गठबंधन के विधायकों की सहमति के बाद झारखंड के मुख्यमंत्री के रूप में वापसी कर सकते हैं हेमंत सोरेन

0
30

झारखंड मुक्ति मोर्चा (झामुमो) के कार्यकारी अध्यक्ष हेमंत सोरेन अपनी पार्टी के नेतृत्व वाले गठबंधन के विधायकों के बीच सर्वसम्मति के बाद तीसरी बार राज्य के मुख्यमंत्री के रूप में वापसी कर सकते हैं। पार्टी सूत्रों ने बुधवार को यह जानकारी दी। सूत्रों ने कहा कि हेमंत सोरेन की गिरफ्तारी के बाद झारखंड के 12वें मुख्यमंत्री के रूप में दो फरवरी को शपथ लेने वाले चंपई सोरेन जल्द ही पद से इस्तीफा दे सकते हैं। झारखंड में इस साल नवंबर-दिसंबर में विधानसभा चुनाव भी प्रस्तावित है। राजभवन के सूत्रों ने बताया कि चंपई सोरेन ने राज्यपाल सीपी राधाकृष्णन से मिलने का समय मांगा है और मुख्यमंत्री बुधवार शाम 7.30 बजे उनसे मुलाकात करेंगे। सूत्रों ने बताया कि गठबंधन के नेताओं और विधायकों ने यहां मुख्यमंत्री चंपई सोरेन के आवास पर एक बैठक के दौरान सर्वसम्मति से हेमंत सोरेन को झामुमो विधायक दल का नेता चुनने का फैसला किया। पार्टी के एक सूत्र ने ‘पीटीआई-भाषा’ से कहा, ”बैठक में हेमंत सोरेन को एक बार फिर राज्य का मुख्यमंत्री बनाने का फैसला लिया गया।

मुख्यमंत्री के रूप में फिर से शपथ लेने के बाद हेमंत सोरेन झारखंड के 13वें मुख्यमंत्री होंगे। झारखंड मंत्रिपरिषद में 12 मंत्री हो सकते हैं, लेकिन वर्तमान में 10 मंत्री हैं। झारखंड 15 नवंबर 2000 को बिहार से अलग होकर एक पृथक राज्य बना था। लोकसभा चुनाव के बाद, राज्य में झामुमो-नीत गठबंधन के विधायकों की संख्या घटकर 45 रह गई है, जिनमें झामुमो के 27, राजद का एक और कांग्रेस के 17 विधायक शामिल हैं। झामुमो के दो विधायक- नलिन सोरेन और जोबा माझी, अब सांसद हैं, जबकि जामा से विधायक सीता सोरेन ने भाजपा के टिकट पर आम चुनाव लड़ने के लिए इस्तीफा दे दिया था। झामुमो ने बिशुनपुर से विधायक चमरा लिंडा और बोरियो से विधायक लोबिन हेम्ब्रम को पार्टी से निष्कासित कर दिया था, लेकिन उन्होंने अभी तक विधानसभा से इस्तीफा नहीं दिया है। इसी तरह, विधानसभा में भाजपा के विधायकों की संख्या घटकर 24 रह गई है, क्योंकि उसके दो विधायक- ढुलू महतो (बाघमारा) और मनीष जायसवाल (हजारीबाग) ने लोकसभा चुनाव लड़ा था और वे अब सांसद हैं। भाजपा ने चुनाव लड़ने के लिए कांग्रेस में शामिल होने वाले मांडू सीट से विधायक जयप्रकाश भाई पटेल को निष्कासित कर दिया है। हालांकि, पटेल ने अभी तक विधानसभा से इस्तीफा नहीं दिया है।

झारखंड की 81-सदस्यीय विधानसभा में फिलहाल 76 सदस्य हैं। बैठक में कांग्रेस के झारखंड प्रभारी गुलाम अहमद मीर और प्रदेश अध्यक्ष राजेश ठाकुर के अलावा हेमंत सोरेन के भाई बसंत और पत्नी कल्पना भी मौजूद थीं। उच्च न्यायालय द्वारा कथित भूमि घोटाले से जुड़े धनशोधन मामले में जमानत दिए जाने के बाद हेमंत सोरेन को गिरफ्तारी के लगभग पांच महीने बाद 28 जून को जेल से रिहा कर दिया गया था। उन्होंने 31 जनवरी को अपनी गिरफ्तारी से पहले मुख्यमंत्री पद से इस्तीफा दे दिया था। इस बीच, भाजपा सांसद निशिकांत दुबे ने सोशल मीडिया मंच ‘एक्स’ पर एक पोस्ट में कहा, “झारखंड में चंपई सोरेन युग खत्म हो गया है। परिवारवादी पार्टी में, परिवार के बाहर के लोगों का कोई राजनीतिक भविष्य नहीं है। मैं चाहता हूं कि मुख्यमंत्री भगवान बिरसा मुंडा से प्रेरणा लें और भ्रष्ट हेमंत सोरेन जी के खिलाफ खड़े हो जाएं।” भाजपा की झारखंड इकाई के अध्यक्ष बाबूलाल मरांडी ने कहा कि शिबू सोरेन के परिवार के बाहर के आदिवासी झामुमो में केवल अस्थायी चेहरे हैं। उन्होंने आरोप लगाया कि यह परिवार अपनी आवश्यकताओं के अनुसार लोगों का इस्तेमाल करने में विश्वास रखता है। हेमंत, पूर्व मुख्यमंत्री शिबू सोरेन के बेटे हैं। मरांडी ने आरोप लगाया कि पांच महीने पहले भाई-भतीजावाद से ऊपर उठकर नया मुख्यमंत्री चुनने की बात करने वाले झामुमो का असली चेहरा एक बार फिर उजागर हो गया है। उन्होंने कहा कि ”कोल्हान का टाइगर” कहे जाने वाले चंपई सोरेन को आज चूहा बना दिया गया है।