दिव्यांगजनों को सम्मानजनक जीवन प्रदान करना पूरे समाज का दायित्व है : राष्ट्रपति मुर्मू

43
232

राष्ट्रपति द्रौपदी मुर्मू ने बृहस्पतिवार को कहा कि दिव्यांगजनों को सम्मानजनक जीवन प्रदान करना पूरे समाज का दायित्व है। उन्होंने यहां ‘नेशनल फेडरेशन ऑफ द ब्लाइंड’ के स्वर्ण जयंती समारोह में कहा, ”हमें यह सुनिश्चित करना होगा कि उन्हें उचित शिक्षा, रोजगार के अवसर, सुलभ सार्वजनिक स्थल तथा सुरक्षित एवं बेहतर जीवन मिले। राष्ट्रपति ने कहा कि भारतीय संस्कृति में दिव्यांगता को कभी ज्ञान प्राप्त करने और उत्कृष्टता हासिल करने में बाधा नहीं माना गया। ऋषि अष्टावक्र और महान कवि सूरदास का उदाहरण देते हुए उन्होंने कहा, दृष्टि से अधिक महत्वपूर्ण अंतर्दृष्टि है। ऋषि अष्टावक्र में आठ प्रकार की शारीरिक अक्षमता थी और कवि सूरदास नेत्रहीन थे।

राष्ट्रपति भवन द्वारा जारी एक बयान के अनुसार, मुर्मू ने पिछले 50 वर्षों में दृष्टिबाधित दिव्यांगजनों के जीवन को बेहतर बनाने में महत्वपूर्ण भूमिका निभाने के वास्ते फेडरेशन की प्रशंसा की। उन्होंने कहा कि फेडरेशन ने दृष्टिबाधित दिव्यांगजनों के समक्ष आने वाली चुनौतियों के बारे में समाज में जागरूकता बढ़ायी जिससे समाज अधिक समावेशी बना है। मुर्मू ने कहा कि सरकार विभिन्न पहलों के माध्यम से दिव्यांगजनों के सशक्तिकरण के लिए निरंतर प्रयास कर रही है। उन्होंने विश्वास जताया कि ‘नेशनल फेडरेशन ऑफ द ब्लाइंड’ दृष्टिबाधित दिव्यांगजनों के समग्र विकास और सशक्तिकरण के लक्ष्य को प्राप्त करने की दिशा में सरकार और समाज के साथ मिलकर अपना प्रयास जारी रखेगा।

43 COMMENTS

LEAVE A REPLY

Please enter your comment!
Please enter your name here