भारतीय जनता पार्टी (भाजपा) ने शुक्रवार को लोकसभा चुनाव के लिए जारी किए गए कांग्रेस के घोषणापत्र को ‘झूठ का पुलिंदा’ करार दिया और आरोप लगाया कि देश में दशकों तक शासन करने वाली इस पार्टी ने विधानसभा और लोकसभा चुनाव के लिए अपने घोषणापत्र में किए गए किसी भी वादे को पूरा नहीं किया। भाजपा के राष्ट्रीय प्रवक्ता सुधांशु त्रिवेदी ने यहां संवाददाताओं को संबोधित करते हुए कहा कि मतदाताओं के बीच भ्रम पैदा करने व उन्हें गुमराह करने के लिए कांग्रेस इस तरह का चुनावी घोषणापत्र लेकर आई है। उन्होंने कहा, ”कांग्रेस का घोषणापत्र झूठ का पुलिंदा है। इसे मतदाताओं के बीच भ्रम पैदा करने के लिए तैयार किया गया है।” त्रिवेदी ने कहा कि दशकों तक देश में शासन करने वाली कांग्रेस आज ‘न्याय’ की बात कर रही है, लेकिन उसकी सरकारों ने सत्ता में रहते हुए न्याय नहीं किया।
उन्होंने कहा, ”कांग्रेस ने अपने घोषणापत्र का नाम रखा है ‘न्याय पत्र’। मतलब इन्होंने मान लिया है कि 55 साल इन्होंने अन्याय किया है। कोई नई नवेली पार्टी आम आदमी पार्टी (आप) जैसी होती और वह कहती तो समझा जा सकता था।” भाजपा नेता ने कहा कि यह विडंबना है कि इतने दिनों तक सत्ता में रहने के बाद कांग्रेस इस वादे के साथ लोगों से जनादेश मांग रही है कि इस बार सत्ता में आने पर वह कोई ‘चमत्कार’ करेगी। उन्होंने आरोप लगाया, ”कांग्रेस ने विधानसभा और लोकसभा चुनावों के लिए अपने पहले के घोषणा-पत्रों में किए गए किसी भी वादे को पूरा नहीं किया।” त्रिवेदी ने आरोप लगाया कि कांग्रेस जब सत्ता में थी, तब उसने भारत के युवाओं, देश की अर्थव्यवस्था, उद्योग, सेना और सुरक्षा के साथ न्याय नहीं किया। उन्होंने आरोप लगाया, ”जिन लोगों ने भारत के सांस्कृतिक गौरव, सामाजिक सद्भाव और क्षमता के साथ न्याय नहीं किया, वे आज भेष बदलकर प्रकट हो आए हैं और न्याय करने का वादा कर रहे हैं। त्रिवेदी ने आरोप लगाया कि कांग्रेस पूर्व में लोगों को गुमराह करने में सफल रही, जब ‘मीडिया स्वतंत्र’ नहीं था, साक्षरता दर कम थी और संचार माध्यम इतने मजबूत नहीं थे।
उन्होंने कहा, ”लेकिन अब समय बदल गया है।” त्रिवेदी ने कहा कि भाजपा ने केंद्र में पहली बार 1998 में अपनी सरकार बनाई, जब देश की साक्षरता दर लगभग 50 प्रतिशत थी। उन्होंने कहा, ”अब जब देश की साक्षरता दर 75 प्रतिशत से ऊपर जा रही है, तो हम भी (इस लोकसभा चुनाव में) 400 से ज्यादा सीटें हासिल करने के लक्ष्य को प्राप्त करने की दिशा में आगे बढ़ रहे हैं।” त्रिवेदी ने कांग्रेस की विदेश नीतियों पर भी सवाल उठाए और कहा कि अतीत में उसके शासनकाल के दौरान जम्मू-कश्मीर, पंजाब और बंगाल के कुछ हिस्से पड़ोसी देशों के कब्जे में चले गए थे, जबकि ‘मानसरोवर की ऊंची पहाड़ी’ चीन के नियंत्रण में गयी। भाजपा नेता ने खरगे पर उनके उस बयान को लेकर निशाना साधा, जिसमें उन्होंने कहा था कि आजादी के बाद जब कांग्रेस सत्ता में आई, तो देश में एक सूई तक नहीं बनती थी और उनकी पार्टी की सरकारों ने देश को ऐसी स्थिति से उठाकर प्रगति के पथ पर आगे बढ़ाया। उन्होंने कहा, ”उन्हें (कांग्रेस) विरासत में बहुत सी चीजें मिलीं।”
त्रिवेदी ने आजादी से पहले देश में चालू की गई कई परियोजनाओं का जिक्र करते हुए कहा, ”झूठ और वास्तविकता में स्पष्ट अंतर है।” उन्होंने कहा, ”भारत की पहली बिजली परियोजना 1902 में मैसूर में लागू की गई थी, आजादी से पहले मैसूर में पहला बांध बनाया गया था… भारतीय वायुसेना की स्थापना 1932 में हुई थी।” भाजपा प्रवक्ता ने कांग्रेस के घोषणापत्र में इस्तेमाल की गई कुछ तस्वीरों को विदेश की बताया और इसे लेकर भी विपक्षी पार्टी पर निशाना साधा। इससे पहले, कांग्रेस ने लोकसभा चुनाव के लिए शुक्रवार को अपना घोषणापत्र जारी किया जिसमें उसने जातिगत जनगणना कराने, आरक्षण की सीमा 50 प्रतिशत से बढ़ा कर अधिक करने, किसानों को न्यूनतम समर्थन मूल्य की कानूनी गारंटी देने और नई शिक्षा नीति में संशोधन करने समेत कई वादे किए हैं। पार्टी ने अपने घोषणा पत्र को ‘न्याय पत्र’ नाम दिया है। यह पांच ‘न्याय’ और 25 ‘गारंटी’ पर आधारित है। कांग्रेस अध्यक्ष मल्लिकार्जुन खरगे ने कहा कि इस घोषणापत्र में भविष्य के शानदार भारत की तस्वीर नजर आती है। कांग्रेस के पूर्व अध्यक्ष राहुल गांधी ने कहा कि यह चुनाव, संविधान और लोकतंत्र को नष्ट करने का प्रयास करने वालों और इन्हें बचाने की कोशिश करने वालों के बीच होने जा रहा है।