ओबीसी, दलितों और आदिवासियों का दर्द समझने को जातिगत जनगणना का एक्स-रे जरूरी: राहुल गांधी

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rahul gandhi
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कांग्रेस के पूर्व अध्यक्ष राहुल गांधी ने जातिगत जनगणना को एक्स-रे रिपोर्ट बताते हुए बृहस्पतिवार को कहा कि अन्य पिछड़ा वर्ग (ओबीसी) के लोगों, दलितों और आदिवासियों की वास्तविक आबादी के अनुपात में सरकार में उनकी भागीदारी पक्की करने के लिए इस तरह की गिनती जरूरी है। मध्य प्रदेश में जातिगत जनगणना कराना कांग्रेस के चुनावी वादों में शुमार है। गांधी ने अशोक नगर की चुनावी सभा में कहा, ”किसी व्यक्ति को जब चोट लगती है, तो हम यह पता लगाने के लिए उसका एक्स-रे कराते हैं कि उसकी हड्डी टूटी है या नहीं। इसी तरह, मैं जातिगत जनगणना को भी एक्स-रे (रिपोर्ट) कहता हूं। उन्होंने कहा कि ओबीसी के लोगों, दलितों और आदिवासियों को बेरोजगारी और महंगाई के कारण जबर्दस्त दर्द हो रहा है। कांग्रेस के पूर्व अध्यक्ष गांधी ने कहा कि जातिगत जनगणना से इन समुदायों की वास्तविक आबादी पता चल सकेगी, जिसके अनुपात में सरकार में इनकी भागीदारी सुनिश्चित हो सकेगी।

गांधी ने दावा किया कि जातिगत जनगणना के मुद्दे पर प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी मौन बने हुए हैं। उन्होंने कहा, ”मोदी अपने आप को ओबीसी बताते हैं, पर जब भी जातिगत जनगणना की बात आती है, तो वह कहते हैं कि हिंदुस्तान में केवल एक जाति है और वह है गरीब। उन्होंने दावा किया कि देश चलाने वाली केंद्र सरकार के 90 शीर्ष अफसरों में केवल तीन अधिकारी ओबीसी वर्ग के हैं। गांधी ने कहा, अगर हिंदुस्तान का बजट 100 रुपये का है, तो ओबीसी के अफसर केवल पांच रुपये के खर्च का निर्णय लेते हैं, जबकि आदिवासी अफसर केवल 10 पैसे के व्यय का फैसला लेते हैं। गांधी ने नरेन्द्र मोदी सरकार पर सार्वजनिक क्षेत्र की कंपनियों में विनिवेश और निजीकरण को बढ़ावा देने का आरोप लगाते हुए कहा कि इन कदमों के कारण ओबीसी, दलित और आदिवासी वर्ग के लोग सरकारी भर्तियों से दूर हो गए हैं।

माल एवं सेवा कर (जीएसटी) को उक्त तीनों वर्गों के हितों के खिलाफ बताते हुए उन्होंने कहा इन तबकों के लोगों की जेब से जीएसटी वसूला जा रहा है और इस रकम से बड़े उद्योगपतियों को सरकारी बैंकों के जरिये भारी-भरकम कर्ज दिया जा रहा है। गांधी ने दावा किया कि भाजपा के नेता अपने बच्चों को अंग्रेजी माध्यम वाले विद्यालयों में भेजते हैं और ओबीसी, दलित और आदिवासी वर्ग के लोगों से कहते हैं कि वे अपनी संतानों को अंग्रेजी माध्यम वाले विद्यालयों में गलती से भी न भेजें। उन्होंने कहा, वे (भाजपा नेता) चाहते हैं कि सबसे अच्छी नौकरियां और पद उनके बच्चों को मिलें। कांग्रेस के पूर्व अध्यक्ष ने मध्यप्रदेश के सीधी जिले में एक व्यक्ति द्वारा एक आदिवासी व्यक्ति पर पेशाब करने की घटना को लेकर भी भाजपा को घेरा।

उन्होंने कहा, क्या आपने किसी भाजपा नेता को किसी कुत्ते पर पेशाब करते देखा है? .. लेकिन मैंने अपनी आंखों से भाजपा के एक नेता को एक आदिवासी युवा के चेहरे पर पेशाब करते देखा है। ये लोग जैसा बर्ताव जानवरों के साथ नहीं करते, वैसा बर्ताव हमारे आदिवासी भाइयों के साथ करते हैं। गांधी ने कहा कि मध्यप्रदेश में कांग्रेस की सरकार बनने के बाद पहले काम के तहत 27 लाख किसानों का दो लाख रुपये तक का कर्जा माफ किया जाएगा। उन्होंने दावा किया कि मोदी सरकार के कार्यकाल में उद्योगपतियों का 14 लाख करोड़ रुपये का कर्जा माफ किया गया है, लेकिन यह सरकार किसानों का कर्ज माफ करने की कांग्रेस की मांग मानने से इनकार कर देती है। गांधी ने राज्य के वर्ष 2018 के पिछले विधानसभा चुनाव के दौरान भी कृषि कर्ज माफी का वादा किया था।

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