आम आदमी पार्टी (आप) ने बुधवार को आरोप लगाया कि दिल्ली से भारतीय जनता पार्टी (भाजपा) के सांसद शहर को ”बर्बाद” कर रहे हैं और वे विभिन्न एजेंसियों द्वारा की जा रही तोड़फोड़ गतिविधियों को रोकने के लिए कुछ नहीं कर रहे। ‘आप’ विधायक दुर्गेश पाठक ने कहा कि 2014 से बड़े अंतर से जीत हासिल करने के बावजूद दिल्ली में भाजपा के सांसदों ने कुछ नहीं किया। पाठक ने कहा, ”अब वे दिल्ली को बर्बाद करने की कोशिश कर रहे हैं। हाल में डीडीए (दिल्ली विकास प्राधिकरण) ने चांदनी चौक में ‘खैबर पास’ पर बड़े पैमाने पर ध्वस्तीकरण अभियान चलाया, लेकिन स्थानीय सांसद प्रवीण खंडेलवाल उन प्रभावित लोगों से मिलने नहीं गए जो वहां 70-80 साल से रह रहे थे।
खंडेलवाल ने इस पर प्रतिक्रिया देते हुए कहा कि पाठक ”झूठ बोल” रहे हैं और वह शहर में मुख्यमंत्री अरविंद केजरीवाल के नेतृत्व वाली सरकार की निष्क्रियता के कारण पैदा हुई पेयजल, बिजली बिलों में बढ़ोतरी और जलभराव की समस्याओं से लोगों का ध्यान भटकाने की कोशिश कर रहे हैं। पाठक ने नयी दिल्ली से भाजपा सांसद बांसुरी स्वराज पर निशाना साधते हुए दावा किया कि उनके लोकसभा क्षेत्र के अंतर्गत पटेल नगर से ‘बरार स्क्वायर’ तक रेलवे ने नोटिस लगाए थे कि वहां की झुग्गियां हटा दी जाएंगी, लेकिन स्वराज ने इस बारे में कुछ नहीं किया। उन्होंने कहा, ”कुछ लोगों ने उन्हें (स्वराज को) फोन करने की कोशिश की, लेकिन उनसे बात नहीं हो सकी। पटेल नगर से लेकर बरार स्क्वायर तक कई झुग्गियां हैं, जिन्हें ध्वस्तीकरण अभियान के तहत हटाया जाना है।
पाठक ने आरोप लगाया कि भाजपा सांसदों की ”चुप्पी” से पता चलता है कि शायद वे ऐसे अभियानों का समर्थन कर रहे हैं। उन्होंने दोनों भाजपा सांसदों से प्रभावित लोगों के लिए इस मामले में हस्तक्षेप करने की मांग की ताकि उनके निर्वाचन क्षेत्रों में तोड़फोड़ की गतिविधियों को रोका जा सके। स्वराज के कार्यालय ने इस आरोप का जवाब देते हुए कहा कि ‘आप’ विधायक लोगों को ”गुमराह” कर रहे हैं। उसने कहा कि सच तो यह है कि पटेल नगर और बरार स्क्वायर के लोग इस मुद्दे पर पहले ही दो बार स्वराज से मिल चुके हैं। दिल्ली की भाजपा इकाई ने एक बयान जारी कर पाठक पर जवाबी हमला किया और उनसे दिल्ली में अपने राज्यसभा सदस्यों द्वारा किए गए किसी भी काम के बारे में बताने को कहा। बयान में कहा गया कि पाठक को खैबर पास या बरार स्क्वायर के गरीब निवासियों को गुमराह करने की कोशिश करने से पहले यह बताना चाहिए कि केजरीवाल सरकार ने नरेला और आसपास के इलाकों में 40,000 राजीव आवास फ्लैट में से किसी भी बेघर को एक भी फ्लैट क्यों नहीं दिया है, जिनका आवंटन 2014-15 से लंबित है।