आम आदमी पार्टी (आप) की वरिष्ठ नेता एवं दिल्ली सरकार में मंत्री आतिशी ने बृहस्पतिवार को कहा कि प्रवर्तन निदेशालय (ईडी) के कड़े विरोध के बावजूद मुख्यमंत्री अरविंद केजरीवाल की अंतरिम राहत अर्जी को खारिज नहीं करना और इसपर बाद में सुनवाई करने के लिए उच्च न्यायालय का सहमत होना उनके लिए एक बड़ी जीत है। यह पूछे जाने पर कि ईडी की दंडात्मक कार्रवाई के खिलाफ केजरीवाल को राहत देने से उच्च न्यायालय के इनकार करने के फैसले को क्या उच्चतम न्यायालय में चुनौती दी जाएगी, इस पर आतिशी ने कहा कि कानूनी विकल्पों पर विचार किया जाएगा। इस बीच, अधिकारियों ने बताया कि ईडी की टीम शाम में केजरीवाल के आवास पहुंची है। उन्होंने कहा कि ईडी के अधिकारी आबकारी नीति मामले में जांच में शामिल होने के लिए मुख्यमंत्री को समन देने उनके आवास पर पहुंचे हैं।
आतिशी ने यहां संवाददाता सम्मेलन को संबोधित करते हुये आरोप लगाया कि भाजपा लोकसभा चुनावों के लिए प्रचार करने से रोकने के लिए प्रवर्तन निदेशालय का इस्तेमाल कर केजरीवाल को गिरफ्तार कराना चाहती है। दिल्ली उच्च न्यायालय ने दिन में केजरीवाल को आबकारी नीति से जुड़े धन शोधन मामले में दंडात्मक कार्रवाई से किसी प्रकार का संरक्षण देने से इनकार कर दिया। न्यायमूर्ति सुरेश कुमार कैत और न्यायमूर्ति मनोज जैन की पीठ ने संरक्षण का अनुरोध करने संबंधी आप नेता की अर्जी को 22 अप्रैल के लिए सूचीबद्ध किया है, उसी दिन (केजरीवाल को) समन को चुनौती देने वाली केजरीवाल की मुख्य याचिका भी सुनवाई के लिए निर्धारित है। आतिशी ने पहले कहा था कि केजरीवाल ईडी की जांच में शामिल होना चाहते हैं और एजेंसी के साथ सहयोग करना चाहते हैं लेकिन यह उन्हें गिरफ्तार करना चाहती है।