शराब की चार्जशीट ने की केजरीवाल की राह मुश्किल, फंस सकता है चुनाव

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अभिषेक उपाध्याय। दिल्ली शराब नीति घोटाले में सेंट्रल ब्यूरो ऑफ इन्वेस्टिगेशन (CBI) की जांच आम आदमी पार्टी के मुखिया अरविंद केजरीवाल के लिए मुश्किल का सबब बन सकती है। जांच एजेंसी ने राउज एवेन्यू कोर्ट में अपनी पांचवी और आखिरी चार्जशीट दाखिल कर दी है। CBI ने आरोप लगाया है कि मुख्यमंत्री अरविंद केजरीवाल शराब नीति बनाने और उसे लागू करने की आपराधिक साजिश में शुरू से शामिल थे। वे पहले से ही शराब नीति के प्राइवेटाइजेशन का मन बना चुके थे। ये चार्जशीट एक नही बल्कि कई चौकाने वाले खुलासे करती है। इस चार्जशीट के मुताबिक, मार्च 2021 में जब तत्कालीन डिप्टी CM मनीष सिसोदिया की अध्यक्षता में शराब नीति तैयार की जा रही थी, तब केजरीवाल ने कहा था कि पार्टी को पैसों की जरूरत है। उन्होंने अपने करीबी और AAP के मीडिया और संचार प्रभारी विजय नायर को फंड जुटाने का काम सौंपा था।

इस मामले के तथ्य चौंकाने वाले हैं। केजरीवाल को दिल्ली शराब नीति से जुड़े मनी लॉन्ड्रिंग के मामले में ED ने 21 मार्च को गिरफ्तार किया था। फिर CBI ने भ्रष्टाचार मामले में उन्हें तिहाड़ जेल से ही 26 जून को गिरफ्तार किया था। केजरीवाल के करीबी विजय नायर को 2 सितंबर को सुप्रीम कोर्ट से जमानत मिल चुकी है। नायर लगभग दो साल बाद जेल से बाहर आए हैं। CBI ने उन्हें नवंबर 2022 में गिरफ्तार किया गया था।नायर से पहले मनीष सिसोदिया को 9 अगस्त और BRS नेता के कविता को 27 अगस्त को जमानत मिली थी।

CBI का दावा है कि विजय नायर ने साउथ ग्रुप से 100 करोड़ वसूले नायर दिल्ली एक्साइज बिजनेस के स्टेकहोल्डर्स के संपर्क में थे। वे शराब नीति में उन्हें फायदा देने के बदले पैसों की मांग करते थे। नायर का नाम अपने आप में एक चक्रव्यूह की तरह बताया जा रह है। जानकारी के मुताबिक वो एक जरिया थे, जिन्होंने केजरीवाल के लिए BRS नेता के. कविता की अध्यक्षता वाले साउथ ग्रुप के लोगों से डील की।

सीबीआई ने दिल्ली एक्साइज पॉलिसी केस में जो सप्लीमेंट्री चार्जशीट दाखिल की है उसमें सीएम अरविंद केजरीवाल पर गंभीर आरोप लगाए हैं। इसमें कहा है कि अरविंद केजरीवाल के मन में पहले से ही आबकारी नीति के संबंध में निजीकरण का विचार था। करप्शन के आरोप लगने के बाद इस नीति को रद्द कर दिया गया। सीबीआई ने अपने आरोप पत्र में कहा है कि ‘आप’ के टिकट पर 2022 का गोवा विधानसभा चुनाव लड़ने वाले राज्य के दो पूर्व विधायकों ने आरोप लगाया है कि उन्हें प्रचार अभियान संबंधी खर्चों के लिए पार्टी के एक स्वयंसेवक ने नकद भुगतान किया था। एजेंसी ने आरोप लगाया है कि आबकारी नीति को अपने पक्ष में करने के लिए ‘साउथ ग्रुप’ की ओर से चुकाई गई कुल 90-100 करोड़ रुपये की अवैध धनराशि में से 44.5 करोड़ रुपये की नकदी चुनाव संबंधी खर्चों के लिए पार्टी की ओर से गोवा भेजी गई थी। ऐसे में दिल्ली के आने वाले चुनाव अरविंद केजरीवाल पर भारी पड़ सकते हैं।