ब्रिटिशकाल की सात हजार .303 राइफल को जल्द ही हटाएगी दिल्ली पुलिस

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नई दिल्ली। दशकों तक दिल्ली पुलिस का हिस्सा रही ब्रिटिशकालीन .303 राइफलों को पुलिस बल से जल्द ही हटा दिया जायेगा। एक वरिष्ठ अधिकारी ने यह जानकारी दी। दिल्ली पुलिस के अनुसार कम से कम 7,000 ऐसे आग्नेयास्त्रों, जिन्हें ‘थ्री-नॉट-थ्री’ राइफल के रूप में जाना जाता है, को बल से हटाने की तैयारी है। अधिकारी ने कहा, इन हथियारों का इस्तेमाल वर्षों पहले ही बंद हो गया था और अब उन्हें नष्ट करने की तैयारी है। ये .303 राइफल दिल्ली पुलिस की शस्त्रागार इकाई में रखी गई हैं। सूत्रों के मुताबिक, इन हथियारों को नष्ट करने की निगरानी के लिए एक संयुक्त आयुक्त रैंक के अधिकारी को नियुक्त किया गया है। सूत्रों ने बताया कि पूरा अभियान गृह मंत्रालय द्वारा गठित समिति की निगरानी में किया जाएगा। .303 कैलिबर ली-एनफील्ड राइफल शुरू में ब्रिटेन के हथियार कारखाने में निर्मित की गई थी और प्रथम तथ द्वितीय विश्व युद्ध में इनका बड़े पैमाने पर इस्तेमाल किया गया था।

भारत में, इन राइफल का इस्तेमाल 1962 में भारत-चीन युद्ध के दौरान भारतीय सेना द्वारा किया गया था और बाद में राज्य पुलिस बलों को सौंप दिया गया था। पुलिस उपायुक्त (प्रावधान एवं रसद) विनीत कुमार ने पुष्टि की कि हथियार नष्ट करने की प्रक्रिया जारी है। एक अन्य अधिकारी ने बताया कि इन हथियारों में से प्रत्येक का वजन लगभग पांच किलोग्राम है। उन्होंने कहा कि इन हथियारों को नष्ट करने की प्रक्रिया लंबी है। उन्होंने कहा कि इस प्रक्रिया के तहत हथियारों के प्रत्येक हिस्से को हटाना और नष्ट करना शामिल है। अधिकारी ने बताया कि हथियारों को नष्ट करने से पहले, बैरल और इसके अन्य हिस्सों को अलग कर दिया जाता है, ताकि इसका आगे इस्तेमाल न किया जा सके और उसके बाद इन हथियारों का लोहा पिघलाया जाता है। उत्तर प्रदेश और महाराष्ट्र सहित कई राज्यों के पुलिस बल पहले ही .303 राइफल का इस्तेमाल बंद कर चुके हैं।

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