आबकारी नीति घोटाला : दिल्ली उच्च न्यायालय ने कारोबारी को अंतरिम जमानत देने से इनकार किया

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नई दिल्ली। दिल्ली उच्च न्यायालय ने कथित आबकारी नीति घोटाले से संबंधित धन शोधन मामले में न्यायिक हिरासत में बंद हैदराबाद के कारोबारी अरुण रामचंद्रन पिल्लई को अंतरिम जमानत देने से इनकार कर दिया है। अदालत ने कहा कि पिल्लई को जेल में पर्याप्त उपचार मिल रहा है, इसलिए उसे चिकित्सा आधार पर जमानत नहीं दी जा सकती। पिल्लई ने अदालत से स्वास्थ्य आधार पर जमानत देने की मांग करते हुए कहा कि उसके परिवार ने आयुर्वेदिक चिकित्सकों से सलाह ली है, जिन्होंने कहा है कि उन्हें 21 दिनों के पंचकर्म उपचार के लिए आयुर्वेदिक केंद्र में भर्ती होने की आवश्यकता है तथा इसके बाद 21 दिनों के आराम की भी जरूरत है। दिल्ली उच्च न्यायालय ने पिल्लई को अंतरिम जमानत देने से इनकार करते हुए कहा, कमर दर्द के संबंध में पंचकर्म उपचार की प्रभावकारिता पर टिप्पणी किए बिना, यह कहना उपयुक्त होगा कि याचिकाकर्ता को जेल के चिकित्सक की सलाह का पालन करने की आवश्यकता है।

इसके बाद भी यदि उसे राहत नहीं मिलती है और यदि उसे सलाह दी जाती है, तो वह आयुर्वेद/पंचकर्म उपचार आदि के वैकल्पिक उपायों का पता लगाने के लिए अर्जी दायर करने के लिए स्वतंत्र होगा।” न्यायमूर्ति रवीन्द्र डुडेजा की अवकाशकालीन पीठ ने कहा कि किसी भी मेडिकल रिपोर्ट में इस बात का दूर-दूर तक कोई उल्लेख नहीं है कि पिल्लई किसी जानलेवा बीमारी से पीड़ित है या रेफरल अस्पतालों में ऐसी बीमारी का उपचार उपलब्ध नहीं है। न्यायमूर्ति डुडेजा ने कहा, ”फिलहाल, मुझे याचिकाकर्ता (पिल्लई) को अंतरिम जमानत देने का कोई औचित्य नहीं नजर आता। तदनुसार, अर्जी खारिज की जाती है। यह कहने की आवश्यकता नहीं है कि जेल अधिकारी चिकित्सक की सलाह के अनुसार आरोपी को अपेक्षित चिकित्सा सुविधा प्रदान करना जारी रखेंगे।” पिल्लई को पिछले वर्ष मार्च में प्रवर्तन निदेशालय (ईडी) ने गिरफ्तार किया था और उसने कमर दर्द सहित अन्य चिकित्सा कारणों से आठ सप्ताह की अंतरिम जमानत मांगी थी।

पिल्लई के वकील ने कहा कि वह वैकल्पिक उपचार पर विचार करना चाहते हैं, क्योंकि वर्तमान उपचार से उसकी हालत में सुधार नहीं हो रहा है। ईडी के वकील ने पिल्लई की अंतरिम जमानत याचिका का विरोध किया और कहा कि मैक्स सुपर स्पेशियलिटी अस्पताल सहित किसी भी अस्पताल ने उन्हें पंचकर्म चिकित्सा के लिए रेफर नहीं किया है। पिल्लई मैक्स सुपर स्पेशियलिटी अस्पताल में ही इलाज करा रहे हैं। पिल्लई को ईडी ने छह मार्च, 2023 को गिरफ्तार किया था, उस पर आरोप था कि उसने 2021 की आबकारी नीति तैयार और लागू किए जाने के दौरान अन्य आरोपियों के साथ बैठकों में ‘साउथ ग्रुप’ का प्रतिनिधित्व किया था। साउथ ग्रुप कथित तौर पर शराब व्यवसायियों और राजनेताओं का एक गिरोह है, जिन पर आरोप है कि उन्होंने दिल्ली में सत्तारूढ़ आम आदमी पार्टी (आप) की सरकार को लाभ पहुंचाने के लिए 100 करोड़ रुपये की रिश्वत दी है। ईडी ने दावा किया है कि पिल्लई भारत राष्ट्र समिति (बीआरएस) की नेता के. कविता के करीबी सहयोगी हैं। कविता भी इस मामले में हिरासत में हैं।

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