सेंथिल बालाजी की जमानत याचिका पर कल सुनवाई करेगा सुप्रीम कोर्ट

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नई दिल्ली। उच्चतम न्यायालय ने धनशोधन मामले में पिछले साल प्रवर्तन निदेशालय (ईडी) द्वारा गिरफ्तार तमिलनाडु के पूर्व मंत्री वी. सेंथिल बालाजी की जमानत याचिका पर सुनवाई बुधवार को 16 मई तक के लिए स्थगित कर दी। सॉलिसिटर जनरल तुषार मेहता ने अदालत को सूचित किया कि उन्हें उस विशेष पीठ के सामने पेश होना है जो वस्तु एवं सेवा कर (जीएसटी) के दंडात्मक प्रावधानों को चुनौती देने संबंधी याचिका पर सुनवाई कर रही है। इसके बाद न्यायमूर्ति अभय एस. ओका और न्यायमूर्ति उज्ज्ल भुइयां की पीठ ने मामले की सुनवाई स्थगित कर दी। बालाजी की ओर से पेश वरिष्ठ वकील आर्यमा सुंदरम ने पीठ से मामले की सुनवाई करने का आग्रह करते हुए कहा कि पूर्व मंत्री की बाईपास सर्जरी हुई है और वह 300 दिन से अधिक समय से हिरासत में हैं। पीठ ने हालांकि कहा, ”हम आपकी इस दलील से प्रभावित नहीं हैं कि वह 300 दिन से हिरासत में हैं, इसलिए उन्हें प्राथमिकता दी जानी चाहिए। ऐसे अन्य मामले भी हैं जहां कोई व्यक्ति कुल सजा की आधी अवधि से अधिक समय तक जेल में रहा है।

उच्चतम न्यायालय ने एक अप्रैल को एजेंसी को नोटिस जारी करते हुए बालाजी की जमानत याचिका पर ईडी से जवाब मांगा था। मद्रास उच्च न्यायालय ने 28 फरवरी को बालाजी की जमानत याचिका खारिज करते हुए कहा था कि यदि उन्हें इस तरह के मामले में जमानत पर रिहा किया जाता है तो इससे गलत संदेश जायेगा और यह वृहद जनहित के खिलाफ होगा। उसने कहा था कि क्योंकि याचिकाकर्ता (आरोपी) लगभग आठ महीने से हिरासत में है, इसलिए धन शोधन मामलों की सुनवाई कर रही विशेष अदालत को दैनिक आधार पर सुनवाई कर इसे तीन महीने के भीतर पूरा करने के निर्देश दिए जाते हैं।

उच्च न्यायालय ने आदेश दिया था कि मुकदमे की सुनवाई उच्चतम न्यायालय द्वारा दिए दिशानिर्देशों के अनुसार नियमित आधार पर की जाए। ईडी ने ‘नकदी के बदले नौकरी’ घोटाले में 14 जून 2023 को सेंथिल बालाजी को गिरफ्तार किया था। यह घोटाला पूर्ववर्ती अन्नाद्रमुक सरकार के दौरान का है जब बालाजी परिवहन मंत्री थे। ईडी ने पिछले साल 12 अगस्त को बालाजी के खिलाफ 3,000 पृष्ठों का आरोपपत्र दाखिल किया था। उच्च न्यायालय ने पहले 19 अक्टूबर को बालाजी की जमानत याचिका खारिज कर दी थी। एक स्थानीय अदालत ने भी तीन बार उनकी जमानत याचिका खारिज कर दी थी।

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