मुख्यमंत्री रेखा गुप्ता पर हमला : अदालत ने दो आरोपियों के खिलाफ तय किए आरोप

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दिल्ली की एक अदालत ने शुक्रवार को उन दो व्यक्तियों के खिलाफ औपचारिक रूप से आरोप तय किये, जिन पर इस साल की शुरुआत में एक सार्वजनिक कार्यक्रम में दिल्ली की मुख्यमंत्री रेखा गुप्ता पर हमला करने का आरोप है। अतिरिक्त सत्र न्यायाधीश एकता गौबा मान ने कहा कि चूंकि पीड़िता एक सार्वजनिक हस्ती हैं, इसलिए मामले की सुनवाई बंद कमरे में होगी। अदालत में व्यक्तिगत रूप से पेश किए जाने के बाद न्यायाधीश ने सकरिया राजेशभाई खिमजीभाई और तहसीन रजा रफीउल्लाह शेख के खिलाफ औपचारिक रूप से आरोप तय किये, जिन्होंने आरोपों को स्वीकार नहीं किया। इससे पहले, 20 दिसंबर को अदालत ने गुप्ता पर कुछ महीने पहले एक कार्यक्रम में हुए हमले के दो आरोपियों के खिलाफ हत्या के प्रयास का आरोप तय करने का आदेश दिया था।

न्यायाधीश ने कहा था, ”प्रथमदृष्टया दोनों आरोपियों के खिलाफ भारतीय न्याय संहिता की धाराओं 61(2) (आपराधिक साजिश), 221 (लोक सेवक के सार्वजनिक कर्तव्य निर्वहन में बाधा डालना), 132 (लोक सेवक द्वारा कर्तव्य निभाने के दौरान आपराधिक बल का प्रयोग) और 109(1) (हत्या का प्रयास) के तहत दंडनीय अपराध के मामले बनते हैं।” गुप्ता पर 20 अगस्त को सिविल लाइंस इलाके में स्थित उनके कैंप कार्यालय में ‘जन सुनवाई’ कार्यक्रम के दौरान हमला हुआ था। उनके कार्यालय ने इस हमले को ‘उनकी हत्या की सुनियोजित साजिश’ का हिस्सा बताया था। गुजरात के राजकोट निवासी खिमजीभाई (41) को गिरफ्तार कर हत्या के प्रयास समेत अन्य आरोपों में मामला दर्ज किया गया था।

शेख पर खिमजीभाई के साथ मिलकर मुख्यमंत्री पर हमले की साजिश रचने का आरोप है। अभियोजन के अनुसार, दोनों आरोपियों ने गुजरात के राजकोट में एक साजिश रची थी और तहसीन ने पूरे हमले की साजिश रचने के लिए खिमजीभाई के खाते में 2,000 रुपये हस्तांतरित किये थे। दिल्ली पुलिस ने 18 अक्टूबर को दोनों आरोपियों के खिलाफ हत्या के प्रयास, लोक सेवक पर हमला करने और उसके कर्तव्य निर्वहन में बाधा डालने तथा आपराधिक साजिश समेत विभिन्न अपराधों के तहत 400 पृष्ठों का आरोप-पत्र दाखिल किया था।