विधायकों की खरीद-फरोख्त के आरोप की जांच के सिलसिले में एसीबी ने केजरीवाल को दिया नोटिस

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दिल्ली भ्रष्टाचार निरोधक शाखा (एसीबी) ने शुक्रवार को आम आदमी पार्टी (आप) प्रमुख अरविंद केजरीवाल को कानूनी नोटिस देकर उनके उन आरोपों के बारे में विवरण और सबूत मांगे हैं, जिनमें उन्होंने कहा था कि भाजपा ने दिल्ली विधानसभा चुनाव परिणामों से पहले उनकी पार्टी के उम्मीदवारों की खरीद-फरोख्त का प्रयास किया। शनिवार को दिल्ली विधानसभा चुनाव के नतीजे घोषित किए जाने से एक दिन पहले यह नोटिस दिया गया है। राष्ट्रीय राजधानी में शुक्रवार को उस समय राजनीतिक गहमागहमी बढ़ गई, जब एसीबी की एक टीम अरविंद केजरीवाल के 5, फिरोजशाह रोड स्थित आवास पर पहुंची। इससे एक दिन पहले ही केजरीवाल ने भाजपा पर आठ फरवरी को दिल्ली विधानसभा चुनाव के नतीजों से पूर्व पार्टी के 16 उम्मीदवारों को खरीदने का प्रयास करने का आरोप लगाया था।

उन्होंने आरोप लगाया कि आप उम्मीदवारों को पाला बदलने पर भाजपा की ओर से मंत्री पद और 15-15 करोड़ रुपये मिलने का प्रस्ताव मिला है। दिल्ली की 70 विधानसभा सीट के लिए पांच फरवरी को मतदान हुआ था और नतीजे शनिवार को घोषित किए जाएंगे। एसीबी के नोटिस में खास तौर पर केजरीवाल द्वारा ‘एक्स’ पर किए गए एक पोस्ट का जिक्र है, जिसमें उन्होंने भाजपा पर 16 आप उम्मीदवारों को पाला बदलने के लिए रिश्वत की पेशकश का आरोप लगाया है। नोटिस में केजरीवाल से यह पुष्टि करने के लिए कहा गया है कि क्या उन्होंने ‘एक्स’ पर यह पोस्ट किया था। इसके साथ ही कथित खरीद-फरोख्त के प्रयासों के बारे में उनसे विस्तृत जानकारी प्रदान करने को कहा गया है। इसमें उन 16 उम्मीदवारों के नाम भी मांगे गए हैं, जिन्हें फोन कॉल आए, उनसे संपर्क करने वालों के फोन नंबर और इन दावों को पुष्ट करने के लिए कोई भी सहायक सबूत मांगा गया है।

केजरीवाल को दिए गए एसीबी के नोटिस में कहा गया, ”विभिन्न मीडिया/सोशल मीडिया मंचों पर आपके और आपकी पार्टी के सदस्यों द्वारा लगाए गए खरीद-फरोख्त के दावे/आरोपों का समर्थन करने के लिए सबूत प्रदान करें।” नोटिस में संभावित कानूनी कार्रवाई की चेतावनी भी दी गई है, जिसमें केजरीवाल से यह बताने के लिए भी कहा गया है कि ऐसे आरोप फैलाने वालों पर दिल्ली के लोगों में ”दहशत और अशांति” पैदा करने के लिए मुकदमा क्यों नहीं चलाया जाना चाहिए। इससे पहले दिन में, दिल्ली के उपराज्यपाल वी. के. सक्सेना ने आम आदमी पार्टी (आप) के नेताओं के आरोपों की जांच एसीबी से कराने के आदेश दिए। हालांकि, आप ने एसीबी की कार्रवाई की कड़ी आलोचना की और इसे चुनाव परिणामों से पहले पार्टी को डराने का प्रयास बताया।

आम आदमी पार्टी के विधि प्रकोष्ठ के प्रमुख संजीव नसियार ने कहा कि एसीबी के पास कोई कानूनी नोटिस नहीं था और वे सिर्फ केजरीवाल के घर के बाहर बैठे रहे क्योंकि उन्हें नहीं पता कि क्या करना है। नसियार ने दावा किया, ”पहले तो उनके पास कोई कानूनी नोटिस नहीं था। डेढ़ घंटे बाद उन्होंने हमें नोटिस थमाया। यह पूरा नाटक उपराज्यपाल कार्यालय ने भाजपा के साथ मिलकर किया है। अधिकारी दबाव में थे।” सिंह ने आरोप लगाया कि 16 से ज्यादा आप उम्मीदवारों से संपर्क कर उन्हें पार्टी से अलग करने की कोशिश की गई है। राज्यसभा सदस्य ने कहा, ”हमने पहले ही एक ऐसे मामले का फोन नंबर जारी कर दिया है और अब हम शिकायत दर्ज कराने जा रहे हैं। जांच के दौरान सभी विवरण सामने आ जाएंगे। मैं भाजपा को चुनौती देता हूं कि कम से कम एक के खिलाफ कार्रवाई करके दिखाए।” हालांकि, भाजपा ने आप के आरोपों को खारिज करते हुए इन्हें निराधार बताया तथा कहा कि यह पार्टी की आंतरिक समस्याओं से ध्यान भटकाने का प्रयास है।