नई दिल्ली। कांग्रेस ने बिहार में प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी की जनसभाओं की पृष्ठभूमि में शनिवार को राज्य से जुड़े कुछ विषयों को लेकर उनसे सवाल किए और कहा कि प्रधानमंत्री को बताना चाहिए कि पटना में स्मार्ट सिटी और नमामि गंगे परियोजनाओं का पैसा कहां गया। पार्टी महासचिव जयराम रमेश ने यह आरोप भी लगाया कि केंद्र सरकार ने बिहार में मनरेगा मजदूरों की अनदेखी की है। उन्होंने ‘एक्स’ पर पोस्ट किया, ”पटना के स्मार्ट सिटी और नमामि गंगे के फंड कहां गायब हो गए? क्या बिहटा हवाई अड्डा कभी बनेगा? भाजपा और जद(यू) की सरकार एक और पेपर लीक को रोकने में क्यों विफल रही? पटना विश्वविद्यालय को केंद्रीय विश्वविद्यालय का दर्जा क्यों नहीं दिया गया?”
उन्होंने कहा, ”पटना को 2019 और 2020 में बड़े पैमाने पर जलभराव और बाढ़ का सामना करना पड़ा था। तब की आपदाओं से यह साबित हुआ था कि पानी निकासी की प्रणालियों में व्यापक रूप से निवेश करने की आवश्यकता है। लेकिन स्मार्ट सिटी परियोजना और नमामि गंगे परियोजना के तहत मिली धनराशि का अभी भी काफ़ी कम इस्तेमाल किया गया है।” रमेश के मुताबिक, इन योजनाओं के तहत छह सीवेज ट्रीटमेंट प्लांट (एसटीपी) और 5 नए सीवरेज नेटवर्क को मंजूरी दी गई थी, लेकिन 11 परियोजनाओं में से केवल चार ही पूरी हो पाई हैं। नमामि गंगे परियोजना के तहत छह संयंत्रों पर कैग की रिपोर्ट के अनुसार छह एसटीपी और उनके नेटवर्क में से कोई भी पूर्ण रूप से पूरा नहीं हुआ है।’ उन्होंने दावा किया, ‘राज्य में जब युवा बेरोज़गारी और ग्रामीण संकट ने गंभीर रूप धारण किया है तब मनरेगा सैकड़ों हज़ारों परिवारों के लिए जीवन रेखा है। फ़िर भी, जब भी बिहार में भाजपा सत्ता में होती है तो यह महत्वपूर्ण योजना लड़खड़ाने लगती है।’ कांग्रेस नेता ने सवाल किया, ‘बक्सर में इतनी सारे महत्वपूर्ण परियोजनाएं अधूरी क्यों पड़ी हैं? चौसा में 500 से भी अधिक दिनों से किसान भाजपा-जदयू के ख़िलाफ़ विरोध प्रदर्शन क्यों कर रहे हैं?