सरकार की संदेशवाहक बनी बबीता फोगाट, पहलवानों ने की नये महासंघ की मांग

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तीन बार राष्ट्रमंडल खेलों की पदक विजेता और भाजपा नेता बबीता फोगाट बृहस्पतिवार को सरकार की ‘संदेशवाहक’ बनी और धरने पर बैठे पहलवानों को उनकी मांगे पूरी करने का आश्वासन दिया जो भारतीय कुश्ती महासंघ को भंग करने की मांग कर रहे हैं। तीन बार की राष्ट्रमंडल चैम्पियन विनेश फोगाट और ओलंपिक कांस्य पदक विजेता बजरंग पूनिया तथा साक्षी मलिक समेत भारत के शीर्ष पहलवान जंतर मंतर पर लगातार दूसरे दिन धरने पर बैठे। वे डब्ल्यूएफआई अध्यक्ष बृजभूषण शरण सिंह के खिलाफ प्रदर्शन कर रहे हैं जिन पर यौन उत्पीड़न के आरोप लगाये गए हैं। पूर्व पहलवान बबीता धरना स्थल पर आई और पहलवानों की मांगे सुनी।

उन्होंने कहा मैं हल निकालने की कोशिश करूंगी। मैं पहले पहलवान हूं और फिर राजनेता। मैं इनका दर्द समझती हूं और मैं इनकी मांगे पूरी करने की कोशिश करूंगी। बजरंग, अंशु मलिक, साक्षी और विनेश ने मांग की है कि डब्ल्यूएफआई को भंग करके नया महासंघ बनाया जाये। बबीता के जाते ही पहलवानों में से बजरंग, उनकी पत्नी संगीता, विनेश, सरिता मोर, अंशु मलिक, अंतिम पंघाल को खेल सचिव सुजाता चतुर्वेदी ने भी बातचीत के लिये बुलाया। विनेश ने बुधवार को दावा किया कि डब्ल्यूएफआई अध्यक्ष कई साल से महिला पहलवानों का यौन शोषण कर रहे हैं। सिंह ने इन आरोपों का खंडन किया है। विनेश ने यह भी आरोप लगाया कि लखनऊ में राष्ट्रीय शिविर में कई कोचों ने महिला पहलवानों का शोषण किया है।

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