दिल्ली के मुख्यमंत्री अरविंद केजरीवाल के आवास पर यहां शनिवार को उस समय नाटकीय घटनाक्रम हुआ, जब अपराध शाखा की एक टीम भाजपा द्वारा आम आदमी पार्टी (आप) के कुछ विधायकों की खरीद-फरोख्त करने का प्रयास किए जाने के आरोपों की जांच के सिलसिले में नोटिस तामील करने वहां पहुंची। सहायक पुलिस आयुक्त (एसीपी) स्तर के अधिकारी के नेतृत्व वाली टीम ने इस बात पर जोर दिया कि नोटिस केजरीवाल को ही सौंपा जाएगा क्योंकि यह उनके नाम से है, जबकि मुख्यमंत्री आवास के अधिकारियों ने कहा कि वे नोटिस लेने के लिए तैयार हैं। परिसर के बाहर, आप नेता जैस्मिन शाह को उस कानूनी प्रावधान पर अपराध शाखा के एक अधिकारी से विवरण मांगते देखा गया, जिसके तहत वह केजरीवाल को ही नोटिस सौंपने पर अड़े हुए हैं। जैस्मिन शाह ने ‘एक्स’ पर एक वीडियो साझा करते हुए पोस्ट किया, ”मैंने मुख्यमंत्री अरविंद केजरीवाल के आवास के प्रवेश द्वार के सामने खड़े दिल्ली पुलिस के अधिकारी से यह सामान्य सवाल पूछा: वह किस कानून के तहत मुख्यमंत्री को व्यक्तिगत रूप से नोटिस सौंपने पर जोर दे रहे हैं? उनके पास कोई जवाब नहीं था। यह स्पष्ट है कि वे यहां केवल नौटंकी करने आए हैं।
दिल्ली सरकार में मंत्री सौरभ भारद्वाज ने दावा किया कि पुलिस जानबूझ कर मुख्यमंत्री कार्यालय में नोटिस नहीं दे रही है। उन्होंने ‘एक्स’ पर पोस्ट किया, ”यह (केंद्र की नरेन्द्र) मोदी सरकार के लिए बेहद शर्मनाक है। भाजपा आज पूरी तरह बेनकाब हो गई है। शुक्रवार को सभी भाजपा प्रवक्ताओं ने मुख्यमंत्री कार्यालय द्वारा पुलिस का नोटिस नहीं स्वीकार करने का आरोप लगाया। आज वे बेनकाब हो गये हैं। पुलिस एसीपी जानबूझकर मुख्यमंत्री कार्यालय में नोटिस नहीं दे रहे हैं। आप के एक और नेता संदीप पाठक ने कहा, ”सभी अधिकारियों को अब ना कहना सीखना होगा, भले ही वे (केंद्र से) कितने ही दबाव का सामना क्यों न करें। आप सूत्रों ने दावा किया कि पुलिस मुख्यमंत्री की छवि खराब करने के लिए मीडिया को अपने साथ लेकर आई।
अपराध शाखा की टीम शुक्रवार शाम को भी केजरीवाल और दिल्ली की मंत्री आतिशी के आवास पर पहुंची थी। सूत्रों ने कहा कि उन्हें कल शाम को नोटिस नहीं दिया जा सका क्योंकि केजरीवाल के आवास पर अधिकारियों ने इसे लेने से इनकार कर दिया था और आतिशी भी आवास पर मौजूद नहीं थीं। केजरीवाल ने पिछले सप्ताह आरोप लगाया था कि भाजपा ने दिल्ली में उनकी सरकार को गिराने के लिए उनके सात विधायकों को 25-25 करोड़ रुपए देने की पेशकश की है। दिल्ली की मंत्री आतिशी ने भी पिछले सप्ताह यहां संवाददाता सम्मेलन में आरोप लगाया कि भाजपा ने दिल्ली में ‘ऑपरेशन लोटस (कमल) 2.0’ शुरू किया है। आतिशी ने कहा, ”उन्होंने आप विधायकों को पैसे की पेशकश कर अपने पाले में करने की इसी तरह की कोशिश पिछले साल भी की थी, लेकिन वे असफल रहे। भाजपा की दिल्ली इकाई के प्रमुख वीरेंद्र सचदेवा के नेतृत्व में एक प्रतिनिधिमंडल ने ये आरोप लगाए जाने के बाद 30 जनवरी को शहर के पुलिस प्रमुख से मुलाकात की थी और आरोपों की जांच किए जाने की मांग की थी। दिल्ली स्थित पुलिस मुख्यालय में दिल्ली पुलिस आयुक्त संजय अरोड़ा से मुलाकात के बाद सचदेवा ने कहा था कि केजरीवाल से अपने आरोप साबित करने के लिए कहा गया था लेकिन ‘आप’ ने कोई सबूत नहीं दिया है।