केजरीवाल पर शीर्ष अदालत के आदेश की त्रुटिपूर्ण व्याख्या करना पूरी तरह गलत : किरेन रीजीजू

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केंद्रीय मंत्री किरेन रीजीजू ने शुक्रवार को कहा कि धन शोधन के एक मामले में दिल्ली के मुख्यमंत्री अरविंद केजरीवाल को अंतरिम जमानत देने के उच्चतम न्यायालय के आदेश की ‘त्रुटिपूर्ण व्याख्या करना पूरी तरह से गलत है’। आम आदमी पार्टी (आप) ने शीर्ष अदालत के फैसले को ‘सत्य की जीत’ और भारतीय जनता पार्टी (भाजपा) की साजिश की हार’ बताया था। उच्चतम न्यायालय ने केजरीवाल को कथित आबकारी नीति घोटाले से जुड़े धनशोधन के एक मामले में शुक्रवार को अंतरिम जमानत दे दी। प्रवर्तन निदेशालय (ईडी) के मामले में जमानत मिलने के बाद भी मुख्यमंत्री केजरीवाल अभी जेल में ही रहेंगे, क्योंकि केन्द्रीय अन्वेषण ब्यूरो (सीबीआई) ने कथित आबकारी नीति घोटाले से संबंधित भ्रष्टाचार के एक मामले में उन्हें गिरफ्तार किया था।

न्यायमूर्ति संजीव खन्ना और न्यायमूर्ति दीपांकर दत्ता की पीठ ने ईडी मामले में उनकी गिरफ्तारी की वैधता से संबंधित प्रश्नों को वृहद पीठ के पास भेज दिया। रीजीजू ने कहा, “ऐसी खबरें आ रही हैं कि केजरीवाल को राहत मिल गई है। यह सच नहीं है। उच्चतम न्यायालय ने ईडी द्वारा की गई कार्रवाई को सही ठहराया है।” उन्होंने कहा कि शीर्ष अदालत ने केजरीवाल को ईडी द्वारा दर्ज धन शोधन मामले में अंतरिम जमानत दी है जबकि वह सीबीआई द्वारा दर्ज भ्रष्टाचार के मामले में जेल में हैं। आप ने कथित आबकारी नीति घोटाले से जुड़े ईडी के धनशोधन मामले में केजरीवाल को अंतरिम जमानत देने के उच्चतम न्यायालय के आदेश को “सत्य की जीत” और उनके खिलाफ “भाजपा की साजिश की हार” बताया। रीजीजू ने जोर देकर कहा कि उच्चतम न्यायालय ने यह नहीं कहा कि केजरीवाल की गिरफ्तारी अवैध है।

उन्होंने कहा कि गिरफ्तारी नियमों के अनुसार हुई है। रीजीजू ने कहा, “केजरीवाल के खिलाफ गंभीर मामला है और उन पर मुकदमा जारी रहेगा। शीर्ष अदालत के आदेश की त्रुटिपूर्ण व्याख्या करना पूरी तरह से गलत है। ऐसा दिखाया जा रहा है कि केजरीवाल को मामले में सम्मानपूर्वक बरी कर दिया गया हो।” ईडी ने धनशोधन मामले में केजरीवाल को 21 मार्च को गिरफ्तार किया था। केजरीवाल को 26 जून को सीबीआई ने कथित आबकारी नीति घोटाले से जुड़े भ्रष्टाचार के मामले में गिरफ्तार किया था। ये मामले दिल्ली सरकार की आबकारी नीति 2021-22 से जुड़े हैं जो बाद में रद्द कर दी गई थी।