अनुच्छेद-370 के अधिकतर प्रावधान निरस्त करने से हाशिए पर पड़े लोगों को सशक्त बनाने में मदद मिली: शाह

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केन्द्रीय गृहमंत्री अमित शाह ने सोमवार को कहा कि जम्मू कश्मीर को विशेष दर्जा देने वाले संविधान के अनुच्छेद-370 के अधिकतर प्रावधानों को निरस्त करने से हाशिए पर पड़े वर्गों के लिए सशक्तिकरण का एक नया युग शुरू हुआ है और क्षेत्र में जमीनी स्तर पर लोकतंत्र मजबूत हुआ है। शाह ने अनुच्छेद-370 के अधिकतर प्रावधान निरस्त किये जाने के पांच साल पूरे होने पर कहा कि क्षेत्र के युवाओं ने सामाजिक-आर्थिक विकास और सांस्कृतिक पुनरुत्थान को गति दी है, जिससे शांति और समग्र विकास को बढ़ावा देने के प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी के नेतृत्व वाली केंद्र सरकार के प्रयास सफल हुए हैं। केन्द्रीय गृहमंत्री शाह ने ‘एक्स’ पर पोस्ट किया, ‘आज प्रधानमंत्री श्री नरेन्द्र मोदी जी के नेतृत्व में अनुच्छेद-370 और अनुच्छेद-35ए को ऐतिहासिक रूप से हटाए जाने के पांच साल पूरे हो गए हैं। इस परिवर्तनकारी निर्णय ने जम्मू कश्मीर और लद्दाख में हाशिए पर पड़े वर्गों के सशक्तिकरण के एक नए युग की शुरुआत की है और जमीनी स्तर पर लोकतंत्र को मजबूत किया है।

अमित शाह ने इस ऐतिहासिक निर्णय के लिए प्रधानमंत्री मोदी को धन्यवाद दिया और क्षेत्र की आकांक्षाओं और परिवर्तनकारी प्रगति को आगे बढ़ाने के लिए समर्पण की पुष्टि की। गृहमंत्री अमित शाह ने ही अनुच्छेद-370 और अनुच्छेद-35 ए को निरस्त करने के लिए पांच अगस्त, 2019 को संसद में विधेयक पेश किया था। केंद्र सरकार ने पांच अगस्त 2019 को अनुच्छेद-370 के अधिकतर प्रावधान निरस्त कर दिये थे, जो जम्मू कश्मीर को विशेष दर्जा देता था। सरकार ने तत्कालीन जम्मू कश्मीर राज्य को ”जम्मू कश्मीर पुनर्गठन अधिनियम” के जरिये दो केंद्र शासित प्रदेशों जम्मू कश्मीर और लद्दाख में विभाजित कर दिया था।