेगा। उन्होंने कहा प्रौद्योगिकी के द्वारा किसी भी तरह से ऑनलाइन दुरुपयोग या उत्पीड़न से उपयोगकर्ताओं के मन में डर पैदा नहीं करना चाहिए। उन्होंने कहा, तकनीकी के उपयोग में किसी तरह का भय सीधे तौर पर स्वतंत्र और खुले तरीके से विचार व्यक्त करने की क्षमता और अन्य पर प्रभाव डालता है। एआई के सार्थक उपयोग के साथ इसके दुरुपयोग का उदाहरण देते हुए मुख्य न्यायाधीश ने डेटा में पक्षपात जैसी समस्या पर भी ध्यान दिलाया। उन्होंने कहा, हमें यह देखना चाहिए कि विज्ञान और प्रौद्योगिकी मानव विकास का एक महत्वपूर्ण साधन है। उन्होंने तकनीकी के विकास में मानव अधिकारों का भी ध्यान रखने का आग्रह किया।

मुख्य न्यायाधीश ने भविष्य की स्वतंत्रता पर मंडरा रहे संकट की ओर भी ध्यान दिलाया। उन्होंने कहा, जलवायु परिवर्तन विभिन्न प्रकार के मानव अधिकारों जैसे जीवन, जल, भोजन, स्वास्थ्य और स्वच्छता के प्रभावी उपयोग पर नकारात्मक प्रभाव डालने की क्षमता रखता है। उन्होंने जलवायु परिवर्तन पर स्टार्ट अप का उल्लेख करते हुए कहा कि आप में से कुछ लोग भविष्य की इस चुनौती से निपटने में अपने कौशल,ज्ञान का उपयोग करेंगे और इस ग्रह पर मौजूद भविष्य की चुनौतियों का सामना करने के लिए आईआईटी मद्रास भूमिका निभाएगा। .दीक्षांत समारोह में मुख्य न्यायाधीश चंद्रचूड़, आईआईटी निदेशक प्रोफेसर वी कामकोटि और बोर्ड आफ गवर्नर के चेयरमैन पवन गोयनका ने आईआईटी छात्रों को डिग्री प्रदान की।

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