दो दिन बाद दिल्ली-एनसीआर में खराब हो सकती है वायु गुणवत्ता, जानें कितना जा सकता है AQI

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दिल्ली-राष्ट्रीय राजधानी क्षेत्र (एनसीआर) में शनिवार को वायु गुणवत्ता ”बहुत खराब” रहने की आशंका के बीच, वायु गुणवत्ता प्रबंधन आयोग ने प्राधिकारियों को ‘ग्रेडेड रिस्पॉन्स एक्शन प्लान’ (जीआरएपी) का दूसरा चरण लागू करने का बुधवार को निर्देश दिया, जिसके बात होटल, रेस्तरां और खुले भोजनालयों में कोयला और एवं लकड़ियों में आग जलाने पर प्रतिबंध रहेगा। जीआरएपी के दूसरे चरण के तहत आवश्यक सेवाओं को छोड़कर डीजल जनरेटर का इस्तेमाल भी प्रतिबंधित है। जीआरएपी राजधानी और उसके आस-पास के क्षेत्रों में वायु प्रदूषण को काबू करने के लिए स्थिति की गंभीरता के अनुसार उठाए जाने वाले कदमों से जुड़ी योजना है।

इसे दिल्ली में प्रतिकूल वायु गुणवत्ता के चार चरणों के तहत वर्गीकृत किया गया है। वायु गुणवत्ता सूचकांक (एक्यूआई) के 201 से 300 के बीच यानी ‘खराब’ श्रेणी में होने पर प्रथम चरण लागू किया जाता है। वहीं, एक्यूआई के 301 से 400 के बीच यानी ‘बहुत खराब’ श्रेणी में होने पर दूसरा चरण, 401 से 450 के बीच ‘गंभीर’ श्रेणी में होने पर तीसरा चरण और 450 से अधिक यानी ‘अत्यधिक गंभीर’ श्रेणी में होने पर चौथा चरण लागू किया जाता है। जीआरएपी के तहत कदम उठाने के लिए गठित उपसमिति ने बुधवार को एक बैठक के दौरान क्षेत्र में वायु गुणवत्ता संबंधी परिदृश्य की समीक्षा की।

सीएक्यूएम ने एक आदेश में कहा कि यह पाया गया है कि दिल्ली में वायु गुणवत्ता खराब होने का पूर्वानुमान है और राजधानी में शनिवार से ठंडी हवाओं और स्थायी वायुमंडलीय परिस्थिति के अनुमान के कारण 22 अक्टूबर से एक्यूआई ‘बहुत खराब’ श्रेणी में पहुंच सकता है। आदेश में कहा गया, ”24 अक्टूबर को दिवाली के कारण स्थिति और बिगड़ने की आशंका है। इसमें कहा गया है कि वायु गुणवत्ता और खराब होने से रोकने के लिए उपसमिति ने जीआरएपी के दूसरे चरण को लागू करने का फैसला किया है।

चरण दो के तहत होटल, रेस्तरां और खुले भोजनालयों में कोयले के उपयोग और लकड़ी जलाने की अनुमति नहीं होती। राष्ट्रीय सुरक्षा, रक्षा से संबंधित गतिविधियों, राष्ट्रीय महत्व की परियोजनाओं, दूरसंचार, डेटा सेवाओं, चिकित्सा, रेलवे और मेट्रो रेल सेवाओं, हवाई अड्डों, अंतर-राज्यीय बस अड्डों और मल जल उपचार संयंत्र से संबंधित आवश्यक सेवाओं को छोड़कर डीजल जनरेटर के उपयोग की भी अनुमति नहीं होती। इस चरण में निजी वाहनों के इस्तेमाल को हतोत्साहित करने और बस एवं मेट्रो सेवाओं का उपयोग बढ़ाने के लिए अधिकारियों को पार्किंग शुल्क में वृद्धि करने का निर्देश दिया जाता है। चरण दो के तहत उठाए जाने वाले कदमों में हर दिन सड़कों की वैक्यूम-आधारित सफाई, धूल उड़ने से रोकने के लिए पानी का छिड़काव और निर्माण एवं विध्वंस स्थलों पर धूल नियंत्रण उपायों को सख्ती से लागू करना शामिल है। दिल्ली में लगातार चौथे दिन वायु गुणवत्ता ”खराब” श्रेणी में दर्ज की गयी और मौसम पूर्वानुमान एजेंसियों ने कहा कि यह शनिवार तक ”बहुत खराब” श्रेणी में जा सकती है। पिछले 24 घंटे का औसत वायु गुणवत्ता सूचकांक (एक्यूआई) शाम चार बजे 228 दर्ज किया गया।

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