नई दिल्ली। दिल्ली के मुख्यमंत्री अरविंद केजरीवाल ने बुधवार को कहा कि अगर लोकसभा चुनाव में ‘इंडिया’ गठबंधन जीतता है तो देश का अगला प्रधानमंत्री बनने का उनका कोई ”इरादा” नहीं है। उन्होंने कहा कि उनका लक्ष्य देश और लोकतंत्र को मौजूदा “तानाशाही” से बचाना है। पीटीआई की वीडियो सेवा के साथ साक्षात्कार में आम आदमी पार्टी (आप) के राष्ट्रीय संयोजक केजरीवाल ने यह आरोप भी लगाया कि यदि भारतीय जनता पार्टी (भाजपा) सत्ता में वापस आई तो सभी विपक्षी नेताओं को जेल में डाल दिया जाएगा और यह चुनाव को ”हाईजैक” कर लेगी। केजरीवाल ने कहा कि प्रधानमंत्री पद के लिए विपक्षी ‘इंडिया’ गठबंधन के उम्मीदवार के बारे में फैसला चार जून को लोकसभा चुनाव के नतीजे घोषित होने के बाद किया जाएगा। उन्होंने कहा कि उन्हें लगता है कि विपक्षी गठबंधन ‘इंडियन नेशनल डेवलपमेंटल इंक्लूसिव अलायंस’ (इंडिया) धीरे-धीरे 300 के आंकड़े की ओर बढ़ रहा है। केजरीवाल ने कहा, “वह अपने दम पर सरकार बनाएगा।
गठबंधन एक अच्छी, स्थिर सरकार देगा।” यह पूछे जाने पर कि कया वह खुद को ‘इंडिया’ गठबंधन का प्रधानमंत्री पद का चेहरा मानते हैं, केजरीवाल ने कहा, ”मेरा ऐसा कोई इरादा नहीं है। हम (आप) एक बहुत छोटी पार्टी हैं जो केवल 22 सीट पर चुनाव लड़ रही है।” इस सवाल पर कि क्या वह राहुल गांधी को देश के प्रधानमंत्री के रूप में स्वीकार करेंगे, केजरीवाल ने कहा, “ऐसी कोई चर्चा नहीं हुई है। यह एक सैद्धांतिक सवाल है। जब हम साथ बैठेंगे तो इस पर चर्चा करेंगे।” भाजपा का नाम लिए बिना दिल्ली के मुख्यमंत्री ने कहा, ”यह लोकसभा चुनाव देश और लोकतंत्र को मौजूदा तानाशाही से बचाने के लिए है।” उन्होंने आशंका जतायी कि अगर भाजपा सत्ता में वापस आई तो लोकतंत्र खत्म कर देगी। केजरीवाल ने कहा, “चुनाव नहीं होंगे और अगर होंगे भी तो रूस की तरह ही होंगे। पुतिन ने या तो पूरे विपक्ष को जेल भेज दिया या उन्हें ख़त्म कर दिया और फिर चुनाव कराए तथा 87 फीसदी वोट हासिल किए।” उन्होंने अपनी बात समझाने के लिए पाकिस्तान का उदाहरण भी दिया। केजरीवाल ने कहा, ”पाकिस्तान में इमरान खान को जेल भेज दिया गया और उनकी पार्टी तथा चुनाव चिह्न छीन लिया गया।
आप संयोजक ने कहा, “वे (भाजपा) भी ऐसा करेंगे… आप (नेताओं) को जेल भेजेंगे, ममता बनर्जी को जेल भेजेंगे। किसी को नहीं छोड़ा जाएगा। सभी जेल में होंगे और फिर वे चुनाव जीतते रहेंगे।” ‘इंडिया’ गठबंधन की ओर से प्रधानमंत्री पद के लिए कोई चेहरा न होने के बारे में पूछे जाने पर केजरीवाल ने कहा, ”फिलहाल सबकी चिंता यही है कि वे (भाजपा) किसी को नहीं छोड़ेंगे।” केजरीवाल ने इस बात पर जोर दिया कि उन्हें उम्मीद है कि विपक्षी गठबंधन दिल्ली की सभी सात लोकसभा सीट पर जीत हासिल करेगा। उन्होंने कहा, “आप और इंडिया गठबंधन की ऐसी लहर है कि मुझे आश्चर्य नहीं होगा कि विधानसभा चुनाव के पिछले रिकॉर्ड, जिसमें हमने (आप) 67 सीट (2015 में) और 62 सीट (2020 में) जीती थीं, टूट जाएं।” केजरीवाल को उच्चतम न्यायालय ने चुनाव प्रचार के लिए 10 मई को धनशोधन मामले में एक जून तक के लिए अंतरिम जमानत दे दी थी। उन्होंने कहा कि उनकी गिरफ्तारी और जेल दिल्ली के मतदाताओं के लिए एक भावनात्मक मुद्दा है जिससे भाजपा को नुकसान होगा। केजरीवाल ने कहा कि लोगों में ”जबरदस्त गुस्सा” था और उन्हें लगा कि एक ”अच्छे आदमी” को गिरफ्तार कर लिया गया है।
उन्होंने कहा, हम तानाशाही के बारे में सुन रहे हैं और लोग कह रहे हैं कि उन्हें इस तानाशाही के खिलाफ वोट करना होगा। यह भावना बहुत मजबूत है।” केजरीवाल ने जेल से अपनी रिहाई को “भगवान का चमत्कार” बताया और कहा कि इसने लोगों में उत्साह भर दिया है। उन्होंने कहा, “जब मैं प्रचार के लिए जाता हूं तो लोगों की आंखें नम हो जाती हैं।” आप प्रमुख ने कहा कि उन्हें भाजपा ने जेल भेजा था, जिसने सोचा था कि इससे उनकी पार्टी टूट जाएगी लेकिन हुआ इसके विपरीत। केजरीवाल ने कहा, “उन्होंने (भाजपा) सोचा कि मेरी गिरफ्तारी के बाद अभियान प्रभावित होगा और हमारी पार्टी टूट जाएगी, विधायक टूट जाएंगे और सरकार गिर जाएगी। लेकिन हुआ इसके विपरीत। हमारी पार्टी और अधिक एकजुट हो गई, हमारे नेतृत्व ने एक परिवार की तरह काम किया और जब हमारे कार्यकर्ताओं ने देखा कि उनका नेता जेल में है तो वे और अधिक मेहनत करने के लिए प्रोत्साहित हुए।” केजरीवाल ने कहा कि आप की कई अन्य राज्यों में विस्तार करने की योजना है लेकिन वह फिलहाल लोकतंत्र बचाने के लिए काम कर रही है।