मेट्रो रेल सेवा के इस्तेमाल से कार्बन उत्सर्जन में कमी के प्रति लोगों को जागरूक करेगा डीएमआरसी

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दिल्ली मेट्रो में सफर करने वाले यात्री अब जान पाएंगे कि मेट्रो के जरिये अपने गंतव्य तक जाने के दौरान वे कार्बन उत्सर्जन में कमी लाने में औसतन कितना सहयोग कर रहे हैं। दिल्ली मेट्रो रेल निगम (डीएमआरसी) ने बुधवार को यह जानकारी दी। यहां जारी एक बयान के मुताबिक, डीएमआरसी ने यात्रियों को सड़क पर मोटर वाहन इस्तेमाल करने के बजाय मेट्रो की सवारी का विकल्प चुनने से कार्बन उत्सर्जन में कमी लाने में उनके योगदान को बताने के लिए ‘कार्बनलाइट मेट्रो ट्रैवल’ नाम से पहल शुरू की है। बयान में कहा गया कि इस पहल में दिल्ली स्थित ‘द एनर्जी ऐंड रिसोर्स इंस्टिट्यूट’ (टेरी) के वृहद अनुसंधान से सहयोग लिया गया है। इसमें कहा गया कि मोटर वाहन से यात्रा करने के बजाय मेट्रो ट्रेन से यात्रा करने पर प्रत्येक किलोमीटर पर कार्बन उत्सर्जन में 32.38 ग्राम की कमी लाने में मदद मिलती है।

डीएमआरसी ने कहा, भारत का लक्ष्य 2070 तक कुल कार्बन उत्सर्जन को शून्य करना है। यह पहल प्रत्येक नागरिक की जलवायु परिवर्तन रोकने में परिवहन के साधन का चुनाव करने के जरिये अहम भूमिका रेखांकित करेगी। अधिकारियों ने बताया कि मेट्रो की यात्रा से कार्बन उत्सर्जन में होने वाली कमी ‘प्रमुखता’ से कागज और मोबाइल क्यूआर कोड आधारित टिकट पर दिखाई देगी ताकि सतत सार्वजनिक परिवहन के सकारात्मक असर के प्रति लोगों को जागरूक किया जा सके। उन्होंने बताया कि यह जानकारी बृहस्पतिवार से ही क्यूआर कोड आधारित टिकटों पर दिखने लगेगी।

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