दिल्ली में 80,000 और लोगों को पेंशन लाभार्थियों में शामिल करने की आम आदमी पार्टी (आप) की घोषणा के कुछ ही घंटों बाद भारतीय जनता पार्टी (भाजपा) ने वादा किया कि अगर वह राष्ट्रीय राजधानी में सत्ता में आयी तो मांग करने पर सभी बुजुर्गों को वृद्धावस्था पेंशन उपलब्ध करायी जाएगी। दिल्ली में अगले साल की शुरूआत में चुनाव होने हैं। भाजपा ने ‘एक्स’ पर एक पोस्ट में आप की घोषणा को ”राजनीतिक दिखावा” बताया और दावा किया कि यह घोषणा उपयुक्त प्रशासनिक अधिकारियों के बजाय आप प्रमुख अरविंद केजरीवाल द्वारा की गई है। भाजपा ने कहा कि अगर अगले साल दिल्ली में पार्टी सत्ता में आती है तो शत प्रतिशत बुजुर्ग आबादी को मांग पर वृद्धावस्था पेंशन मिलेगी। आप की ओर से फिलहाल इस पर कोई प्रतिक्रिया नहीं आई है।
भाजपा की दिल्ली इकाई के अध्यक्ष वीरेंद्र सचदेवा ने सत्तारूढ़ पार्टी पर राजधानी की बुजुर्ग आबादी की जरूरतों को पूरा करने में विफल रहने का आरोप लगाते हुए कहा, ‘इस घोषणा के बाद भी, दिल्ली के 10 लाख बुजुर्गों में से आधे से अधिक लोग बीमा कवरेज के दायरे में नहीं हैं। यह सागर में एक बूंद के समान है।’ केजरीवाल ने सोमवार को आयोजित संवाददाता सम्मेलन में घोषणा की कि दिल्ली में अब 80,000 और लोग वृद्धावस्था पेंशन के लिए पात्र हैं, जिससे लाभार्थियों की कुल संख्या 5.3 लाख हो गई है। केजरीवाल ने दावा किया कि पेंशन के तौर पर दिल्ली में सबसे ज्यादा धनराशि दी जाती है जिसके तहत 60-69 वर्ष के बुजुर्गों को 2,000 रुपये और 70 वर्ष तथा उससे अधिक उम्र के बुजुर्गों को 2,500 रुपये प्रदान किए जाते हैं।
दावे का खंडन करते हुए भाजपा ने कहा कि हरियाणा में उसकी सरकार सबसे अधिक 2,750 रुपये प्रति माह वृद्धावस्था पेंशन प्रदान करती है। दिल्ली में चुनाव अगले साल होने की उम्मीद है क्योंकि 70 सदस्यीय विधानसभा का कार्यकाल 23 फरवरी को समाप्त हो रहा है। आप नीत सरकार लगातार तीसरी बार सत्ता में आने के लिए प्रयास कर रही है, जबकि भाजपा दिल्ली में वापसी करना चाहती है, जहां वह 1998 से सत्ता से बाहर है। आप ने 2020 के विधानसभा चुनाव में 62 सीट के साथ शानदार जीत हासिल की थी।