केंद्र ने दिल्ली और राष्ट्रीय राजधानी क्षेत्र (एनसीआर) में वायु गुणवत्ता में सुधार होने के मद्देनजर ‘क्रमिक प्रतिक्रिया कार्य योजना’ (जीआरएपी) के पहले चरण को तत्काल प्रभाव से वापस लेने का मंगलवार को निर्णय लिया। क्षेत्र में वायु प्रदूषण घटाने की रणनीति बनाने और उसके कार्यान्वयन की देखरेख के लिए जिम्मेदार वैधानिक निकाय वायु गुणवत्ता प्रबंधन आयोग ने कहा कि इसकी उपसमिति ने वायु प्रदूषण की स्थिति की समीक्षा के लिए बुलाई गई बैठक के दौरान यह निर्णय लिया। इसने कहा कि दिल्ली में समग्र वायु गुणवत्ता पिछले कुछ दिनों से लगातार 200 अंक (मध्यम श्रेणी) से नीचे बनी हुई है और मंगलवार को 24 घंटे का औसत वायु गुणवत्ता सूचकांक (एक्यूआई) 159 रहा। मौसम संबंधी स्थितियों और वायु गुणवत्ता सूचकांक के पूर्वानुमान से यह भी संकेत मिलता है कि आने वाले दिनों में दिल्ली का समग्र वायु गुणवत्ता सूचकांक ‘मध्यम’ श्रेणी में रहेगा।
आयोग ने कहा कि दिल्ली के समग्र एक्यूआई में इस सकारात्मक प्रवृत्ति को ध्यान में रखते हुए, क्रमिक प्रतिक्रिया कार्य योजना (जीआरएपी) उप-समिति ने सर्वसम्मति से पूरे एनसीआर में जीआरएपी के पहले चरण को तत्काल प्रभाव से वापस लेने का निर्णय लिया है। आयोग ने दिल्ली-एनसीआर क्षेत्र में संबंधित सभी एजेंसियों को उसके निर्देशों, परामर्श और आदेशों का ईमानदारी से अनुपालन सुनिश्चित करने का निर्देश दिया। जीआरएपी केंद्र की वायु प्रदूषण नियंत्रण योजना है, जो सर्दियों के मौसम के दौरान क्षेत्र में लागू की जाती है। शून्य और 50 के बीच एक एक्यूआई को ‘अच्छा’, 51 से 100 के बीच ‘संतोषजनक’, 101 से 200 के बीच ‘मध्यम’, 201 से 300 के बीच ‘खराब’, 301 से 400 के बीच ‘बहुत खराब’ और 401 से 500 के बीच ‘गंभीर’ माना जाता है।