केंद्रीय गृह मंत्री अमित शाह ने बुधवार को दावा किया कि इस बार आम चुनाव में भारतीय जनता पार्टी (भाजपा) को उत्तर प्रदेश में 2014 से अधिक सीट मिलेंगी और जनता सभी वंशवादी दलों को सबक सिखाएगी। शाह ने दो टूक कहा कि समान नागरिक संहिता (यूसीसी) भाजपा के एजेंडे में शामिल है क्योंकि पार्टी का मानना है कि एक धर्मनिरपेक्ष देश में सभी लोगों के लिए एक समाना कानून होने चाहिए। ‘न्यूज18 राइजिंग भारत समिट’ के एक सत्र को संबोधित करते हुए उन्होंने कहा, ”उत्तर प्रदेश में हमें इस बार 2014 की तुलना में अधिक सीट मिलेंगी।” भाजपा को 2014 में उत्तर प्रदेश की कुल 80 लोकसभा सीट में से 71 सीट पर जीत मिली थी जबकि उसकी सहयोगी अपना दल के खाते में दो सीट गई थीं। पार्टी को 2019 के चुनाव में प्रदेश की 62 सीट मिलीं और उसके सहयोगी दल को दो सीटें मिलीं। ओडिशा की सत्तारूढ़ बीजू जनता दल (बीजद)के साथ भाजपा के गठबंधन को लेकर चल रही बातचीत के बारे में पूछे जाने पर केंद्रीय गृहमंत्री ने कहा कि पार्टी अध्यक्ष जेपी नड्डा इस पर अंतिम निर्णय लेंगे। शाह ने कहा, ‘हमने अभी तक कोई निर्णय नहीं लिया है। हमारी पार्टी के अध्यक्ष फैसला करेंगे। लेकिन यह निश्चित है कि हम ओडिशा में भारी जीत हासिल करेंगे।’ उन्होंने कहा, ‘अगर हम अकेले लड़ने का फैसला करते हैं तो हम ओडिशा में सरकार बनाने के लिए लड़ेंगे।’
ओडिशा में लोकसभा के साथ-साथ विधानसभा चुनाव भी होंगे। पंजाब में शिरोमणि अकाली दल के साथ गठबंधन की संभावना पर उन्होंने कहा कि यह अगले दो से तीन दिनों में स्पष्ट हो जाएगा। शाह ने कहा, ‘बातचीत जारी है। हम चाहते हैं कि राष्ट्रीय जनतांत्रिक गठबंधन (राजग) के सभी दल एक साथ आएं।’ बिहार के बारे में शाह ने कहा कि यह पहली बार है, जब भाजपा अपने सहयोगियों से अधिक सीटों के साथ लोकसभा चुनाव ‘बड़े भाई’ के रूप में लड़ने जा रही है। बिहार में राजग के बीच हुए सीट-बंटवारे के मुताबिक भाजपा कुल 40 में से 17 सीटों पर, जनता दल यूनाइटेड (जदयू)16 सीट पर, चिराग पासवान के नेतृत्व वाली लोक जनशक्ति पार्टी (रामविलास) पांच सीट पर और हिंदुस्तानी अवाम मोर्चा (हम)और राष्ट्रीय लोक मोर्चा (आरएलएम) एक-एक सीट पर चुनाव लड़ेंगे। शाह ने दावा किया कि भाजपा को पश्चिम बंगाल की कुल 42 में से 25 से अधिक सीटें मिलेंगी। उन्होंने कहा कि पार्टी को दक्षिणी राज्यों, पंजाब और अन्य क्षेत्रों में भी अधिक संख्या में सीट मिलेंगी। जम्मू-कश्मीर में विधानसभा चुनाव कराने को लेकर पूछे गए सवाल पर केंद्रीय गृहमंत्री ने कहा कि उच्चतम न्यायालय ने पहले ही सितंबर के अंत तक की समय सीमा तय कर दी है और चुनाव उससे पहले होंगे। यूसीसी के कार्यान्वयन के बारे में पूछे जाने पर शाह ने कहा कि यह लंबे समय से चला आ रहा मुद्दा है जिसे पार्टी छोड़ नहीं सकती। उन्होंने कहा, ‘यूसीसी 1950 से हमारा मुद्दा है।
हमारी पार्टी ने इसके लिए आंदोलन किया है। हम इससे दूर नहीं जा सकते। हमारा मानना है कि एक धर्मनिरपेक्ष देश में सबके लिए एक ही कानून होना चाहिए। यूसीसी देश की जनता से भाजपा का वादा है।” भाजपा शासित उत्तराखंड ने पिछले महीने यूसीसी के कार्यान्वयन के लिए एक कानून बनाया, ताकि अलग-अलग आस्था के बावजूद सभी नागरिकों के लिए विवाह, तलाक, विरासत और संपत्ति के अधिकार जैसे व्यक्तिगत मामलों के लिए समान नियम सुनिश्चित किए जा सकें। अन्य भाजपा शासित राज्यों में भी इसी तरह के कानून लाए जाने की उम्मीद है। शाह ने नागरिकता संशोधन अधिनियम (सीएए) 2019 के बारे में कथित तौर पर भ्रम फैलाने के लिए विपक्षी दलों की आलोचना की। केंद्र ने हाल में सीएए के कार्यान्वयन के लिए नियम जारी किए हैं। उन्होंने कहा, ‘वोट बैंक के लिए विपक्ष भ्रम फैला रहा है कि सीएए देश के अल्पसंख्यकों की नागरिकता छीन लेगा। लेकिन सीएए किसी की नागरिकता नहीं छीनेगा, केवल पाकिस्तान, अफगानिस्तान और बांग्लादेश से आए हिंदू, सिख, जैन, बौद्ध, ईसाई और पारसी समुदाय के शरणार्थियों को नागरिकता दी जाएगी।’ केंद्रीय गृहमंत्री ने कहा, ‘इस देश के मुसलमानों को डरने की जरूरत नहीं है।
सीएए नागरिकता छीनने का नहीं बल्कि नागरिकता देने का कानून है।’ चुनावी बॉण्ड से भाजपा को मुख्य रूप से लाभ होने के दावे को खारिज करते हुए शाह ने कहा कि इसके खत्म होने के बाद चुनावी वित्तपोषण में काले धन की वापसी की संभावना है। उन्होंने कहा, ‘ऐसा आरोप है कि हमें बहुत अधिक चंदा मिला है। यह पूरी तरह से झूठ है। हमें 6,200 करोड़ रुपये मिले हैं, जबकि राहुल गांधी के नेतृत्व वाले ‘ इंडिया’ गठबंधन को 6,200 करोड़ रुपये से अधिक मिले हैं। हमारे पास लोकसभा में 303 सीट है, 17 राज्यों में सरकार है। ‘इंडिया’ गठबंधन के पास कितनी सीटें हैं?’ शाह ने कहा, ‘ मेरी निजी राय है कि चुनावी बॉण्ड योजना खत्म होने से काले धन की वापसी होगी। इसलिए कांग्रेस चुनावी बॉण्ड के खिलाफ है।’ उन्होंने कहा कि 2014 में नरेन्द्र मोदी के प्रधानमंत्री बनने के बाद काले धन के खिलाफ तेजी से कार्रवाई की गई। उन्होंने इन आरोपों का भी खंडन किया कि प्रवर्तन निदेशालय नेताओं को निशाना बना रहा है। शाह ने कहा कि ईडी द्वारा जब्त की गई सभी संपत्तियों में से केवल पांच प्रतिशत राजनीतिक दलों से जुड़े लोगों की हैं, जबकि बाकी का राजनीति से कोई लेना-देना नहीं है।
शाह ने कहा कि हालांकि राजनीतिक दलों से जुड़े लोगों की जो संपत्ति जब्त की गई है, वह भी काला धन है, लेकिन राजनीतिक दल चाहते हैं कि उनके खिलाफ कोई कार्रवाई नहीं की जाए। केंद्रीय मंत्री ने कहा, ‘पश्चिम बंगाल में एक मंत्री के घर से 51 करोड़ रुपये बरामद किए गए। कांग्रेस सांसद के घर से 355 करोड़ रुपये बरामद किए गए और वे कहते हैं कि कोई कार्रवाई नहीं की जानी चाहिए। नोटों के बंडलों को ले जाने के लिए ट्रक लाए गए थे।’ उन्होंने कहा, ‘क्या राहुल गांधी देश की जनता को बता सकते हैं कि ये पैसा कहां जा रहा था? उन्हें इसका जवाब देना चाहिए; जो भी भ्रष्टाचार करेगा उस पर कड़ी कार्रवाई होगी और जेल जाएगा।” गृह मंत्री ने कहा कि जब भी कोई चुनाव आता है, विपक्षी दल मोदी को अधिक से अधिक गाली देना और हमला करना शुरू कर देते हैं। लेकिन 2001 के बाद से यह साबित हो गया है कि वे उन्हें जितनी अधिक गालियां देंगे,’कमल उतनी ही मजबूती और खूबसूरती से खिलेगा’। उन्होंने कहा, ‘इस बार भी वैसा ही होगा। इस बार भी मोदी विजयी होंगे। मोदी के पास करोड़ों लोगों का आशीर्वाद है।