आम आदमी पार्टी (आप) ने दिल्ली सरकार के उस दावे को मंगलवार को खारिज कर दिया, जिसमें कहा गया था कि राष्ट्रीय राजधानी में शिक्षकों को आवारा कुत्तों से जुड़े मामलों के निटपारे का काम नहीं सौंपा गया था। यह प्रतिक्रिया दिल्ली सरकार के एक मंत्री के ‘आप’ के आरोपों को अफवाह बताकर खारिज किए जाने के कुछ घंटों बाद आई। दिल्ली के शिक्षा मंत्री आशीष सूद ने आरोप लगाया था कि ‘आप’ नेता सोशल मीडिया पर अफवाह फैला रहे हैं कि शिक्षकों को उनकी शैक्षणिक जिम्मेदारियों से हटाकर गैर-शिक्षण कार्यों में लगाया जा रहा है।
‘आप’ विधायक संजीव झा ने एक संवाददाता सम्मेलन में कहा, ”आज आशीष सूद ने एक वीडियो जारी कर ‘आप’ पर अफवाह फैलाने का आरोप लगाया है, लेकिन शिक्षा निदेशालय ने एक आदेश जारी कर शिक्षकों को आवारा कुत्तों से संबंधित मामलों के निपटारे के लिए तैनात किए जाने के निर्देश दिए हैं।” झा ने कहा, ”वह (सूद) कह रहे हैं कि ऐसा कुछ नहीं है। या तो उन्हें इस बात की जानकारी नहीं है कि उनके विभाग में क्या हो रहा है, या फिर वह झूठ फैला रहे हैं।” ‘आप’ विधायक ने आरोप लगाया कि भारतीय जनता पार्टी (भाजपा) दिल्ली की शिक्षा प्रणाली को संभालने में असमर्थ है। उन्होंने कहा, ”2015 से पहले शिक्षकों को अन्य कार्यों में लगाया जाता था, लेकिन हमारी सरकार के सत्ता में आने के बाद मनीष सिसोदिया (जो शिक्षा मंत्री थे) ने शिक्षकों की पीड़ा को समझा। सिसोदिया ने शिक्षा प्रणाली को आकार देने के मामले में अमिट छाप छोड़ी और ये लोग इसे संभाल नहीं पा रहे हैं।
‘आप’ विधायक कुलदीप कुमार ने कहा, ”पहले इस तरह की खबरें आती थीं कि शिक्षकों को प्रशिक्षण के लिए विदेश भेजा जा रहा है या उपराज्यपाल के शिक्षकों को फिनलैंड भेजने के प्रस्ताव को स्वीकार न करने पर अरविंद केजरीवाल उनके खिलाफ प्रदर्शन कर रहे हैं। लेकिन अब खबरें छप रही हैं कि शिक्षकों को आवारा कुत्तों की निगरानी के लिए तैनात किया जा रहा है।” उन्होंने कहा, ”हरियाणा में भी ऐसे ही आदेश जारी किए जा रहे हैं, लेकिन दिल्ली में एक मजबूत विपक्षी दल है और हम शिक्षकों के साथ खड़े हैं।” शिक्षा निदेशालय के मुताबिक, उसने उच्चतम न्यायालय के आदेश के अनुपालन में राष्ट्रीय राजधानी के स्कूलों को अपने परिसर के आसपास आवारा कुत्तों से संबंधित मामलों के निपटारे के लिए नोडल अधिकारियों की नियुक्ति करने के निर्देश जारी किए हैं, लेकिन उसने शिक्षकों को कोई विशेष भूमिका सौंपने के लिए नहीं कहा है। निदेशालय ने सोमवार को जारी आधिकारिक बयान में स्पष्ट किया, ”शिक्षा निदेशालय की ओर से शिक्षकों को कोई विशिष्ट कार्य सौंपने के संबंध में कोई निर्देश जारी नहीं किया गया है।

